जलवायु परिवर्तन का असर, गरीब देशों में 64 फीसदी तक जीडीपी हो सकती है प्रभावित
मौजूदा जलवायु नीतियों के चलते 2050 तक 65 गरीब देशों की औसत जीडीपी 19.6 फीसदी तक घट जाएगी, जो सदी के अंत तक 63.9 ...
कॉप-26: पिछले 10 वर्षों में पिघल चुकी है ग्रीनलैंड पर जमा 3.5 लाख करोड़ टन बर्फ
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनलैंड में जमा इस बर्फ के पिघलने से वैश्विक पैमाने पर समुद्र का जलस्तर करीब एक सेंटीमीटर बढ़ चुका है, जिसकी ...
58 फीसदी बच्चों और युवाओं ने कहा, उन्हें और आने वाली पीढ़ियों को धोखा दे रही हैं सरकारें
वैश्विक स्तर पर सर्वेक्षण किए गए करीब आधे बच्चे और युवा जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित हैं, जोकि उनके दैनिक जीवन और कामकाज को प्रभावित ...
जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल चाहिए 5 लाख करोड़ रुपए
यदि जलवायु में बदलाव इसी तरह जारी रहता है तो यह जरुरत 2030 तक बढ़कर 21,94,875 करोड़ रुपए और 2050 तक 36,58,125 करोड़ रुपए ...
जलवायु के लिए काफी महंगा है हवाई जहाज का सफर, हर साल हो रही 100 करोड़ टन सीओ2 उत्सर्जित
महामारी के दौरान आए ठहराव को छोड़ दें तो इस उद्योग से होने वाला उत्सर्जन पिछले दो दशकों से हर साल 2.5 फीसदी की ...
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
कॉप 27: पहला ड्राफ्ट जारी, कोयले पर रोक और समता पर जोर, अन्य मुद्दे रहे नदारद
इस ड्राफ्ट में जी77 देशों द्वारा 'हानि और क्षति' के लिए मांगे गए फण्ड पर बहुत कम प्रकाश डाला गया है। वहीं जीवाश्म ईंधन ...
जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज
इस साल अक्टूबर में तापमान सामान्य से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। देखा जाए तो पिछले 46 वर्षों में कोई भी ...
कॉप 27: जलवायु वित्तपोषण को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत
2030 तक उत्सर्जन में कमी और निवेश विकसित देशों में कम से कम चौगुना और विकासशील देशों में तीन गुना होना चाहिए
जलवायु संकट: अगले 28 वर्षों में लू की चपेट में होगा धरती का हर बच्चा
अनुमान है कि बढ़ते तापमान के चलते 2050 तक करीब 200 करोड़ से ज्यादा बच्चे बार-बार होने वाली लू की घटनाओं का सामना करने ...
गर्मियों में नहीं दिखेगी उत्तरी ध्रुव में बर्फ, जल्द ही आएगा बड़ा बदलाव
शोध के अनुसार आज आर्कटिक में साल भर दिखने वाली बर्फ, 2050 तक गर्मियों के मौसम में पूरी तरह गायब हो जाया करेगी
'नेताओं की निष्क्रियता ने विरोध के लिए किया मजबूर', कॉप28 में विरोध के बाद 12 वर्षीय मणिपुरी कार्यकर्ता ने साझा की कहानी
मणिपुर की इस 12 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता का कहना है कि चरम मौसमी घटनाओं के व्यक्तिगत अनुभवों और शिक्षकों ने उन्हें कार्रवाई के लिए ...
डब्ल्यूएचओ ने बेहतर स्वास्थ्य और जलवायु के लिए दुनिया भर से की 10 सिफारिशें
डब्ल्यूएचओ ने सरकारों को विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से निपटने, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और जलवायु संकट के सबसे खराब स्वास्थ्य प्रभावों से ...
क्या अगले पांच वर्षों में 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर जाएगी तापमान में हो रही वृद्धि
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस बात की 40 फीसदी सम्भावना है कि अगले पांच वर्षों में वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को ...
जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते 2050 तक अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे 4.5 करोड़ भारतीय
2050 तक भारत के 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे| यह ...
60 वर्षों से भारत में लगातार बढ़ रहा है सूखे और लू का कहर, खेती के लिए भी है बड़ा खतरा
लू के बढ़ते कहर से बचने के लिए कहीं ज्यादा बड़े स्तर पर कार्रवाई की जरूरत है, क्योंकि बदलती जलवायु के साथ यह संकट ...
जलवायु संकट: 2027 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर सकता है वैश्विक तापमान
इस बात की करीब 98 फीसदी आशंका है कि 2023 से 2027 के बीच वैश्विक तापमान में होती वृद्धि रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगी
दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में 10 फीसदी रही सौर और पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी
2019 के आंकड़ों से तुलना करें तो 2020 की पहली छमाही के दौरान पवन और सौर ऊर्जा के उत्पादन में 14 फीसदी की वृद्धि ...
जलवायु संकट: मतभेदों के साथ शुरू हुई बॉन बैठक, एजेंडे पर सहमत होने के लिए पार्टियां कर रही हैं जद्दोजहद
अन्य बातों के अलावा पक्षकार जलवायु अनुकूलन, जलवायु शमन, ग्लोबल स्टॉक टेक और इक्विटी जैसे मुद्दों पर सहमत नहीं हो सके
कॉप 27: उत्सर्जन में कटौती के लिए नाकाफी है भारत का अपडेटेड एनडीसी: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार की योजना अपनी ऊर्जा में कोयला क्षमता और जीवाश्म गैस के उपयोग को बढ़ाने की है
जलवायु में आ रहे बदलावों से निपटने के लिए तुरंत उठाने होंगे कड़े कदम: यूएन रिपोर्ट
यूएन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मई 2020 में आए चक्रवात अम्फान से भारत को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ था।
विश्व मौसम संगठन ने की अल नीनो के आगाज की घोषणा, भारत में भी मॉनसून पर रहेगी नजर
अनुमान है कि अल नीनो की यह घटना भारत में मॉनसून पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है
गलत दिशा में आगे बढ़ रहे हैं हम, विश्व मौसम विज्ञान संगठन की चेतावनी
जनवरी से मई 2022 के बीच वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर में 2019 की इसी अवधि की तुलना में करीब 1.2 फीसदी की ...
कॉप28 में जीवाश्म ईंधन की भूमिका पर तो दिया गया ध्यान, लेकिन इक्विटी को कर दिया नजरअंदाज: सीएसई
सीएसई का कहना है कि कॉप28 में जीवाश्म ईंधन की भूमिका पर तो ध्यान दिया गया, लेकिन इक्विटी के मुद्दे को पूरी तरह नजरअंदाज ...
बॉन जलवायु सम्मेलन में मुख्य रूप से वित्तीय मामलों पर किया जाए ध्यान केंद्रित: सीएसई
ग्लोबल साउथ के देशों का ध्यान ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों को अपनाने के लिए रियायती वित्त की कमी पर केंद्रित होना चाहिए