डाउन टू अर्थ खास: जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्षम हैं हमारे पारंपरिक घर
सीएसई ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तुलनात्मक अध्ययन कैसे भारत में ग्रामीण समुदाय आवास बनाने के लिए स्थानीय सामग्री और निर्माण तकनीकों का ...
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: एक और सामूहिक विलुप्ति से कितनी दूर है धरती?
वैज्ञानिकों का कहना है कि हम एंथ्रोपोसीन में हैं और मानव गतिविधियों ने धरती के वजूद को संकट में डाल दिया है
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन, केवल नीति, नियम बनाने से नहीं चलेगा काम
लोगों को यह समझाना होगा कि आपदाओं के जोखिम क्या हैं, तब ही वे लोग समाधान की ओर प्रेरित होंगे और आपदाओं से होने ...
घाटे की खेती: अब भारी बारिश से धान, कपास, बाजरा-ज्वार को नुकसान
पहले जो राज्य सरकारें सूखे की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई से बच रही थी, वहीं अब उन पर भारी बारिश से ...
चौमास कथा-1: 8 करोड़ साल पहले शुरू हुआ मानसून को बूझना हुआ मुश्किल
करीब 8 करोड़ साल पहले मानसून अस्तित्व में आया था। लेकिन यह आज भी रहस्यमयी बना हुआ है। चुटकी में करोड़ों संख्यात्मक गणनाओं को ...
अप्रैल में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तीन गुणा वृद्धि
15 फरवरी से 1 अप्रैल तक राज्य के वनों में कुल 154 अग्नि घटनाएं दर्ज हुई थीं। जबकि अप्रैल के इन 12 दिनों में ...
उत्तराखंड में बढ़ती आपदाएं, विशेषज्ञों ने सरकारी लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया
देहरादून में आयोजित एक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने ...
उत्तराखंड को बचाने के लिए समर्पित और ईमानदार वैज्ञानिक हस्तक्षेप की आवश्यकता
उत्तराखंड कमजोर चट्टानों पर बसा है, जहां प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं है, फिर भी वैज्ञानिक चेतावनियों के बावजूद यहां विकास परियोजनाओं का काम चल ...
सामाजिक अध्ययनों में आपदा के जिम्मेदारों की भूमिका तय करने की जरूरत: अच्युताराव
पाकिस्तान में आई बाढ़ को जलवायु परिवर्तन ने और अधिक संगीन बना दिया था। लेकिन, इसकी जिम्मेवारी ऐतिहासिक रूप से प्रदूषण फैलाने वालों के ...
जलवायु परिवर्तन का नजारा, राजस्थान में सामान्य से तीन गुणा अधिक हुई प्री-मॉनसून बारिश
राजस्थान में मई माह में बारिश का 100 साल का रिकॉर्ड टूटा है, जबकि बीकानेर में एक ही दिन में इतनी ज्यादा बारिश हुई ...
कैमरे की नजर से: फूलों की घाटी को चर रही है घास और बदलता मौसम
बीते सीजन के दौरान उत्तराखंड की फूलों की घाटी में कई बदलाव देने को मिले, जिन्हें डाउन टू अर्थ के फोटो पत्रकार विकास चौधरी ...
बांध टूटने से लीबियाई शहर समुद्र में समाया
बाढ़ की विभीषिका के कारण दो बांध ढह गए हैं। इसके कारण अब तक 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
आंधी-बारिश में यूपी के केला किसानों को भारी नुकसान, क्या मिल पाएगा मुआवजा
उत्तर प्रदेश में दो दिन में 2324 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जिसने केले, आम के पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया है
पश्चिमी यूपी में गन्ना की फसल को चौपट कर सकता है 'चोटी भेदक' कीट, बदलता मौसम जिम्मेवार
गन्ना वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले 2-3 वर्षों में इनका चोटी भेदक जैसे कीटों का प्रकोप बढ़ा है
भारत में कैसे की जाती है नुकसान एवं क्षति की लागत की गणना
भारत में किसी आपदा के लिए नुकसान और क्षति का आकलन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग ढंग से होता है, हालांकि प्रक्रिया मोटे तौर पर ...
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: पश्चिमी विक्षोभ ने बदला अपना मिजाज, विशेषज्ञों ने जताई चिंता
असामान्य रूप से गर्म और बिन बारिश बीती सर्दियों के बाद भारत को इस बार रबी फसलों की उपज में भारी कमी का सामना ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा ग्लेशियल झीलों के टूटने का खतरा, बढ़ सकती हैं सिक्किम जैसी आपदाएं
डाउन टू अर्थ ने सिक्किम में आई बाढ़ के कारणों को समझने के लिए देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ कलाचंद ...
मच्छरदानी बांधकर तेंदूपत्ता एकत्रित करने पर क्यों मजबूर हैं मजदूर
मौसम में आए तेज बदलाव के कारण झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सौ गांवों में स्मॉल ब्लैक फ्लाई का आतंक फैला है
किसानों की लागत डूबी : हीट वेव से मेंथा में 60-70 फीसदी तक कम निकला तेल
किसानों के मुताबिक मार्च-अप्रैल में हुई भीषण गर्मी के चलते मेंथा का उत्पादन पिछले साल प्रति एकड़ उत्पादन 40 से 50 किलो था वो इस बार 15-20 किलो ही निकल ...
क्या दुनिया का पेट भर पाएगा भारत या संकट से निपटने के लिए गेहूं करेगा आयात?
एक ओर मार्च-अप्रैल की गर्मी की वजह से गेहूं का उत्पादन कम हुआ तो दूसरी ओर रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने के लिए निजी ...
देशों के बीच प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष युुद्ध से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई होगी कमजोर
तथाकथित पश्चिम और तथाकथित पूर्व (यूएस बनाम चीन) के बीच चल रहे शीत युद्ध से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में हालात और खराब ...
किसानों को जिला स्तर पर मौसम की सलाह देने वाली 199 इकाइयों को बंद कर रही है सरकार
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बढ़ती बेमौसमी चुनौतियों को देखते हुए जिला कृषि मौसम इकाइयों का बड़ा महत्व है
जग बीती: क्यों नहीं दिखते किसान के आंसू
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: साल 2022 में 365 में से 314 दिन हुई मौसम की अप्रत्याशित घटनाएं
2022 में 314 दिन मौसम की अप्रत्याशित घटनाओं के कारण 3,026 लोगों की जान गई
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: मॉनसून ने किया पस्त, क्या बदलना होगा फसल चक्र?
मॉनसून के मिजाज में बदलाव को देखते हुए क्या हमें अपना फसल चक्र बदलने की जरूरत है?