जग बीती: जामनगर रेस्क्यू सेंटर!
नया एआई टूल जो एक करोड़ से अधिक पेड़-पौधों और जीवों की छवियों की सटीक जानकारी दे सकता है
यह उपकरण एक ही प्रजाति के समान दिखने वाले जीवों और उनकी शक्ल की नकल करने वाली एक प्रजाति के बीच अंतर को स्पष्ट ...
मूंगा चट्टानों के लिए बेहद लाभकारी हैं समुद्री पक्षी, जानें कैसे
समुद्री पक्षी का मल बारिश से बहकर पास की मूंगा चट्टानों में पहुंचता है, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं
देशी प्रजातियों पर विदेशी हमला: लीवर, एलर्जी और सांस की बीमारी का शिकार हो रहे हैं जंगली जानवर
आक्रामक पौधे किसी भी शाकाहारी जीव के भोजन की मुख्य जरूरत नहीं है। फिर भी शाकाहार विदेशी पौधों को खाने को मजबूर हैं
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: वैश्विक औसत के मुकाबले भारत में ज्यादा तेजी से हो रही है प्रजातियों की विलुप्ति
अब जो सामूहिक विलुप्ति या अंत होने वाला है, वो आधुनिक मानव यानी होमो सेपियन्स के कारण होगा
बिहार: जिनके नाम पर गांव बसे, वो स्थानीय मछलियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंची
शहरीकरण के चलते प्राकृतिक प्रवास के क्षेत्रों में कमी और नदी या तालाब से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति ने स्थानीय मछलियों को खत्म होने ...
कूनो में चार और चीता शावकों का जन्म, लेकिन विशेषज्ञों ने उठाए ये सवाल
नामीबियाई मादा चीता ज्वाला दूसरी बार मां बनी, लेकिन उसे कभी जंगल में नहीं छोड़ा गया
नर्मदापुरम में इको-सेंसिटिव जोन के उल्लंघन के आरोपों की जांच करेगी विशेषज्ञ समिति
पर्यावरण को लेकर अदालतों में चल रहे मामलों पर 20 फरवरी 2024 को क्या हुआ, यहां जानें-
कुछ जानवर समय के साथ आकार में बड़े तथा कुछ छोटे होते गए, आखिर क्यों?
अलास्का के घोड़े, क्रिप्टोडिरन कछुए और आइलैंड की छिपकलियां समय के साथ क्यों सिकुड़ गईं, इसका रहस्य एक नए अध्ययन में सुलझाया गया है।
भारत में दर्ज की गई पक्षियों की 1,036 प्रजातियां, दुनिया में तीसरी सबसे अधिक
द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र ...
केरल में संरक्षित की जा रही है लुप्तप्राय विशाल सॉफ्टशेल कछुए की प्रजाति
मीठे पानी के सॉफ्टशेल कछुए को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया ...
हर साल खाल के लिए मारे जा रहे 59 लाख गधे, तीन वर्षों में 14 फीसदी का हो सकता है इजाफा
इन गधों की हत्या के पीछे की सबसे बड़ी वजह चीन में 'एजियाओ' की बढ़ती मांग है, जिसका बड़े पैमाने पर उपयोग चीन की ...
एरोसोल और नदियों में बहने वाले प्रदूषकों की वजह से बदल रहा है समुद्रों में फास्फोरस चक्र
अध्ययन में मानवजनित नाइट्रोजन पंप की पहचान की गई, जो फास्फोरस चक्र को बदलता है, इसकी वजह से तटीय जैव विविधता और संबंधित पारिस्थितिकी ...
वृक्ष संरक्षण या कटाई अधिनियमों के लिए केंद्रीकृत दिशानिर्देशों की आवश्यकता नहीं: पर्यावरण मंत्रालय
मंत्रालय का कहना है कि प्रत्येक राज्य के पास अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर इसके लिए पहले ही नियम-कानून हैं।
नदियों के मौसमी प्रवाह में रुकावट डाल रही है बदलती जलवायु, बढ़ सकता है जल संकट
बर्फ पिघलने वाले क्षेत्रों में वसंत और गर्मियों की शुरुआत में नदी के स्तर में कमी के कारण नदी के किनारे की वनस्पति और ...
तमिलनाडु के टाइगर रिजर्व में मिली स्किंक्स की नई प्रजाति
वैज्ञानिकों ने तमिलनाडु के एक जंगल में ट्रेपेज़ॉयड या चतुर्भुज के आकार के नाक वाली एक नई प्रजाति की खोज की है
बैठे ठाले: अगले जनम मोहे कूनो न भेजियो!
“प्रभु मुझे कूनो नहीं भा रहा है। मैं चाहती हूं कि आप मुझे नामीबिया भेज दें जहां मैं सत्यवान के बच्चों की मां बन ...
भारत में हैं 718 हिम तेंदुए, लद्दाख में सबसे ज्यादा 477, उत्तराखंड में 124 की हुई पुष्टि
भारत में 718 हिम तेंदुओं के पाए जाने की पुष्टि हुई है। देश में सबसे ज्यादा 58 फीसदी हिम तेंदुए लद्दाख में हैं, जहां ...
दुनिया से विलुप्त हो सकती हैं 22 फीसदी प्रवासी प्रजातियां: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंता प्रवासी मछलियों को लेकर है, जिनकी 97 फीसदी प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा ...
डार्विन दिवस: कैसे विकास के सिद्धांतों ने पृथ्वी पर जीवन के बारे में हमारी जानकारी बढ़ाई
डार्विन ने 1859 में "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज" नामक पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें प्राकृतिक चयन के मामले का वर्णन किया गया था।
सावधान! जंगलों का होता विनाश वातावरण में उत्सर्जित कर रहा है सालाना 217 मेगाग्राम पारा
आंकड़ों के मुताबिक इंसानों द्वारा किया जा रहा पारे का उत्सर्जन बढ़कर 2,220 टन पर पहुंच गया है, जो 2010 की तुलना में करीब ...
मानवीय उपेक्षाओं का शिकार प्राकृतिक दुनिया का सुपर हीरो- आर्द्रभूमि
विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर विशेष, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सन 1900 के बाद से दुनिया की 64 प्रतिशत आर्द्रभूमियां गायब हो गई हैं
डाउन टू अर्थ खास: शिकार का इंतजाम!
पर्याप्त शिकार उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के टाइगर रिजर्वों में शाकाहारी व खुरदार जानवरों को स्थानांतरित किया जा रहा है
सकल पर्यावरण उत्पाद का कैसा होगा निर्धारण, कैसे नपेगी जल-जंगल-जमीन?
सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का मूल्यांकन करने के लिए पहली बार कोई सूचकांक तैयार किया गया है
डाउन टू अर्थ खास: बिहार से विस्थापित मुंडा जनजाति के 42 परिवारों ने ओडिशा में बसाया एक जैविक गांव
साल 1980 में मुंडा जनजाति के 42 परिवारों का एक समूह बिहार से विस्थापित हो गया था, जिसने ओडिशा में शरण ली और अब ...