जानिए क्यों हुई जिराफ की गर्दन लंबी?
जिराफ की लंबी गर्दन दरअसल जीवाश्म विज्ञानियों के लिए एक बड़ा शोध का विषय रहा है। उनकी खोज इस गुत्थी को अब सुलझा रही ...
साहित्य में पर्यावरण: हिंदी में प्रकृति और पर्यावरण में अंतर जानना जरूरी
‘कामायनी’ संभवतः पहली रचना है जिसमें प्रकृति और पर्यावरण को अलग-अलग करके देखा गया और पर्यावरण असंतुलन की समस्या पर विचार किया गया है
साहित्य में पर्यावरण: फिर से प्रकृति की ओर लौटने का अवसर
डाउन टू अर्थ, हिंदी का छठा वार्षिकांक पर्यावरण में साहित्य विषय पर समर्पित था। इस अंक में प्रकाशित अशोक वाजपेयी का आलेख
साहित्य में पर्यावरण: विक्षति की तुरपाई
डाउन टू अर्थ, हिंदी का छठा वार्षिकांक पर्यावरण में साहित्य विषय पर समर्पित था। इस अंक में प्रकाशित अशोक वाजपेयी की कविता
दुर्लभ वन्यजीवों का पता लगाना हुआ आसान, वैज्ञानिकों ने विकसित किया ईडीएनए
पारिस्थितिकीविदों ने स्तनधारियों के पूरे समुदाय की पहचान करने की एक नई विधि ईजाद की है, जिसमें नदियों, पानी के स्रोत से उनका डीएनए ...
स्वागत 2020 : बहामास की यह चिड़िया अब इस धरती पर नहीं है
डोरियन तूफान से पहले सितंबर में सिर्फ दो बहामा नटहैच चिड़िया बची थी, लेकिन कई जीव जंतुओं की तरह यह चिड़िया भी तूफान की ...
खतरे में दुनिया के सबसे बड़े फूल 'रैफलेसिया' का अस्तित्व, बचाने के लिए जल्द कार्रवाई की दरकार
परजीवी पौधे ‘रैफलेसिया’ की कुल 42 प्रजातियां ज्ञात हैं, इसमें से 60 फीसदी प्रजातियों पर विलुप्त होने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है
धरती की करीब 17 फीसदी हिस्सा है संरक्षित, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
यह सही है कि संरक्षित क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है पर हमें यह भी समझना होगा कि सुरक्षा के नाम पर केवल बाड़ ...
पश्चिमी घाट में 60 प्रतिशत ऐसी जैव विविधता है, जो केवल यहीं पाई जाती है: अध्ययन
भारत के पश्चिमी घाटों को कई जंगली पौधों, पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों, मछलियों और कीड़ों तथा अन्य जीवों के साथ वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट के ...
कहां लुप्त हो गई मधुमक्खियों की 25 फीसदी प्रजातियां, 1990 के बाद से नहीं आई सामने
हाल ही में जर्नल वन अर्थ में छपे एक शोध से पता चला है कि 1990 से 2015 के बीच मधुमक्खियों की करीब एक ...
ओडिशा में मिली मीठे पानी की मछली की नई प्रजाति, गर्रा लैशरामी नाम रखा गया
नई मछली की अधिकतम लंबाई 76 मिमी से 95.5 मिमी तक होती है। इस प्रजाति का स्थानीय लोग खाने में प्रयोग करते हैं
स्थानीय प्रजातियों की विविधता को 53 फीसदी तक कम कर सकती हैं आक्रामक चींटियां
दुनिया भर में चीटियों की 17,000 से ज्यादा प्रजातियां का पता चल चुका है। इनकी कुल आबादी करीब 20,000 लाख करोड़ है
दुनिया भर में कैसे बढ़ा बीज व पौधों में जैव विविधता पैटर्न: शोध
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के 912 भौगोलिक क्षेत्रों और लगभग 3,20,000 प्रजातियों को शामिल करते हुए क्षेत्रीय पौधों की सूची के एक बड़े डेटासेट ...
आर्किड की नई और दुर्लभ प्रजातियों की हुई खोज
शोधकर्ताओं ने बताया कि तीन वर्षों की निगरानी में, एल. माइक्रोप्रोसार्टिमा के केवल 40 पौधे पाए गए जिससे पता चलता है कि यह एक ...
उड़ान और आकार पर असर डाल रहा है तितलियों का पलायन
तितलियां मौसम के आधार पर सैकड़ों किलोमीटर से अधिक लंबी दूरी तय कर सकती हैं। तितलियां प्रजनन के दौरान अपेक्षाकृत कम दूरी तय करती ...
अवैध शिकार के कारण खतरे में प्रवासी पक्षी: शोध
प्रवासी पक्षियों को एशिया प्रशांत क्षेत्र काफी पसंद है, लेकिन अवैध शिकार के चलते यह क्षेत्र इन पक्षियों के लिए कब्रगाह बन गया है
मेक्सिको के जंगलों में खोजी गई मेंढक की छह नई प्रजातियां, आकार आपको कर देगा हैरान
जंगलों के अनछुए कोने से मिली यह मेंढक प्रजातियां आकार में अंगूठे के बराबर हैं। हैरान कर देने वाली बात है कि इनके टैडपोल ...
वियतनाम में खोजी गई परजीवी ततैया की 16 नई अनोखी प्रजातियां, व्यवहार दिखा असामान्य
वियतनाम में परजीवी ततैयों के दुर्लभ समूह 'लोबोसेलिडिया' की खोज में किए क्षेत्रीय सर्वेक्षण ने दुनिया भर में इनकी प्रजातियों में 30 फीसदी की वृद्धि ...
म्यांमार में पाई गई मिंट परिवार की नई प्रजातियां
मिंट परिवार की प्रजाति प्रेमाना कारिडांथा एक लकड़ी पर चढ़ने वाली बेल की तरह है और इसमें थायरस के समान कांटे पाए जाते है।
झीलों के गर्म होने का पूर्वानुमान लगाना हुआ संभव, वैज्ञानिकों ने विकसित की प्रणाली
झीलों के गर्म होने के पूर्वानुमान लगने से सैल्मन और ट्राउट मछलियों को होने वाले खतरों से बचाया जा सकेगा
साहित्य में पर्यावरण: त्रासदी के दृश्य
ज्यादातर मानवीय त्रासदियों का सिरा पर्यावरण की क्षति से जुड़ा है और सिनेमा ने भी इन्हें एक सबक की तरह जीवंत करने की कोशिश ...
साहित्य में पर्यावरण: सहअस्तित्व का पुनर्जन्म
सिनेमाई परदे पर प्रकृति का चित्रण हमें सिर्फ ताली बजाने वाला मूक दर्शक बनाकर छोड़ देता है
साहित्य में पर्यावरण: बाहर-भीतर के हरेपन को तलाशता-बचाता है साहित्य
प्रकृति को कविताओं की जद से बाहर लाकर उसके प्रति लोगों को जिम्मेदार बनाने का काम बहुतेरे कथाकारों ने किया
साहित्य में पर्यावरण: सदियों से जैव विविधता को संरक्षित कर रही है तमिल संस्कृति और परंपरा
प्रकृति के प्रति संवेदनशील समाज ने अपने नियम और कायदे बनाए थे, जिन्हें साहित्य में विशेष स्थान दिया गया था
साहित्य में पर्यावरण: संरक्षण की लोक साहित्य परम्परा
समाज सहज भाव में अपनी लोकभाषा में साहित्य रचता रहा है और पर्यावरण की चिंता वहां सदियों से है