15 सालों में शहरी यातायात के उत्सर्जन में 22 फीसदी की कटौती संभव है, कैसे यहां जानें
गणना मॉडल में राजनीतिक इच्छा शक्ति से लेकर हर शहर के लिए सबसे बड़े जलवायु संरक्षण प्रभाव वाली चीजों को शामिल किया गय, जिसके ...
कोयले से स्वच्छ ऊर्जा की ओर शिफ्ट होने से भारत को हर साल होगा 1.6 लाख करोड़ का फायदा
भारत ने 2030 तक अपनी पवन और सौर ऊर्जा क्षमता में 420 गीगावॉट का इजाफा करने का लक्ष्य रखा है
कॉप-26: संयुक्त राष्ट्र ने कहा, कार्बन कटौती का दावा खोखला है
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जब जीवाश्म ईंधन उद्योग अभी भी खरबों की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं, अभी भी कोयला संयंत्रों का ...
ऐसे भी किया जा सकता है जलवायु परिवर्तन का सामना, हिमाचल के किसानों ने दिखाया रास्ता
कुल्लू के ग्रामीण किसानों ने न केवल जलवायु परिवर्तन से बचने के तरीकों को खोजा साथ ही इस बात का भी पता लगाया कि ...
जलवायु संकट-5: क्या जलवायु परिवर्तन के टिपिंग प्वाइंट्स तक पहुंच चुके हैं हम?
धरती की जलवायु और इसके पारिस्थितिक तंत्र को समझने के लिए वैज्ञानिक “टिपिंग प्वाइंट” की पड़ताल कर रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि ...
कहां हुई चूक: हिमाचल में वृक्षारोपण से न जंगलों में हुआ इजाफा, न लोगों को मिला फायदा
हिमाचल प्रदेश में जंगलों को बढ़ाने के लिए दशकों से चलाए जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रमों से न तो वहां के जंगलों में कोई खास ...
नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों से भारत में हर साल हो रहा है 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
भारत हर साल उर्वरकों के रूप 1.8 करोड़ टन नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित हो रही ...
अपेक्षा से कहीं ज्यादा कठिन है ग्लेशियरों के लिए ग्लोबल वार्मिंग से उबरना
शोध से पता चला है कि बढ़ते तापमान के चलते हर साल ग्लेशियरों से पहले के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा बर्फ पिघल रही है
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर साल करना होगा 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 फीसदी ...
2015 से 2021 थे इतिहास के 7 सबसे गर्म साल, पांचवे स्थान पर रहा 2021
2021 की बात करें तो वो इतिहास का पांचवा सबसे गर्म साल था। जब तापमान औसत से करीब 1.16 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया ...
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 43 फीसदी शहरों के पास नहीं है कोई योजना
812 शहरों पर किए इस सर्वेक्षण में से 93 फीसदी ने माना वो किसी न किसी रूप में जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों को ...
वनों के सर्वश्रेष्ठ संरक्षक हैं आदिवासी: एफएओ
आदिवासी लोग क्षेत्र में 32 से 38 करोड़ हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा करते हैं, बदले में जंगल लगभग 3,400 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन स्टोर ...
तापमान के 1 डिग्री बढ़ने से लोगों के विस्थापित होने के खतरे में 50 फीसदी की होगी वृद्धि
इस सदी के अंत तक नदी की बाढ़ से विस्थापित होने वाले लोगों का विश्व स्तर पर औसत खतरा दोगुना, 110 फीसदी होने का ...
इतिहास का दूसरा सबसे गर्म रहा मार्च 2023, औसत से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हुआ तापमान
दिन प्रतिदिन बढ़ता तापमान इस बात का सबूत है कि हमारी धरती बड़ी तेजी से गर्म हो रही है, जिसपर अभी ध्यान न दिया ...
खोखले निकले सरकारों के वादे, जलवायु प्रतिबद्धताओं के बावजूद 2022 में भी जारी रहा ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने का सिलसिला
कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में ही लगातार ग्याहरवें वर्ष दो पीपीएम से ज्यादा की वृद्धि हुई है। इसी तरह मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड में ...
जलवायु परिवर्तन का असर: मुंबई में औसतन 5.18 मिलीमीटर की दर से हर साल बढ़ रही है बारिश
मुंबई के इन इलाकों में सिर्फ बारिश ही नहीं बढ़ रही है। साथ ही भारी और अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं में भी वृद्धि ...
क्या 2500 तक हम अपनी ही पृथ्वी के लिए बन जाएंगे एलियन?
अनुमान है कि तापमान में हो रही बेतहाशा वृद्धि एक तरफ जहां अमेजन को बंजर बना देगी। वहीं भारत और अमेरिका के कुछ हिस्से ...
दुनिया में हर मिनट नष्ट हो रहे 21.1 हेक्टेयर में फैले जंगल
2021 में उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वनों को जो नुकसान पहुंचा है, उसके कारण 250 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ है जोकि भारत के ...
जलवायु इतिहास का एक और रिकॉर्ड, 2022 में सातवीं सबसे गर्म फरवरी
इस वर्ष फरवरी 2022 का औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.81 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जबकि फरवरी 2016 में तापमान 1.26 ...
चरम मौसम की घटनाओं से निपटने के लिए केवल शहरी हरियाली पर्याप्त नहीं
वैज्ञानिकों ने बताया है कि केवल शहरी हरियाली ही जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली चरम मौसम की घटनाओं से निपटने के लिए काफी ...
इतिहास का छठा सबसे गर्म वर्ष था 2021, एनओएए ने की पुष्टि
एनओएए के अनुसार 2021 का वार्षिक औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.84 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है
सूखा ‘लू’ को बढ़ाता है, नमी की कमी से ‘लू’ घातक नहीं होती है: शोध
सूखी जमीन से वाष्पीकरण कम होता है और हवा में नमी कम हो जाती है, नमी में गर्मी के प्रभाव को बढ़ाने वाला असर ...
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2021 में भारत एक पायदान फिसला
क्लाइमेट चेंज परफॉरमेंस इंडेक्स में भारत को इस बार अक्षय ऊर्जा श्रेणी के तहत 57 में से (7.89 अंकों के साथ) 27 वें स्थान ...
6,000 से अधिक छोटे पंखों और हल्के रंग की तितलियों को जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक खतरा
शोधकर्ताओं का मानना है कि शोध की मदद से उन प्रजातियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है जिनका अस्तित्व जलवायु परिवर्तन के ...