बाल मृत्यु दर केरल में सबसे कम, बिहार में सबसे अधिक: एनएफएचएस-5
पाँचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों में बीते आधे दशक में पाँच वर्ष से कम आयु-वर्ग के ...
जीवन भक्षक अस्पताल-4: आधुनिक सुविधाओं के बाद भी यहां मर जाते हैं बच्चे
दूरदराज के इलाकों में बने अस्पतालों में ही बच्चों की मौत होती है। राज्य की राजधानी हो या देश की राजधानी से सटे शहर। ...
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-दो: बच्चों पर भारी बीता नवंबर का महीना
भारत में वायु प्रदूषण से हर 5 मिनट में एक नवजात और हर 3 मिनट में 5 साल से कम उम्र के एक बच्चे ...
जीवन भक्षक अस्पताल-2: एनआईसीयू तक में नहीं है ऑक्सीजन की व्यवस्था
राजस्थान के कोटा ही नहीं, बल्कि ज्यादातर अस्पतालों में भर्ती बच्चों की मौत बताती है कि इन अस्पतालों में बच्चों को बचाने के पर्याप्त ...
शिशु मृत्यु दर में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे, बाल विवाह और कुपोषण हैं कारण
मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर देश में सबसे अधिक 47 बच्चे प्रति हजार है, जो देश में सबसे अधिक है।
उत्तराखंड: मांओं और नवजात शिशुओं की मौत के मामलों की जांच जरूरी
उत्तराखंड में वर्ष 2016-17 से 2020-21 के बीच कुल 798 महिलाओं ने प्रसव के दौरान या प्रसव से जुड़ी मुश्किलों के चलते दम तोड़ ...
जीवन भक्षक अस्पताल-5: गुजरात के इन अस्पतालों में हर रोज मर जाते हैं 2 से 3 बच्चे
गुजरात के अहमदाबाद में सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस सिविल अस्पताल में भी 2019 में भर्ती कुल बच्चों में से 21 फीसदी बच्चों की ...
क्या छलावा है प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना?
केंद्र सरकार की मातृत्व कल्याण योजना का लाभ अधिकांश महिलाओं को नहीं मिल रहा है
जीवन भक्षक अस्पताल-3: बीते साल 22 फीसदी भर्ती बच्चे नहीं लौट पाए घर
मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है, इसकी बड़ी वजह यह है कि राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में कई खामियां हैं
संसद में आज: इस साल केरल में डेंगू के सबसे अधिक 5,479 मामले सामने आए
भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के 33.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं और 15-49 वर्ष की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-पांच: बच्चों में कैंसर की वजह बन रहा है वायु प्रदूषण
ऐसे कुछ सबूत हैं, जो बढ़ते कैंसर के मामलों को वायु प्रदूषण से जोड़ते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से यह काफी पेचीदा है
जीवन भक्षक अस्पताल-1: देश के अस्पतालों में हर एक मिनट पर एक नवजात शिशु की मौत
देश के अस्पतालों में औसत 1452 नवजात शिशुओं की मृत्यु एक दिन में होती है। वहीं एक घंटे में 60 और एक मिनट में ...
जानलेवा पीएम: फरीदाबाद के अस्पतालों में डेढ़ गुणा बढ़ गई बच्चों की संख्या
फरीदाबाद के जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में 100 से 110 बच्चे ओपीडी में आते थे वही अब बढ़कर 140 से 150 तक पहुंच ...
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-तीन: देश की दो-तिहाई आबादी प्रभावित
अधिकांश उत्तरी राज्यों में वायु प्रदूषण केवल एक मौसमी समस्या नहीं है, बल्कि पूरे साल यहां हवा “खराब” श्रेणी में रहती है
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-एक: गर्भ से ही हो जाती है संघर्ष की शुरुआत
जहरीली हवा का पहला शिकार देश के भविष्य की अगली पीढ़ी हो रही है, जो या तो समय से पहले मारे जा रहे हैं ...
आवरण कथा, जहरीली हवा का दंश, भाग-चार: प्रजनन से लेकर गर्भ में पल रहे बच्चे की दुश्मन बनी हवा
वायु प्रदूषण के प्रभाव की शुरुआत पुरुषों और महिलाओं की गर्भधारण करने की क्षमता से ही हो जाती है
साल 2022 में अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही मौत के मुंह में समा गए 49 लाख बच्चे
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पांचवें जन्मदिन से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या घट रही है
कैसे होगा सतत विकास का लक्ष्य हासिल जब हर दिन हो रही है 6,575 नवजातों की मौत
2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 50 लाख बच्चे अपना पांचवा जन्मदिन नहीं देख पाए थे, जिनमें 24 लाख नवजात भी शामिल थे
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: 125 देशों में 111वें स्थान पर भारत, कुपोषण की बेहद गंभीर है स्थिति
देश में कुपोषण की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश में 18.7 फीसदी बच्चे बेहद पतले हैं। वहीं 15 ...