इंडोनेशिया में खोजा गया दुनिया का सबसे छोटा नुकीले दातों वाला मेंढक, जानिए क्यों है विशेष
इस नई प्रजाति का वैज्ञानिक नाम ‘लिम्नोनेक्टेस फाइलोफोलिया’ है। यह नन्हें जीव पत्तियों पर अंडे देते हैं, जहां नर मेंढक अंडों की रक्षा करते ...
एंडीज में हुई दो लुप्तप्राय मेंढक प्रजातियों की खोज
1,000 से अधिक उभयचर प्रजातियां जिनमें केंट्रोलेनिडाए परिवार के 83 जीव शामिल हैं।
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है
टाइमलाइन: यह है धरती का 450 करोड़ साल का सफर
450 करोड़ साल पहले धरती बनी थी, तब से लेकर अब तक क्या हुआ, यहां समझिए-
हरेला: प्रकृति से जुड़ा लोक पर्व
16 जुलाई को उत्तराखंड में लोक पर्व हरेला मनाया जाएगा
वैज्ञानिकों ने खोजी फर्न की नई प्रजाति
धरती पर फर्न की प्रजातियां शुरुआती क्रेटेशियस अवधि में 14.5 करोड़ साल पहले दिखाई दिए थे
प्रकृति को बचाने के अपने ही तय लक्ष्यों को पूरा नहीं कर रहे हैं कई देश
1970 के बाद से 70 प्रतिशत के करीब जंगली जानवर, पक्षी और मछलियां गायब हो गई हैं
24 घंटे में 19 सेकेंड के बराबर है धरती पर मनुष्य की मौजूदगी
पृथ्वी के इतिहास में पहली बार केवल एक प्रजाति पूरे ग्रह को रूपांतरित कर रही है
विश्व गौरैया दिवस: बचाने के हर संभव प्रयास जरूरी
हमारी आधुनिक जीवन शैली गौरैया के रहने के लिए बाधा बन गई है
जैव-विविधता की अनूठी मिसाल है छोटी-काशी की प्राकृतिक धरोहर
साल भर जल उपलब्धता की वजह से पशु-पक्षियों के आश्रय-स्थल बने बूंदी के जंगल
पक्षियों और लोगों को क्यों पसंद आते हैं हरेभरे शहरी इलाके?
अध्ययन के मुताबिक, समृद्ध शहरी जैव विविधता न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी फायदेमंद है।
लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने में मदद कर सकते हैं तकनीक और अर्थनीति, लेकिन कैसे?
शोध के मुताबिक, लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए तकनीक से आंकड़ों को जोड़ने, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने, लोगों को प्रकृति से ...
भारत के पश्चिमी घाट में अनोखे जननांग वाले केकड़े की लाल रंग की नई प्रजाति की हुई खोज
अध्ययन में कहा गया है कि रक्त के समान लाल रंग का घाट में रहने वाला केकड़ा लगभग 1.1 इंच चौड़ा और लगभग 0.7 ...
जग बीती: कौन करेगा विलुप्ति की फिक्र
भीमबेटका में मिले करोड़ों साल पुराने डिकिंसोनिया जीवाश्म
यहाँ लगातार हो रहे शोधों के बावजूद इस दुर्लभ जीवाश्म से अब तक परदा नहीं उठ सका था
जारी है जैव विविधता में गिरावट
जैव विविधता में हो रहा क्षय मानव गतिविधियों का मिला-जुला परिणाम है
कवकों की 20 लाख से ज्यादा प्रजातियों से अनजान दुनिया, महज 155,000 को किया जा सका है दर्ज
दुनिया में फंगी यानी कवकों को 25 लाख से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें 90 फीसदी से भी ज्यादा से दुनिया अनजान है
अच्छे फूलों वाली जगहों को याद रखते हैं बड़े भौंरे
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि भौंरा हमेशा किसी खास फूल पर ही बैठता हैं
टाइम बम की तरह हैं आक्रामक पौधे, जैव विविधता को पहुंचा रहे हैं भारी नुकसान
शोध टीम ने पाया कि जिन आक्रामक पौधों का उन्होंने विश्लेषण किया, उनमें से लगभग एक-तिहाई के तीव्र विस्तार के बीच की अवधि का ...
पक्षियों की 12 फीसदी प्रजातियों के लिए काल बन चुका है इंसान
रिसर्च से पता चला है कि आधुनिक मानव इतिहास में पक्षियों की करीब 1,430 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश के लिए ...
अधिक संख्या में पाई जाने वाली प्रजातियों के गायब होने से कीटों की संख्या में आ रही है गिरावट: शोध
अध्ययन के निष्कर्ष इस विचार को चुनौती देते हैं कि कीट जैव विविधता में बदलाव दुर्लभ प्रजातियों के गायब होने के कारण होता है।
हमारे लिए क्यों उपयोगी है जैव विविधता?
भारत दुनिया के 17 सबसे अधिक जैव विविधता वाले देशों में से एक है।
पौधों और कवकों की शीर्ष दस प्रजातियों को दिया गया नया वैज्ञानिक नाम
रॉयल बोटेनिक गार्डन, केव के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ मिलकर 2023 में विज्ञान के लिए नए शीर्ष 10 पौधों और कवकों की ...
देशी प्रजातियों पर विदेशी हमला, भाग-एक: वैश्विक पारिस्थितिकी को खतरा, विलुप्त हुई दो तिहाई प्रजातियां
विदेशी आक्रामक प्रजातियों ने दो-तिहाई प्रजातियों को विलुप्त कर दिया है और वैश्विक पारिस्थितिकी को खतरे में डाल दिया है
ओडिशा के समुद्री तट पर छह लाख से अधिक कछुए अंडे देने पहुंचे
यह संख्या में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है, इसके पहले यह संख्या साढ़े पांच लाख थी