जलवायु आपातकाल, कॉप-25: धीमी हुई कार्बन उत्सर्जन की वृद्धि दर, फिर भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा
एक् नए अनुमान के मुताबिक प्राकृतिक गैस और तेल की खपत बढ़ने से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के स्तर में इस साल 3700 करोड़ (37 ...
जलवायु के दृष्टिकोण से कितनी खतरनाक है हाइड्रोजन, वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य
रिसर्च से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग के दृष्टिकोण से वातावरण में लीक हुई हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) की तुलना में 12 गुणा ...
वातावरण से कार्बन को हटाने में मददगार हो सकती हैं व्हेल, लेकिन कैसे?
शोधकर्ताओं के मुताबिक यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि व्हेल कार्बन कैप्चर की तुलना में अन्य मायनों में इकोसिस्टम के लिए कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण ...
नदियों, नालों, झील, तालाबों से हर साल निकलता है 5.5 पेटाग्राम कार्बन डाइऑक्साइड
रिसर्च के मुताबिक नदियां, नाले, झीलें, तालाब और जलाशय हर साल करीब 5.5 पेटाग्राम सीओ2 उत्सर्जित कर रहे है। वहीं मीथेन उत्सर्जन को देखें ...
जलवायु कार्रवाई, जलवायु न्याय और नई जीवन शैली की यात्रा हो जी20
लाइफ आन्दोलन का उद्देश्य, सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करना है और दुनिया भर में लोगों को अपने दैनिक जीवन में सरल जलवायु-अनुकूल ...
इंसानी गतिविधियों के चलते तेजी से कम हो रहे हैं कशेरुकी जीव
अध्ययन में पाया गया कि कशेरुकी जीवों पर जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियों, आवास का नुकसान, प्रदूषण जैसे मानवजनित खतरों के चलते इनके ढ़लने या ...
जलवायु परिवर्तन के चलते पक्षियों के शरीर में हो रहा हैं बदलाव
शोध के मुताबिक अधिकांश पक्षियों की प्रजातियों में हर दशक में उनके शरीर के औसतन वजन का लगभग 2 प्रतिशत का नुकसान हो रहा ...
कॉप-26: जलवायु प्रदर्शन रैंकिंग में भारत दसवें नंबर पर बरकरार
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तय लक्ष्यों को हासिल करने के रास्ते पर है, लेकिन सही नीतियां जरूरी हैं
जलवायु परिवर्तन को लेकर पार्टियों का सम्मेलन या कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप) क्या है?
जलवायु परिवर्तन को लेकर होने वाला सम्मेलन कॉप-26, अक्टूबर 31 से 12 नवंबर 2021 के बीच ग्लासगो, यूके में आयोजित होने वाला है
पेड़ों की 17,510 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा, जानिए क्यों जरूरी है बचाना
दुनिया में पेड़ों की 58,497 प्रजातियों में से करीब एक तिहाई पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है
बर्फ की गहराई में जलवायु का भविष्य
रॉस आइस शेल्फ के नीचे समुद्री चट्टान के लिए आखिरी खोजी अभियान वर्ष 1970 में चलाया गया था जिसके नतीजे पहेली जैसे थे
सिर्फ पेड़ों के लिए ही जरूरी नहीं कवक,1312 करोड़ टन कार्बन को भी लेते हैं सोख
यह कवक पेड़-पौधों के अस्तित्व को बनाए रखने के साथ कार्बन को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं
खतरे में हैं एशिया के सबसे महत्वपूर्ण नदियों के डेल्टा: अध्ययन
नदियों के डेल्टा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का चार फीसदी से अधिक, वैश्विक फसल उत्पादन का तीन फीसदी का योगदान करते हैं और दुनिया ...
कैसे उर्वरकों से होने वाले उत्सर्जन को अगले 27 वर्षों में 80 फीसदी तक किया जा सकता है कम
शोध से पता चला है कि करीब दो-तिहाई उत्सर्जन इन उर्वरकों के उपयोग से जुड़ा है। वहीं उत्पादन प्रक्रियाओं से करीब एक तिहाई उत्सर्जन ...
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक: बाद में फायदेमंद होंगे आज महंगे लग रहे उत्सर्जन कम करने के तरीके
यह रिपोर्ट ऊर्जा, भवन, यातायात, भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले उन उपायों की विस्तृत सूची पेश करती है, जिनसे उत्सर्जन में ...
क्या जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार हो सकता है बड़े जीवों का संरक्षण
पिछले एक लाख वर्षों में कुल स्तनपायी जंगली जीवों के कुल बायोमास में करीब छह गुना कमी आई है जो 4,000 करोड़ किलोग्राम से घटकर 700 करोड़ किलोग्राम ...
वैज्ञानिकों ने माना, किसानों के पारंपरिक ज्ञान से रुक सकता है जलवायु परिवर्तन
वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों और स्थानीय समुदायों का पारंपरिक ज्ञान इससे निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं
हर साल 22 टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा कर रहा एक औसत व्यक्ति का डेटा
एक औसत व्यक्ति प्रति सेकंड 1.7 एमबी डेटा पैदा करता है। जो साल के हिसाब से करीब 22 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित कर रहा ...
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अब तक तय नहीं किए उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अपने उत्सर्जन में कमी करने के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किए हैं। वहीं इस क्षेत्र में ...
पेड़ों के साथ मशरूम की खेती: करोड़ों लोगों का पेट भरने के साथ जलवायु परिवर्तन को कर सकती है सीमित
जंगलों में खाने योग्य मशरूम की खेती हर वर्ष ने केवल 1.9 करोड़ लोगों का पेट भर सकती है, साथ ही इसकी मदद से ...
अगले 27 वर्षों में जलवायु आपदाओं का शिकार होंगे भारत के 95 फीसदी छोटे किसान: रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 27 वर्षों में भारत धान की पैदावार के लिए उपयुक्त करीब 450,000 वर्ग किलोमीटर भूमि खो सकता है
लॉकडाउन की वजह से सोलर पैनल तक पहुंची 8.3 फीसदी ज्यादा धूप: स्टडी
शोधकर्ताओं के अनुसार लॉकडाउन की वजह से हवा की गुणवत्ता में जो सुधारा आया, उसके चलते मार्च में सूर्य की 8.3 फीसदी ज्यादा धूप ...
कॉप-26: कोविड-19 के दौरान विकासशील देशों में जलवायु वित्त में गिरावट आई
महामारी से संबंधित व्यय और आय में कमी होने से देशों को जलवायु-संबंधित कई क्षेत्रों के लिए धन में कटौती करनी पड़ी
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशी ज्ञान की है अहम भूमिका
समुदाय आधारित पारिस्थितिक कैलेंडर बनाने से जलवायु परिवर्तन की स्थिति में स्थानीय स्तर पर इससे निपटने की क्षमता का विकास होगा
दुनिया भर के कुछ इलाकों को रहने के लिए खतरनाक बना रहा है जलवायु परिवर्तन
2100 तक खतरनाक इलाकों से निकलने में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है, इसमें सबसे खराब परिदृश्यों के तहत 35 फीसदी तक ...