यूरोप में कोरोना महामारी से बढ़ी हिमालय के इन लोगों की मुसीबतें
हिमालय में उगने वाली गुच्छी (मोर्चेला एस्कुलेंटा) मशरूम की सबसे अच्छी कीमत यूरोप के बाजार में मिलती है
फिर से मौसम की मार से आहत किसान, ओले और भारी बारिश से हुआ नुकसान
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 मार्च से 5 मार्च के बीच देश के कुल 683 मौसम क्षेत्रों में से 222 में से ...
बाढ़ में नहीं होगा फसल को नुकसान, वैज्ञानिकों ने बनाया रसायन
वैज्ञानिकों ने पौधों को पानी में खड़े रखने में मदद करने के लिए एक रसायन बनाया है, जो बाढ़, सूखा पड़ने पर फसल के ...
जामुन की पैदावार के लिए खतरा बन सकता है यह छिद्रक कीट: शोध
भारतीय शोधकर्ताओं ने जामुन के फलों के विकास के ऐसे महत्वपूर्ण चरणों का पता लगाया है, जो अनसेल्मेला केरची नामक छिद्रक कीट के प्रकोप ...
बंजर होते भारत में झारखंड सबसे ऊपर, मरुस्थलीकरण की जद में 68.98 फीसदी हिस्सा
झारखंड में 60 से 70 फीसदी जमीन जबरदस्त अम्लीय है। ऐसे में प्रति हेक्टेयर 3 से 4 कुंतल डोलामाइट के जरिए इस अम्लीयता को ...
कृषि शिक्षा लेने के बाद खेती नहीं कर रहे हैं युवा
देश में कृषि और कृषि शिक्षा की व्यापक पड़ताल करती रिपोर्ट्स की सीरीज में प्रस्तुत है छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ...
कृषि शिक्षा से तबाह हुई परंपरागत खेती
देश में कृषि और कृषि शिक्षा पर व्यापक पड़ताल के बाद डाउन टू अर्थ द्वारा एक सीरीज शुरू की गई है। पेश है सीरीज ...
शोध और अनुसंधान के दम पर ही अफ्रीका के बजाए भारत में हुई हरित क्रांति
भारत में कृषि और कृषि शिक्षा की दशा को लेकर डाउन टू अर्थ ने व्यापक पड़ताल की, जिसे एक सीरीज के तौर पर प्रकाशित ...
किसान को मॉनीटर पर दिखेगा कहां नहीं गिरे हैं बीज
वैज्ञानिकों ने सीड ड्रील की नई तकनीक का इजाद किया है जिससे बुआई के दौरान किसान को पता चल जाएगा खेत के किस हिस्से ...
सियासत में पिसता गन्ना-4: चीनी मिलों पर सत्ताधारी नेताओं का कब्जा
गन्ना किसानों की यूनियन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी का कहना है कि चीनी मिलों में राजनेताओं के कब्जे के कारण गन्ना ...
आर्थिक सर्वे : किसानों ने कम किया उपभोग तो नीचे बैठ गई विकास दर
सस्ते अनाज ने किसानों को कम पैदावार के लिए मजबूर किया जिसके कारण उपभोग पर भी खर्च कम हुआ।
लगान मुक्ति कानून की मांग पर अपमान झेल रहे कोसी के मजबूर किसान
कोसी के दो तटबंधों के बीच मौजूद 380 गांव के लाखों किसानों को कोसी के कहर के साथ अब सरकार के अपमान का भी ...
निजी या सरकारी: कृषि पर कौन कर रहा है कितना निवेश
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कृषि में अधिक निजी निवेश चाहते हैं, लेकिन यह पहले से ही निजी निवेश पर कायम है
मंत्री जी, न खेती की हालत अच्छी है और न किसान की
नए कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने सबसे अधिक चुनौतियां हैं। आंकड़ों में जानिए क्या है वर्तमान हालात ...
विदेशी आक्रमण, भाग तीन : एफएडब्ल्यू का नई फसलों पर भी हमला शुरू
“विदेशी आक्रमण” श्रृंखला की तीसरी कड़ी में आज जानिए, फॉल आर्मीवर्म नामक विदेशी कीड़े के हमले से पीड़ित दक्षिण के राज्यों व महाराष्ट्र का हाल।
कॉरपोरेट के नियंत्रण में खेती से किसका भला होगा
कॉरपोरेट से खेती कराने को लेकर भारत सहित दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इससे फायदा किसको ...
जहर का आयात!
अमेिरका से अनुवांशिक संशोधन युक्त पशु आहार बीज के आयात का प्रस्ताव भारत के पशुधन उद्योग के लिए एक बड़े खतरे की आहट है
नीति आयोग लघु सिंचाई निजी हाथों में देना चाहता है
माना जा रहा है कि वर्तमान कार्यक्रमों और उपलब्ध बजट के तहत भारत में लघु सिंचाई की पूर्ण क्षमता विकसित होने में कम से ...
एक बार फिर रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान
देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 150.50 मिलियन टन अनुमान जताया गया है
“असंवेदनशील शासन से नहीं निकलेगा समस्या का समाधान”
पीवी राजगोपाल उर्फ राजाजी आज देशभर के किसानों की एक सशक्त आवाज बन गए हैं
50 साल पहले की तुलना में 3 गुना अधिक बढ़ी प्राकृतिक आपदाएं: एफएओ
कृषि से दुनिया भर में 2.5 अरब से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है
17 साल से लगातार कृषि क्षेत्र में कम हो रहा है सरकारी निवेश
आम धारणा के विपरीत, वैश्विक अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगातार बढ़ रहा है
सरकार ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की सब्सिडी में कटौती कर 40 से 15 फीसदी किया
कृषि बजट अनुमान 2023-24 के दौरान पांच गुना से अधिक बढ़कर 1,25,035.79 करोड़ रुपये हो गया है। जिसके चलते कृषि और संबद्ध क्षेत्र का ...
खुद की जुबानी, प्याज की लंबी कहानी
प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में 19 सितंबर को एक ही दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल कीमतों में वृद्धि हुई, दिल्ली में ...
जैविक खेती का सच-4: कुछ ही राज्य ले रहे हैं दिलचस्पी
जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों को आगे आना होगा, लेकिन कुछ राज्यों को छोड़कर ज्यादातर राज्य इनकी अनदेखी ...