डब्ल्यूएचओ ने मरीजों के अधिकारों को रेखांकित करने वाला पहला मरीज सुरक्षा अधिकार चार्टर किया लॉन्च
सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल न मिल पाने के कारण हर साल 30 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है। निम्न और मध्यम आय ...
जग बीती: सरकारी अस्पतालों का हाल
80 प्रतिशत भारतीयों का स्वास्थ्य बीमा नहीं: सरकारी सर्वे
अधिकांश लोग अपनी बचत या उधार के पैसों से अस्पतालों का खर्च वहन करते हैं
नीति आयोग के राज्य स्वास्थ्य सूचकांक में केरल अव्वल, उत्तर प्रदेश सबसे पीछे
नीति आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए राज्य स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया
स्वास्थ्य बीमा से महरुम हैं कचरा बीनने वाले, 33 प्रतिशत के पास जनधन खाते नहीं
यूएनडीपी ने कचरा बीनने वालों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का बेसलाइन विश्लेषण जारी किया गया
“हम आयुष्मान कार्ड दिखाकर-दिखाकर थक गए हैं, इसका कोई फायदा नहीं है”
हापुड़ के आयुष्मान बीमा कार्ड धारकों का आरोप, प्राइवेट अस्पताल नहीं कर रहे इलाज
संसद में आज: 2023-24 के लिए नरेगा का अनुमानित बजट 60,000 करोड़ रुपये आवंटित
अब तक देश भर में निपाह वायरस के कुल 91 मामले दर्ज किए गए हैं
प्रयागराज के अस्पताल में चूहों का प्रकोप, उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से मांगी जानकारी
उच्च न्यायालय का कहना है कि यदि यह आरोप सही हैं तो ये मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है
पीएमजेएवाई का सच: केवल पांच लाख मरीजों को मिला फायदा, उत्तर प्रदेश-बिहार फिसड्डी
दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना समस्याओं से घिरी हुई है। महामारी ने क्रियान्वयन में कमियों और इसके प्रति अविश्वास को अधिक ...
पीएमजेएवाई का सच: कोविड-19 की दूसरी लहर में निजी बीमा कंपनियों ने की मनमानी
महामारी के दौरान बीमा दावों की संख्या बढ़ती रही, लेकिन निजी बीमा कंपनियों ने इन दावों के निपटारे में या तो देरी की या ...
जेनरिक दवा विवाद : चिकित्सक बोले जेनरिक दवा की गुणवत्ता संशयपूर्ण, मरीजों पर असर न होने पर सरकार ले जिम्मेदारी
यदि सरकार चाहती है कि चिकित्सक देश में केवल जेनरिक दवाइयां ही लिखें तो वह सभी फार्मा कंपनियों को सभी प्रकार की दवाइयों के ...
पीएमजेएवाई का सच: “महंगा साबित हो रहा है बीमा-आधारित हमारा मॉडल”
पुरानी कर-आधारित प्रणाली के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले देशों को अच्छे परिणाम मिल रहे हैं
पीएमजेएवाई का सच: लुटे मरीज, फायदे में रहे अस्पताल और बीमा कंपनियां
बीमा कंपनियां बीमा दावों का भुगतान में कमियों के लिए अस्पतालों को जिम्मेवार ठहरा रही हों, लेकिन कोविड काल से पहले भी कंपनियां मनमानी ...
ग्रामीण भारत में 14 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 8.5 प्रतिशत अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लेना पड़ता है कर्ज
छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अस्पताल में भर्ती होने के 10 प्रतिशत से अधिक मामलों में उधारी खर्च का मुख्य स्रोत बनी हुई है। ...
पीएमजेएवाई का सच: बीमा के भरोसे महामारी से निपटना संभव नहीं
विशेषज्ञों का दावा है कि अगर सरकार हेल्थकेयर पर खर्च करने में असफल होती है, तो इसका पूरा बोझ लोगों पर पड़ता है
बजट 2020-21: आवंटन में बिना इजाफे के कैसे बढ़ेगा आयुष्मान भारत
वित्त मंत्री ने सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर जिलों में पीएमजेएवाई को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल की घोषणा की, लेकिन निजी ...
स्वास्थ्य सुधारों को कटघरे में खड़ा करती एक किताब
जनस्वास्थ्य पर खर्च की बात करें, तो भारत दुनिया में सबसे कम खर्च करता है। यह खर्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.9 से ...
भविष्य में कितना प्रभावी रहेगा “राइट टू हैल्थ”
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को “राइट टू हेल्थ” को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करने का सुझाव दिया है
देश के 707 जिला अस्पतालों में से एक भी मानकों पर खरा नहीं उतरा
नीति आयोग ने पहली बार देश के जिला अस्पतालों के परफॉरमेंस का आकलन कर एक अध्ययन रिपोर्ट जारी की
एसओई इन फिगर्स 2022: स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौन सा राज्य आगे और कौन पीछे?
19 बड़े राज्यों में से चार ने 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है जबकि पांच राज्य रैंकिंग में पिछड़े ...
हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर रोज करीब 4.8 रुपए खर्च करती है सरकार
स्वास्थ्य पर किए जा रहे कुल खर्च में सरकार की हिस्सेदारी करीब 40.8 फीसदी है जबकि इसके विपरीत लोगों द्वारा अपनी जेब से इसपर ...
दूरदर्शी और कारगर है पीएमबीजेपी
जनऔषधि केंद्र हमारे समाज के एक बड़े वर्ग की 1,451 जेनेरिक दवाओं और 240 सर्जिकल वस्तुओं की सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं
इलाज के लिए शहरियों के मुकाबले ग्रामीण लेते हैं ज्यादा कर्ज
अस्पतालों में भर्ती होने की नौबत आने पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इलाज भारी पड़ रहा है। ग्रामीण भारत में अस्पतालों ...
एसओई इन फिगर्स 2023: स्वास्थ्य क्षेत्र में दिल्ली सर्वश्रेष्ठ, मध्य प्रदेश फिसड्डी
दिल्ली ने अपने बजट का उच्चतम हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च किया है और यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का एक मजबूत नेटवर्क है। हालांकि यहां टीकाकरण ...
संसद में आज: प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस साल हो चुकी है 889 लोगों की मौत
क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ पैकेज, 2022 का नया संस्करण?