नदियों के मौसमी प्रवाह में रुकावट डाल रही है बदलती जलवायु, बढ़ सकता है जल संकट
बर्फ पिघलने वाले क्षेत्रों में वसंत और गर्मियों की शुरुआत में नदी के स्तर में कमी के कारण नदी के किनारे की वनस्पति और ...
भारत के जंगलों में 60 प्रतिशत तक बढ़ सकता है आग लगने का खतरा: आईआईटी रिसर्च
आशंका है कि देश के शुष्क जंगलों में, आग लगने के गंभीर खतरे वाले दिनों की संख्या 60 फीसदी तक बढ़ जाएगी
तमिलनाडु के टाइगर रिजर्व में मिली स्किंक्स की नई प्रजाति
वैज्ञानिकों ने तमिलनाडु के एक जंगल में ट्रेपेज़ॉयड या चतुर्भुज के आकार के नाक वाली एक नई प्रजाति की खोज की है
बैठे ठाले: अगले जनम मोहे कूनो न भेजियो!
“प्रभु मुझे कूनो नहीं भा रहा है। मैं चाहती हूं कि आप मुझे नामीबिया भेज दें जहां मैं सत्यवान के बच्चों की मां बन ...
भारत में हैं 718 हिम तेंदुए, लद्दाख में सबसे ज्यादा 477, उत्तराखंड में 124 की हुई पुष्टि
भारत में 718 हिम तेंदुओं के पाए जाने की पुष्टि हुई है। देश में सबसे ज्यादा 58 फीसदी हिम तेंदुए लद्दाख में हैं, जहां ...
क्या पारे के संपर्क में आने से उभयचरों की आबादी में आ रही है गिरावट? वैज्ञानिकों ने लगाया पता
उभयचरों में पारे को लेकर एक अध्ययन किया गया, जिसमें वैज्ञानिकों ने उनकी 26 तरह की आबादी से 14 प्रजातियों के 3,200 से अधिक ...
जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में नजरअंदाज नहीं की जा सकती वनों के संरक्षण की भूमिका, जानें महत्व
रिसर्च के मुताबिक संरक्षित वन क्षेत्र इतने कार्बन को अपने अंदर संजोए हुए हैं जितना उत्सर्जन जीवाश्म ईंधन के कारण हर साल हो रहा ...
दुनिया से विलुप्त हो सकती हैं 22 फीसदी प्रवासी प्रजातियां: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंता प्रवासी मछलियों को लेकर है, जिनकी 97 फीसदी प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा ...
फल खाने वाले पक्षियों के बिना कार्बन जमा करने में आएगी 38 फीसदी की कमी : अध्ययन
अध्ययन के आंकड़ों से पता चलता है कि कम घने जंगल पक्षियों की आवाजाही को सिमित करते हैं, जिससे कार्बन रिकवरी की संभावना 38 ...
जयपुर की नाहरगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी में व्यावसायिक गतिविधियां, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने जिला वनाधिकारियोंं की भूमिका की भी जांच करने को कहा है
जग बीती: हसदेव में सेल्फी प्वाइंट!
क्या जंगल में फैलती आग को रोकने में मददगार साबित हो सकती है केले के पेड़ों की बाड़
जलवायु में आते बदलावों और बढ़ते तापमान के साथ जंगल में लगने वाली आग की आशंका भी कहीं अधिक प्रबल होती जा रही है
उज्ज्वल त्योहारों का स्याह पक्ष: प्रकाश प्रदूषण में इजाफा कर रहे क्रिसमस, रमजान, दीवाली जैसे उत्सव
आदिवासी महिलाओं का रचना संसार, भाषाएं जुुदा-मायने एक
आदिवासी रचना संसार की नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के साथ हुए विश्वासघात से आहत तो है, लेकिन भावी पीढ़ी को सशक्त प्रतिवाद का स्वर ...
गर्म होते पानी से मछली के आकार पर पड़ रहा है अप्रत्याशित असर: अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग के कारण मछली जैसे जीव कम उम्र में तेजी से बढ़ेंगे लेकिन वयस्कों के रूप में उनका आकार छोटा होगा और मृत्यु ...
अपने आपको ठंडा रखने के लिए धीमी गति से यात्रा करते हैं बड़े जानवर: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक बड़े जानवर पहले की तुलना में गर्म जलवायु में निवास स्थानों के नष्ट होने से अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए इनके ...
पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2024 : कुल 180 देशों में भारत 176वें पायदान पर
सूचकांक में स्वच्छता एवं पेयजल के मामले में भारत को दक्षिण एशियाई देशों में 25.6 अंको के साथ आठवें, यानी सबसे अंतिम स्थान हासिल ...
भारत में तेजी से बढ़ रहा है पौधों की आक्रामक प्रजातियों का कब्जा, लैंटाना सबसे अधिक खतरनाक
अध्ययन में शामिल 11 आक्रामक पौधों की प्रजातियों में लैंटाना कैमारा को सबसे अधिक आक्रामक पाया गया, जो कब्जा किए गए प्राकृतिक आवास के ...
बिहार: समुदाय ने बनाया मोर गांव, सरकारी उदासीनता ने किया बंटाधार
आरण और माधोपुर गांव में स्थानीय लोगों की कोशिशों के चलते ही मोर गांव बने, लेकिन सरकार अपनी भागीदारी नहीं निभा पाई
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व: गर्मियों में पानी के लिए नहीं भटकेंगे जंगली जानवर!
बाघों और अन्य वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए घास के मैदानों में पानी के गड्ढों को भरने के लिए सौर ऊर्जा से ...
हाथियों के आक्रामक व्यवहार के लिए काफी हद तक दोषी है इंसानी हस्तक्षेप
रिसर्च से पता चला है कि हाथियों के झुंड प्राकृतिक जंगलों की तुलना में मानव-परिवर्तित घास के मैदानों में भोजन के लिए कहीं ज्यादा ...
पालन-पोषण में न हो हेराफेरी तो चिड़ियाघर में रह रहे मांसाहारी जीवों का बदल सकता है व्यवहार
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जब जानवरों को अतिरिक्त सेवाएं दी गई, तो सक्रिय रहने में बिताया गया उनका समय एक चौथाई से लेकर उनके ...
खदानों से बचे अवशेष और कचरे से खतरे में है संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र
रिसर्च से पता चला है कि नौ फीसदी खनन अवशेष भंडारण सुविधाएं संरक्षित क्षेत्रों के भीतर, जबकि 20 फीसदी संरक्षित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर ...
डार्विन दिवस: कैसे विकास के सिद्धांतों ने पृथ्वी पर जीवन के बारे में हमारी जानकारी बढ़ाई
डार्विन ने 1859 में "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज" नामक पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें प्राकृतिक चयन के मामले का वर्णन किया गया था।
अंग कट जाने के बाद भी अपने शरीर के साथ तालमेल बैठा लेते हैं जंगली जानवर: शोध
कई जंगली जानवर न केवल अंग कटने के बाद के खतरों से बच जाते हैं, बल्कि यह भी सीखते हैं कि बिना अंग के ...