नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को दिया जन्म, क्या जश्न मनाने का है वक्त?
इन शावकों का जन्म करीब एक सप्ताह पहले हुआ है
एक महीने के भीतर कूनो नेशनल पार्क में तीसरे चीते की मौत, मार्च के बाद से नौवीं
यह मादा उन दो चीतों में से एक थी, जिन्हें पार्क के बड़े बाड़े में लाया गया था
बढ़ते तापमान के चलते बदल रहा चीतों का व्यवहार, दूसरे शिकारियों से बढ़ सकती है मुठभेड़
चीते जोकि जमीन पर सबसे तेज दौड़ने वाले जीव हैं, वो पहले ही अनगिनत समस्याओं से जूझ रहे हैं। आज इनकी वैश्विक आबादी घटकर ...
आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले नहीं आ पाएंगे अफ्रीकी चीतें, क्या है वजह?
तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 अगस्त 2022 तक दक्षिण और नामीबिया से आठ चीतें भारत लाए जाने थे, लेकिन अब इसमें दो सप्ताह से ...
भारत में फिर से फर्राटा भरेगा चीता !
अफ्रीकी देश नामीबिया से लाकर कुछ चीतों को प्रयोग के तौर पर मध्यप्रदेश के नौरादेही अभ्यारण्य में बसाने की संभावना बढ़ गई है
क्या भारत में रह पाएंगे अफ्रीका से आने वाले चीते, अगस्त में आने की संभावना
अब देश के लिए अगली चुनौती यह तय करना है कि ये जानवर भारत की नई जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकें और ढल ...
कूनो नेशनल पार्क में छह चीतों के हटाए गए रेडियो कॉलर
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए दो चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को दोषी ठहराया गया था
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत में घूमने लगे चीते
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों को उनके बाड़े में छोड़ा
चीतों को राजस्थान स्थानांतरित करने पर विचार करें केंद्र, इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं: सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि एक साल से भी कम समय में 40 फीसदी चीतों की मौतें अच्छी तस्वीर पेश नहीं करतीं
आबादी में स्थिरता लाने के लिए कूनो में कम से कम 50 चीतों की है जरूरत: विशेषज्ञ
साल के अंत तक जंगली बिल्लियों की कहीं ज्यादा मौतें होने की आशंका; रेडियो कॉलर की समस्याओं से निपटने के लिए भी नए उपायों की है ...
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई: एनटीसीए
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए 20 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया था, जिसमें से अब तक ...
कूनो में चीतों की मौत के लिए कुप्रबंधन, लापरवाही और राजनीतिक दबाव दोषी!
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है, लेकिन परियोजना को बचाने के लिए व्यापक बदलाव और सक्षम प्रभारी की ...