वैज्ञानिकों ने नई विशाल वाटर लिली की प्रजाति को खोज निकाला
यह दुनिया की सबसे बड़ी वाटर लिली के रूप में स्थापित है, जिसके पत्ते 3 मीटर से अधिक चौड़े हैं।
जैव-विविधता पर जिनेवा सम्मेलन: आकांक्षापूर्ण लक्ष्यों की जरूरत क्योंकि पहले ही हो चुका काफी नुकसान
जानवरों और पौधों की दस लाख प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही हैं और इनमें से हजारों तो कुछ दशकों के ...
10 लाख प्रजातियों पर खतरा, इंसान है जिम्मेवार : रिपोर्ट
जैव-विविधता और पारिस्थितिकी सेवाओं के अंतर सरकारी विज्ञान नीति मंच (आईपीबीईएस) ने अपनी वैश्विक आकलन रिपोर्ट जारी कर दी है, जो काफी डराने वाली ...
दस लाख जीवों और पौधों की प्रजातियों की विलुप्ति को रोक सकते हैं ये पांच तरीके
जैव विविधता के नुकसान को बहाल करने के लिए, हम जो खाते हैं और कितना उपभोग करते हैं, दोनों को बदलना होगा।
कैसे बचेगी जैवविविधता, जब एक रेंजर पर है 72 वर्ग किलोमीटर की जिम्मेवारी
वैश्विक स्तर पर संरक्षित क्षेत्रों की देखरेख करने के लिए कुल 555,436 कर्मी हैं, जिनमें 285,794 रेंजर भी शामिल हैं
बहुत छोटे इलाकों में सबसे अधिक पाई जाती है पौधों की विविधता: अध्ययन
अध्ययन में, टीम ने पृथ्वी के सभी जलवायु क्षेत्रों से लगभग 170,000 वनस्पति भूखंडों के डेटासेट का विश्लेषण किया
किस तरह हुआ दूध और शहद की भूमि कही जाने वाली उत्तरी तिब्बत का विकास
यह अध्ययन समझने के लिए महत्वपूर्ण है कि पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाकों और वहां की जैव विविधता, जलवायु तथा इस उल्लेखनीय समृद्ध क्षेत्र ...
जैव विविधता (संशोधन) अधिनियम 2021: सरकार की मंशा और जन सरोकार
केंद्र सरकार जैव विविधता कानून में संशोधन करने जा रही है, इसके लिए संसद की संयुक्त समिति ने लोगों से आपत्तियां या सुझाव मांगे ...
सीबीडी कॉप 15: महाविनाश का हथियार बन गई है मानवता, धरती का 75 प्रतिशत हिस्सा बदला
वैश्विक स्तर पर पौधों व पशुओं की 10 लाख प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए हम इंसान और हमारी ...
महाराष्ट्र की मुठा नदी के किनारे से 200 से अधिक पौधों की प्रजातियां हुई गायब: अध्ययन
साल 1958 में किए गए इसी तरह के एक सर्वेक्षण में, विट्ठलवाड़ी से यरवदा के बीच 12 किमी नदी के हिस्से पर 400 से ...
अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर जानें पहाड़ों के बारे में कुछ खास बातें
दुनिया के 80 प्रतिशत भोजन की आपूर्ति करने वाली 20 पौधों की प्रजातियों में से छह की उत्पत्ति पहाड़ों में हुई, जिनमें मक्का, आलू, ...
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है
किस तरह हो शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन: शोध
शहरीकरण का प्रभाव शहरों में अलग-अलग होता है, गर्म और कम वनस्पति वाले शहरों में वन्यजीव विविधता में अधिक गंभीर गिरावट देखी जा रही ...
जीव आधारित परागणकों पर निर्भर हैं 90 फीसदी फूलों वाले पौधों की प्रजातियां
अध्ययन के मुताबिक, 64 से 68 फीसदी परिवार, 88 फीसदी जाति और फूलों के पौधों की 90 फीसदी प्रजातियां जीवों के परागण पर निर्भर ...
खास रिपोर्ट: भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना
अपने व्यापक फैलाव के लिए कुख्यात लैंटाना झाड़ी अपनी प्रवृत्ति बदल रही है और तेजी से भारत के जंगलों में फैल रही है
भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी ततैया की नई प्रजाति, पर्यावरण थिंक टैंक “अत्री” के नाम पर रखा गया नाम
परजीवी ततैया की इस नई प्रजाति का नाम ‘अत्री राजथे’ रखा गया है, जबकि साथ ही ब्रोकोनिड ततैया के एक पूरे वंश (जीनस) का ...
पक्षियों के विलुप्त होने के खतरों को कम करता है जैव विविधता का बढ़ता स्तर:अध्ययन
अध्ययन में प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के नमूनों का उपयोग करके शोधकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए एक नए डेटासेट का उपयोग किया गया है।
याद न रखी जाने वाली प्रजातियां एक बार नहीं दो बार विलुप्त होती हैं: शोध
कई देशों में पारंपरिक जड़ी-बूटियों की जगह आधुनिक चिकित्सा ने ले लिया है जिसने कई औषधीय पौधों से संबंधित सामान्य ज्ञान को कम कर ...
तेजी से विलुप्त हो रही हैं भारतीय पेड़ों की यह प्रजातियां
भारत को आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ों की उन स्थानिक प्रजातियों को बचाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो तेजी से लुप्त होती जा ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची 100 से अधिक प्रजातियों को बचाया जा सकता है
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि 102 प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है, यदि समय रहते कार्रवाई की जाय तो इन ...
विदेशी आक्रामक प्रजाति को संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने देशों को दिए सुझाव
विदेशी आक्रामक प्रजातियां न सिर्फ जैव विविधता को नुकसान पहुंचा सकती हैं बल्कि लोगों की आजीविका पर भी संकट पैदा कर सकती हैं।
मिसाल: ठेंगापाली से हरियाली बचाने वाले शख्स के बारे में जानते हैं आप?
इस काम को भावी पीढ़ी भी जाने इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इस काम को राज्य के पाठ्यक्रम में जगह दी है
हरेला: प्रकृति से जुड़ा लोक पर्व
16 जुलाई को उत्तराखंड में लोक पर्व हरेला मनाया जाएगा
टाइमलाइन: यह है धरती का 450 करोड़ साल का सफर
450 करोड़ साल पहले धरती बनी थी, तब से लेकर अब तक क्या हुआ, यहां समझिए-
वैज्ञानिकों ने खोजी फर्न की नई प्रजाति
धरती पर फर्न की प्रजातियां शुरुआती क्रेटेशियस अवधि में 14.5 करोड़ साल पहले दिखाई दिए थे