दुनिया भर में विलुप्त हो रही नई प्रजातियों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी : विशेषज्ञ
आने वाले दशकों में आगे की प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। इसलिए, विलुप्त होने के खतरे को कम करना बहुत जरूरी है
38 डिग्री से अधिक तापमान रानी मधुमक्खी के लिए सही नहीं: रिसर्च
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय और उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों के प्रजनन पर बढ़ते तापमान के असर का अध्ययन किया है
50 फीसदी तक कम किया जा सकता है प्रजातियों के विलुप्ति का खतरा: शोध
पहली बार सामने आए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर भूमि का संरक्षण सही तरीके से किया जाए तो प्रजातियों के ...
झारखंड में बेमौत मर रहे हैं पक्षी, 15 दिन बाद पता चलेगा कारण
बीते एक महीने में झारखंड में कई जगहों पर पक्षियों की मौत हो रही है। खूंटी, लातेहार, पलामू, लोहरदगा सहित कई अन्य जिलों में ...
कौन हैं कल्याण सिंह रावत, जिन्हें दिया जाएगा पदमश्री
उत्तराखंड के कल्याण सिंह रावत को इस बार पदमश्री सम्मान देने का निर्णय लिया है। आइए, उनके बारे में जानते हैं
गुणों की वजह से खैर के पेड़ों पर वन माफिया की नजर, तेजी से सिमट रहा जंगल
देशभर से आए दिन खैर की लकड़ी तस्करी की खबरें आती रहती हैं। औषधीय गुण, कत्था बनाने और चमड़ा उद्योग में उपयोगिता के लिए ...
पतंगों के संसार में तीन नए नाम शामिल, भारत में की गई पहचान
बटरफ्लाई रिसर्च सेंटर के संस्थापक पीटर स्मेटाचेक बताते हैं कि भारत में तितली-कीट-पतंगों पर बहुत अधिक काम नहीं किया गया है। किसी नई प्रजाति ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही हैं पौधों की प्रजातियां!
पत्रिका 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि खासकर ठंडे इलाकों में पौधों की नई प्रजातियां मिल सकती हैं
झारखंड में मिली बिल खोदने वाले मेंढक की प्रजाति
यह स्पैरोथेका वंश की मेंढक प्रजाति है, जिसे पूर्वी भारत में (नेपाल की दो प्रजातियों को छोड़कर) पाया गया है।
ये हैं चित्रकूट के दशरथ मांझी
ये हैं भैयाराम यादव, जिन्होंने मृत जमीन को जिंदा कर 40 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगा उन्हें वन क्षेत्र में तब्दील कर दिया है
लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने में मदद कर सकते हैं तकनीक और अर्थनीति, लेकिन कैसे?
शोध के मुताबिक, लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए तकनीक से आंकड़ों को जोड़ने, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने, लोगों को प्रकृति से ...
भारत के पश्चिमी घाट में अनोखे जननांग वाले केकड़े की लाल रंग की नई प्रजाति की हुई खोज
अध्ययन में कहा गया है कि रक्त के समान लाल रंग का घाट में रहने वाला केकड़ा लगभग 1.1 इंच चौड़ा और लगभग 0.7 ...
युद्ध क्षेत्र से हजारों किमी दूर भारत में भी जैवविविधता को प्रभवित कर सकता है रूस-यूक्रेन संघर्ष
शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि यदि रूस और यूक्रेन से होने वाला फसल निर्यात पूरी तरह बंद हो जाता है तो उसकी वजह ...
मशीनों से की जा रही अंधाधुंध खेती से संकट में पड़े स्टेपी और लिटिल बस्टर्ड पक्षी
अध्ययन के मुताबिक, 2002 से 2019 के बीच स्टेपी-लैंड पक्षी की आबादी में 27 फीसदी की कमी आई है।
दुर्लभ समुद्री अमीबा रबडामोइबा मरीना की दोबारा हुई खोज, जानें क्यों है खास
रबडामोइबा मरीना जिसका संयुक्त नाम आर. मरीना है, जो एक छोटा सा समुद्री अमीबा है, जिसे पहली बार 1921 में इंग्लैंड में खोजा और ...
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
55 वर्षों के बाद फिर से खोजा गया बेम्बिडियन ब्राउनोरम नामक दुर्लभ गुबरैला
बेम्बिडियन ब्राउनोरम गुबरैला छोटा भूरे रंग का होता है और यह पेंसिल के व्यास के बराबर की लंबाई में लगभग पांच मिलीमीटर के बराबर ...
चंबल में बढ़ रहा है पनचीरा का कुनबा
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमाओं के बीच से बहती चम्बल नदी के आसपास करीब 950 किमी का है जिसमें सैकड़ों प्रजाति के पक्षी ...
ग्रेट बैकयार्ड पक्षियों के सर्वे में पाई गई 1,067 प्रजातियां: रिपोर्ट
जीबीबीसी के चार दिनों में, भारतीय पक्षी प्रेमियों ने 46,000 से अधिक जानकारी सूची और 1,067 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया
कृषि भूमि अधिग्रहण के कारण ग्लोबल साउथ में जैव विविधता को भारी खतरा: अध्ययन
अध्ययन में भूमि अधिग्रहण से संबंधित निवेश पर चार अलग-अलग क्षेत्रों को देखा गया, उप-सहारा अफ्रीका और एशिया में इस प्रकार के निवेश तेजी से ...
यूरोपीय संघ ने दुनिया भर से मेंढकों की विलुप्ति का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ा
1970 से 1980 के दशक में, भारत और बांग्लादेश यूरोप में मेंढकों की टांगों के शीर्ष आपूर्तिकर्ता थे, लेकिन जब उनकी जंगली मेंढकों की ...
भारत किस तरह हासिल कर सकता है जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
भारत के सबसे अहम संरक्षण वाले क्षेत्रों में से केवल 15 फीसदी संरक्षित क्षेत्र के तहत कवर किए गए हैं
फसल की पैदावार बनाए रखने के लिए मधुमक्खियों की कितनी और प्रजातियों की जरूरत होगी?
मधुमक्खी आबादी की विविधता फसल परागण को बनाए रखने के लिए जरूरी है, जो हम लोगों की खाद्य आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
किन कार्यों से जैव विविधता को कितना हो सकता है खतरा, वैज्ञानिकों ने किया आकलन
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 'शेयर बाजार' के माध्यम से सभी प्रजातियों के मूल्य को औपचारिक रूप देने का प्रस्ताव पेश किया है, जिसे जैव ...
कीटों की संख्या में 63 फीसदी तक की गिरावट के लिए दोषी कौन?
दुनिया भर के उन क्षेत्रों में कीटों की आबादी में भारी कमी देखने को मिली है जो बड़े पैमान पर अनियोजित तरीके से होती ...