जल बिन प्यासे शहर, भाग तीन: डे जीरो की ओर बढ़ रहे महानगर, बेंगलुरु बना मिसाल
बेंगलुरु में भूजल दोहन लगातार बढ़ रहा है, शहर में 4 लाख से अधिक ट्यूबवेल हैं। वहीं भूजल रिचार्ज भी पर्याप्त मात्रा में नहीं ...
जल बिन प्यासे शहर, भाग एक: क्यों बेंगलुरु में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, कहां रह गई कमी?
बेंगलुरु का विकास ही इसकी झीलों और तालाबों को खत्म करके किया गया है, जोकि हमारे पानी की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं
जल बिन प्यासे शहर, भाग दो: जलसंकट से उबरने के लिए बेंगलुरु को करने होंगे ये काम
शहर को पानी की किल्लत से निपटने के लिए रिचार्ज, दोबारा इस्तेमाल और रिसाइकल करना जरूरी है
जल बिन प्यासे शहर, भाग चार: “डे जीरो” के करीब पहुंचा जयपुर
निवासियों में अब भी जल संरक्षण के अहम तरीकों के बारे में जागरुकता की कमी है - रोहित गोयल
साफगोई: आज बेंगलुरु, कल आपका शहर
जलवायु संकट के इस दौर में जल अभियंताओं को जमीनी हकीकत समझनी होगी और फिर से विचार कर कदम उठाने होंगे
क्या बिना सहमति के चल रहा है इफको का अमोनिया संयंत्र, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश
कोर्ट ने समिति से प्लांट के कारण होने वाले प्रदूषण और नुकसान का आंकलन करने को कहा है