समुद्री जैव विविधता के बारे में पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है ईडीएनए
ईडीएनए गोताखोरों द्वारा प्रजातियों के बारे में पता लगाने की तुलना में ज्यादा सटीक और अधिक संख्या में पता लगाने में सक्षम है
5,000 करोड़ से ज्यादा पक्षियों का घर है धरती, हम इंसानों से छह गुना हैं ज्यादा
इन पक्षियों में एक तरफ गौरैया है जिनकी कुल वैश्विक आबादी 160 करोड़ से भी ज्यादा है, वहीं 12 फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी आबादी 5,000 से भी कम है
धरती का केवल 2.8 फीसदी हिस्सा ही रह गया है अनछुआ, पिछले अनुमान से 10 गुना है कम
जो क्षेत्र आज भी अनछुए हैं उनका केवल 11 फीसदी हिस्सा संरक्षित क्षेत्रों के अंदर आता है| इनमें काफी क्षेत्र ऐसे हैं जो आज ...
लुप्त हो रहे हिमालयन आईबैक्स को बचाने आए लोगों ने शुरू की अनूठी पहल
इंटरनेशनल यूनियन फार कंजरवेशन आफ नेचर की ओर से रेड लिस्ट में शामिल आईबैक्स का शिकार करने वाले का सामाजिक बहिष्कार के साथ हुक्का पानी ...
घातक है प्राकृतिक जंगल काटना, करते हैं कृत्रिम जंगल से 23 फीसदी अधिक कार्बन कैप्चर
भारत में किये इस अध्ययन के अनुसार जिन जंगलों में वृक्षों की कई प्रजातियां साथ-साथ पायी जाती हैं, वहां कार्बन अधिक मात्रा में अवशोषित ...
2019 विज्ञान की चुनिंदा तस्वीर : मम्मा से आया मैमल्स, पहला स्तनधारी चूहा धरती से विलुप्त
मुरिडे परिवार में रहने वालों के दांत ही उनकी बड़ी पहचान हैं। छोटे, पैने और तीखे दांत सब कुछ कतर देते हैं, जिन्हें हम ...
सांभर झील: पर्यटन विकास से बढ़ा पक्षियों के लिए खतरा
18 हजार से अधिक पक्षियों की मौत के लिए जिम्मेवार सांभर झील में लगातार पयर्टन विकास की योजनाएं चलाई जा रही हैं, इसका नुकसान ...
उत्तराखंड में दस हेक्टेयर क्षेत्र में होंगे पेड़, तो भी नहीं माना जाएगा जंगल
उत्तराखंड सरकार जल्द ही एक शासनादेश जारी करने वाली है, जिसके बाद 10 हेक्टेयर क्षेत्र तक में घने पेड़ होने के बावजूद उस इलाके ...
भारतीय जैव विविधता पर विदेशी खरपतवार का हमला
एक विदेशी आक्रमणकारी पौधा लुडविगिया पेरूविया असम के धनसीरी नदी के जलग्रहण क्षेत्र और कोपिली नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित स्थानीय जैव विविधता ...
विश्व वन्यजीव दिवस: जानिए क्यों मनाया जाता है, क्या है इस साल का विषय
जंगली जीवों और वनस्पतियों की 8,400 से अधिक प्रजातियां गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, जबकि 30,000 से अधिक लुप्तप्राय या खतरे में हैं
विलुप्ति के कगार पर पहुंची प्रजातियों की सूची लंबी हुई
प्रजातियों की विलुप्ति रोकने का लक्ष्य 2020 तक हासिल करना है, लेकिन लगातार विलुप्ति बढ़ने की बातें सामने आ रही हैं
कैसे बचेगी जैवविविधता, जब भारत का महज 6 फीसदी से भी कम हिस्सा है संरक्षित
यदि पिछले 10 वर्षों के रुझानों को देखें तो भारत के संरक्षित क्षेत्रों में केवल 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस रफ्तार से ...
खोज: मणिपुर की प्रागैतिहासिक गुफा में मिली चमगादड़ की बारह नई प्रजातियां
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के शोधकर्ताओं ने मणिपुर में छोटे स्तनधारी जीवों पर किए जा रहे एक अध्ययन के दौरान चमगादड़ों की 12 नई ...
जैव विविधता को बचाने के लिए धरती के 44 फीसदी हिस्से को करना होगा संरक्षित
जैवविविधता को बचाने के लिए धरती पर 6.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संरक्षित करना होगा, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान में रखना ...
विलुप्त होने की कगार पर हैं एक तिहाई शार्क और रे, जरुरत से ज्यादा मछलियों का शिकार है जिम्मेवार
मनुष्यों द्वारा मछलियों का बढ़ता शिकार इन मछलियों पर मंडराते संकट की सबसे बड़ी वजह है उसके साथ ही उनके आवास को हो रहा ...
48 वर्षों में वन्य जीवों की आबादी में दर्ज की गई 69 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट
लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक नदियों में पाए जाने वाले जीवों की करीब 83 फीसदी आबादी अब नहीं बची है
सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य
23 लक्ष्यों में कृषि सब्सिडी को कम करना, व्यवसायों को उनके जैव विविधता प्रभावों का आकलन और आक्रामक प्रजातियों के संकट से निपटना शामिल ...
वनों की बहाली में नजरअंदाज नहीं की जा सकती छोटे-बड़े पक्षियों और जानवरों की भूमिका
बीजों को बिखेर कर पक्षी और जानवर उजड़े हुए जंगलों में पेड़-पौधों की विविधता को फिर से कायम करने में मदद करते हैं
गर्म होती जलवायु में परागणकर्ता कीटों को आश्रय देते हैं जंगल
शहरी क्षेत्रों में मधुमक्खियों पर अधिक औसत तापमान का असर दिखाई दिया, जिसके कारण इन इलाकों में उनकी आबादी में गिरावट देखी गई
डंक रहित मधुमक्खी के शहद में होते हैं विशेष गुण
दो मलेशियाई और एक ब्राजील की मधुमक्खी के शर्करा में 85 प्रतिशत तक ट्रेहुलुलोज पाया गया है
उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहने वाले पक्षियों की आबादी में आई भारी गिरावट
शोध से पता चला कि पक्षियों की 40 प्रजातियों में 70 फीसदी की गिरावट देखी गई और 35 प्रजातियों ने अपनी आधी संख्या खो ...
कोरोना महामारी: प्रकृति को फिर से खुशहाल और समृद्ध करने का समय
कोरोनावायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज को हिला दिया है। प्रकृति रीसेट बटन दबा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भारी गिरावट की स्थिति में हैं
लाइकेन और पौधों की 771 प्रजातियां होने वाली हैं खत्म, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
दुर्लभ पौधों के लिए जलवायु परिवर्तन के खतरे को स्वीकार करना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इनमें से कई प्रजातियों को फिर से हासिल ...
क्यों खतरे में हैं दुनिया के आधे से ज्यादा ताड़ के पेड़?
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में ताड़ की लगभग 1,889 प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का जायजा लिया है, इनमें से करीब 56 फीसदी प्रजातियां ...
मधुमक्खियों के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहे हैं कीटनाशक
रिसर्च से पता चला है कि कीटनाशकों के संपर्क में आने से मधुमक्खियों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिस वजह से उनका ...