जलवायु परिवर्तन और सूखे से मंडरा रहा है दुनियाभर के वेटलैंड्स पर खतरा
1.21 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैले इन वेटलैंड्स से हर वर्ष करीब 27,57,93,336 करोड़ रुपए (37.8 ट्रिलियन डॉलर) का लाभ होता है
कोविड-19 के बाद भी जारी रहेगी ग्लोबल वार्मिंग: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड (सीओ2) की सघनता अपने उच्चतम स्तर पर अभी नहीं पहुंची है और लगातार वृद्धि ...
अगले 30 सालों में 1,400 करोड़ हो जाएंगे कूलिंग उपकरण, आज से 4 गुना ज्यादा
एयर कंडीशनर की दक्षता में इजाफा करके ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 46,000 करोड़ टन की कटौती की जा सकती है|
1850 से वैश्विक तापमान में हुई 0.08 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के लिए जिम्मेवार है भारत, विश्व में है पांचवा स्थान
वैश्विक तापमान में हुई 17.3 फीसदी की वृद्धि के लिए अकेला अमेरिका जिम्मेवार है। वहीं चीन इस मामले में दूसरे स्थान पर है, जिसकी ...
अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ का आवरण सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
अंटार्कटिका समुद्री बर्फ में प्रति दशक 2.6 प्रतिशत की गिरावट दिखाई देती है, यह लगातार आठवां वर्ष है जिसमें जनवरी में समुद्र की बर्फ ...
तिब्बती पठार के ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचा रहा है दक्षिण एशियाई ब्लैक कार्बन
21वीं सदी के बाद से, दक्षिण एशियाई ब्लैक कार्बन एरोसोल ने दक्षिण एशियाई मॉनसून में जल वाष्प की गति को बदलकर तिब्बती पठार के ...
बायोप्लास्टिक से लग सकती है ग्रीनहाउस गैस पर लगाम, शोधकर्ताओं ने सुझाए समाधान
2050 तक, वर्तमान में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाने वाले बायोमास का 13 फीसदी प्लास्टिक के लिए कच्चे माल के रूप ...
कॉप 27: फूड कोल्ड चेन की कमी के कारण हर साल हो रहा है 100 करोड़ मीट्रिक टन उत्सर्जन
एक तरफ दुनिया भर में जहां 82.8 करोड़ लोग आहार की कमी के कारण खाली पेट सोने को मजबूर हैं, वहीं खाद्य पदार्थों का ...
कॉप-27: एक औसत भारतीय से लाखों गुणा ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं कुछ गिने-चुने उद्योगपति
दुनिया के इन सिर्फ 125 अरबपतियों द्वारा किया निवेश हर साल 39.3 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन कर रहा है, जोकि फ्रांस ...
कार्बन उत्सर्जन से अमेरिका ने 24 साल में भारत को 257 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया
शीर्ष कार्बन उत्सर्जक, अमेरिका ने 1990 से 2014 तक अन्य देशों की जलवायु को लेकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
गैसों से निकलने वाली वायुमंडलीय महीन धूल से बढ़ रही हैं चरम मौसमी घटनाएं: अध्ययन
40 साल पहले लगभग 1,000 महीन धूल की कणों की तुलना में आज 150,000 घन सेंटीमीटर तक धूल के कण पाए गए।
संसद में आज (30 मार्च 2022): भारत में हर साल 50 किलो प्रति व्यक्ति भोजन हो जाता है व्यर्थ
निर्माण उद्योग हर साल 7-10 करोड़ टन निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट (सी एंड डी) का उत्पादन करता है।
संसद में आज (24 मार्च 2022): सदन में महिला प्रतिनिधियों की संख्या सबसे अधिक
7 राज्यों में स्थित 223 मौजूदा बड़े बांधों का व्यापक रूप से ऑडिट किया गया और 2,567 करोड़ रुपये की लागत से उनका पुनर्वास ...
कॉप-26: नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
नेट जीरो हासिल करने के समाधानों में कार्बन उत्सर्जन से बनने वाली बिजली पर रोक तथा अक्षय ऊर्जा का उपयोग करना। भूमि उपयोग में ...
लॉकडाउन के बावजूद 2020 में शिखर पर पहुंचा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
2020 में कार्बन डाइऑक्साइड का वैश्विक औसत स्तर 413.2 भाग प्रति मिलियन दर्ज किया गया था, जोकि पूर्व-औद्योगिक स्तर से करीब 149 फीसदी ज्यादा था
अनाज, फल, दाल और सब्जियों की तुलना में दोगुने उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं मांस और डेयरी उत्पाद
वैज्ञानिकों के अनुसार खाद्य उत्पादन के चलते हर साल होने वाले 1,731.8 करोड़ मीट्रिक टन उत्सर्जन के 57 फीसदी हिस्से के लिए मांस और ...
महामारी के बावजूद 419.13 पीपीएम पर पहुंचा मई 2021 में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर
पिछले 40 लाख वर्षों में यह पहला मौका है, जब किसी महीने में कार्बन डाइऑक्साइड का औसत स्तर इतना ज्यादा दर्ज किया गया है
अधिक विनाशकारी हो सकते हैं उष्णकटिबंधीय चक्रवात: अध्ययन
नए अध्ययन बताता है कि हिंद और प्रशांत महासागरों में श्रेणी 3 या उससे अधिक के विनाशकारी उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में तेजी आएगी
अब तक का सबसे गर्म साल रहा 2023, नासा ने की आधिकारिक घोषणा
वैज्ञानिकों ने फरवरी, मार्च और अप्रैल 2024 में अल नीनो का सबसे बड़ा प्रभाव देखे जाने की आशंका जताई है
कैसे उत्सर्जन मुक्त हो सकती है खेती-किसानी, वैज्ञानिकों ने तैयार किया खाका
कृषि जो न केवल बढ़ते उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार है, साथ ही जलवायु परिवर्तन का दंश झेलने वालों में भी अग्रिम पंक्ति में है
वैज्ञानिकों की चेतावनी : दुनिया के महासागरों पर कहर बरपा सकता है जलवायु परिवर्तन
समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को सहारा देने वाले पोषक तत्व तेजी से गहरे समुद्र में फंस जाएंगे, जिससे दुनिया भर के महासागरों में जैविक उत्पादकता ...
अत्यधिक गर्मी और सूखे से दुनिया की 90 फीसद आबादी होगी प्रभावित: अध्ययन
अध्ययन में कहा गया है कि बढ़ते तापमान के उच्चतम उत्सर्जन परिदृश्य के तहत दुनिया भर में इन खतरों को दस गुना तेज कर ...
कॉप 27: सन 2050 तक येलोस्टोन, किलिमंजारो ग्लेशियर हो जाएंगे गायब
यूनेस्को के विश्व धरोहर ग्लेशियरों में से लगभग 50 प्रतिशत वर्ष 2100 तक लगभग पूरी तरह से गायब हो सकते हैं
समुद्री लू और अम्लता में वृद्धि की घटनाएं बढ़ी, जलवायु परिवर्तन एक बड़ा कारण
जब समुद्री लू और अधिक अम्लता की चरम घटनाएं एक साथ घटित होती हैं, तो इसका समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव झेलते हैं गरीब: डब्ल्यूएचओ
अध्ययन के मुताबिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 80 प्रतिशत लोग खतरनाक पीएम 2.5 स्तर के संपर्क में आते हैं।