कैसे बचेगी जैवविविधता, जब भारत का महज 6 फीसदी से भी कम हिस्सा है संरक्षित
यदि पिछले 10 वर्षों के रुझानों को देखें तो भारत के संरक्षित क्षेत्रों में केवल 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस रफ्तार से ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची प्रजातियों की सूची लंबी हुई
प्रजातियों की विलुप्ति रोकने का लक्ष्य 2020 तक हासिल करना है, लेकिन लगातार विलुप्ति बढ़ने की बातें सामने आ रही हैं
ताजे पानी की एक चौथाई मछलियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा: आईयूसीएन
रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और बेतहाशा किया जा रहा शिकार इन प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है
भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी सीर मछली की दो और प्रजातियां, जानें क्या है इनकी खासियत
सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) के वैज्ञानिकों ने भारतीय जल क्षेत्र में सीर मछली की दो और प्रजातियों की खोज की है
48 वर्षों में वन्य जीवों की आबादी में दर्ज की गई 69 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट
लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक नदियों में पाए जाने वाले जीवों की करीब 83 फीसदी आबादी अब नहीं बची है
वैज्ञानिकों ने काजीरंगा उद्यान में जलवायु व वनस्पति में हुए बदलावों का पता लगाने के लिए बनाया उपकरण
शोध में कहा गया है कि यह उपकरण पूर्वोत्तर भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अतीत के शाकाहारी और पारिस्थितिकी अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण ...
गर्म होती जलवायु में परागणकर्ता कीटों को आश्रय देते हैं जंगल
शहरी क्षेत्रों में मधुमक्खियों पर अधिक औसत तापमान का असर दिखाई दिया, जिसके कारण इन इलाकों में उनकी आबादी में गिरावट देखी गई
सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य
23 लक्ष्यों में कृषि सब्सिडी को कम करना, व्यवसायों को उनके जैव विविधता प्रभावों का आकलन और आक्रामक प्रजातियों के संकट से निपटना शामिल ...
वनों की बहाली में नजरअंदाज नहीं की जा सकती छोटे-बड़े पक्षियों और जानवरों की भूमिका
बीजों को बिखेर कर पक्षी और जानवर उजड़े हुए जंगलों में पेड़-पौधों की विविधता को फिर से कायम करने में मदद करते हैं
पेरू में मिले डॉल्फिन के 1.6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म, गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन की हैं करीबी रिश्तेदार
वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति का नाम पानी में रहने वाले पेरू के पौराणिक जीव याकुरुना के नाम पर पेबानिस्ता याकुरुना रखा है
वैज्ञानिकों ने खोजी दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी हरे एनाकोंडा की नई प्रजाति
हरे एनाकोंडा की सबसे बड़ी मादाएं सात मीटर से अधिक लंबी हो सकती हैं और उनका वजन 250 किलोग्राम से अधिक हो सकता है
नदियों में जैव विविधता के नुकसान से जैविक प्रक्रिया को हो सकता है खतरा:अध्ययन
नदियों में मृत जीवों और पौधों को खाकर सफाई करने वाले जीवों के विलुप्त होने की दर ऐतिहासिक रिकॉर्ड की तुलना में 1,000 से ...
क्यों खतरे में हैं दुनिया के आधे से ज्यादा ताड़ के पेड़?
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में ताड़ की लगभग 1,889 प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का जायजा लिया है, इनमें से करीब 56 फीसदी प्रजातियां ...
मधुमक्खियों के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहे हैं कीटनाशक
रिसर्च से पता चला है कि कीटनाशकों के संपर्क में आने से मधुमक्खियों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिस वजह से उनका ...
चीन के नेशनल नेचर रिजर्व में खोजी गई विषैले पिट वाइपर की नई प्रजाति
शोधकर्ताओं की एक टीम ने जियुझाइगौ नेशनल नेचर रिजर्व की जांच की, उन्होंने झारू घाटी से ग्लेडियस के कुछ नमूने एकत्र किए, जो एशिया ...
उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहने वाले पक्षियों की आबादी में आई भारी गिरावट
शोध से पता चला कि पक्षियों की 40 प्रजातियों में 70 फीसदी की गिरावट देखी गई और 35 प्रजातियों ने अपनी आधी संख्या खो ...
पारिस्थितिकी तंत्रों को बचाने के लिए 2050 तक पर्यावरण पर करना होगा 587 लाख करोड़ का निवेश
रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक प्रकृति-आधारित समाधानों पर अब से करीब चार गुना ज्यादा निवेश करना होगा
लाइकेन और पौधों की 771 प्रजातियां होने वाली हैं खत्म, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
दुर्लभ पौधों के लिए जलवायु परिवर्तन के खतरे को स्वीकार करना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इनमें से कई प्रजातियों को फिर से हासिल ...
पानी में रहने वाली 33 प्रजातियों पर मंडरा रहा है बहुत आक्रामक होने का खतरा
शोधकर्ताओं ने जोखिम आकलन उपकरण से पता लगाया कि किसी प्रजाति का स्कोर जितना अधिक होगा, उस प्रजाति के आक्रामक होने का खतरा उतना ...
डाउन टू अर्थ खास: विकास की दौड़ में हिमालय से मिट रहे हैं अतीत के निशान
भारत विकास से जुड़ी गतिविधियों के लिए हिमालय में अपने भूगर्भीय रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को तेजी से खोता जा रहा है। कानूनों के ...
डंक रहित मधुमक्खी के शहद में होते हैं विशेष गुण
दो मलेशियाई और एक ब्राजील की मधुमक्खी के शर्करा में 85 प्रतिशत तक ट्रेहुलुलोज पाया गया है
कोरोना महामारी: प्रकृति को फिर से खुशहाल और समृद्ध करने का समय
कोरोनावायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज को हिला दिया है। प्रकृति रीसेट बटन दबा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भारी गिरावट की स्थिति में हैं
ओखला बर्ड सेंचुरी में इस बार क्यों नहीं आए आधे से ज्यादा प्रवासी पक्षी?
2018 के मुकाबले 2019 के ठंड के मौसम में ओखला बर्ड सेंचुरी में लगभग 57 फीसदी कम प्रवासी पक्षी पहुंचे, जो शुभ संकेत नहीं ...
बाघों के खोए हुए गौरव को फिर से हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाता राजस्थान
अवैध शिकार के कारण 2004 तक सरिस्का से और 2008 तक पन्ना से सभी बाघों की मौत हो गई जो टाइगर प्रोजेक्ट के लिए ...
44 वर्षों में 10.26 लाख हेक्टेयर जंगल साफ
पिछले 5 साल में देशभर में करीब 90 हजार हेक्टेयर वन भूमि गैर वनीय उपयोग के लिए परिवर्तित हुई है