जलवायु आपदा की आशंका को नजरअंदाज किया जा रहा है: वैज्ञानिक
अध्ययन के मुताबिक अगर वैश्विक तबाही के 1 फीसदी भी हालात बनते हैं, तो आने वाली सदी में लोगों के विलुप्त होने का खतरा ...
जलवायु परिवर्तन के चलते पक्षियों के शरीर में हो रहा हैं बदलाव
शोध के मुताबिक अधिकांश पक्षियों की प्रजातियों में हर दशक में उनके शरीर के औसतन वजन का लगभग 2 प्रतिशत का नुकसान हो रहा ...
कॉप-26: जलवायु प्रदर्शन रैंकिंग में भारत दसवें नंबर पर बरकरार
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तय लक्ष्यों को हासिल करने के रास्ते पर है, लेकिन सही नीतियां जरूरी हैं
चीटियों को जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के काबिल बनाता है उनका सामाजिक व्यवहार
दुनिया भर में चीटियों की करीब 17,000 से ज्यादा प्रजातियां ज्ञात हैं। जो अंटार्कटिका को छोड़कर लगभग सभी महाद्वीपों पर पाई जाती हैं
भारत से 2019 की नेशनल क्लाइमेट लीडर बनीं सुनीता नारायण
ग्लोबल स्पॉटलाइट रिपोर्ट#22 में लिखा गया है कि भारत और दुनिया भर में पर्यावरण और विकास नीतियों के निर्माण में सुनीता नारायण की सक्रिय भूमिका ...
जलवायु आपातकाल, कॉप-25: प्रदूषण फैलाने वाले देश नहीं कर पाए कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल
जी20 में शामिल देश दुनिया के कार्बन उत्सर्जन में 78 फीसदी योगदान देते हैं, लेकिन केवल 6 देश ऐसे हैं, जो पेरिस जलवायु समझौते ...
कॉप-26: पृथ्वी को बचा लो, ग्रेटा और उसकी साथियों ने की विश्व नेताओं से अपील
ग्रेटा थनबर्ग ने तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य हासिल, जीवाश्म ईंधन पर निवेश रोकने और विकासशील देशों को 100 अरब डाॅलर देने की ...
जग बीती: अमीर देशों का जलवायु लक्ष्य
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक: बाद में फायदेमंद होंगे आज महंगे लग रहे उत्सर्जन कम करने के तरीके
यह रिपोर्ट ऊर्जा, भवन, यातायात, भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले उन उपायों की विस्तृत सूची पेश करती है, जिनसे उत्सर्जन में ...
जलवायु संकट: बढ़ते तापमान के साथ गरीब देशों की कमर तोड़ रहा है लू का कहर
1990 के बाद से लू की वजह से इंसानी स्वास्थ्य, उत्पादकता और कृषि आदि क्षेत्रों पर पड़ते प्रभाव के चलते करीब 1,324 लाख करोड़ ...
खतरे में खाद्य उत्पादन, बढ़ते तापमान से भारत में 73 फीसदी तक घट सकती है किसानों की श्रम उत्पादकता
एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में पाया गया कि बढ़ते तापमान से पहले ही भारतीय किसान अपनी क्षमता से 23 फीसदी कम काम कर पा रहे ...
क्या अगले एक दशक में 'बर्फ मुक्त' हो जाएगा आर्कटिक, जल्द होने वाला है बड़ा बदलाव
वैज्ञानिकों का दावा है कि अगले एक दशक से भी कम वक्त में आर्कटिक क्षेत्र पहली बार 'बर्फ मुक्त' हो सकता है, इसका मतलब ...
जलवायु संकट: बढ़ते तापमान से बदल रहा तितलियों का रंग-रूप
एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान से तितलियों के रंग-रूप पर असर पड़ रहा है, जो उन्हें पहले से कम ...
क्या जलवायु में आते बदलावों का सामना कर सकते हैं शुतुरमुर्ग, जानिए क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च से पता चला है कि तापमान में आते बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव के चलते मादा शुतुरमुर्ग 40 फीसदी तक कम अंडे दे सकती है
अस्पताल में क्यों बढ़ रही है हाइपोनेट्रेमिया मरीजों की संख्या, क्या है हाइपोनेट्रेमिया
हाइपोनेट्रेमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रक्त में मौजूद सोडियम का स्तर असामान्य रूप से कम हो जाता है, जिसकी वजह से मृत्यु भी ...
जलवायु रोकथाम के लिए अपने योगदान को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे हैं अमीर देश
दुनिया भर के तमाम विकसित देशों और संस्थानों ने 146,000 करोड़ रुपए को गलत तरीके से क्लाइमेट अडॉप्टेशन फण्ड का हिस्सा बताया है, जबकि ...
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के छह प्रमुख संदेश: 1.5 डिग्री सेल्सियस पर अंतिम चेतावनी जारी
यह रिपोर्ट जलवायु में आते बदलावों और उससे जुड़ी नीतियों के मामले में पांच वर्षों के शोध का निचोड़ है। जो बेहतर कल के ...
जलवायु में आते बदलावों की वजह से अंटार्कटिक की बर्फ में गुम होते अंतरिक्ष के रहस्य
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जिस तेजी से अंटार्कटिका में बर्फ पिघल रही है, उसके चलते सालाना करीब 5,000 उल्कापिंड गायब हो रहे हैं
जलवायु संकट: बढ़ रहा दिन और रात के बीच तापमान का अंतर, फसल व स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर
शोधकर्ताओं का मानना है कि दिन और रात के बीच बढ़ते तापमान का यह अंतर फसलों की पैदावार और पौधों के विकास के साथ-साथ ...
भारत में 2022 में आंधी-तूफान, वज्रपात ने ली 1200 जानें, बाढ़ से 34,528 करोड़ का नुकसान: डब्ल्यूएमओ
2022 के दौरान एशिया में 80 से ज्यादा आपदाएं आई, इनमें करीब 83 फीसदी बाढ़ और तूफान की घटनाएं थी। इन घटनाओं में पांच ...
पर्यावरण मंत्री ने जारी की डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट
‘हमने देश में लंबे समय तक के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और अब हम देश के गरीबों के लिए संसाधनों के ...
कॉप-26: कोविड-19 के दौरान विकासशील देशों में जलवायु वित्त में गिरावट आई
महामारी से संबंधित व्यय और आय में कमी होने से देशों को जलवायु-संबंधित कई क्षेत्रों के लिए धन में कटौती करनी पड़ी
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशी ज्ञान की है अहम भूमिका
समुदाय आधारित पारिस्थितिक कैलेंडर बनाने से जलवायु परिवर्तन की स्थिति में स्थानीय स्तर पर इससे निपटने की क्षमता का विकास होगा
जलवायु आपातकाल, कॉप-25: एक डिग्री तापमान बढ़ने से पिघल गई खरबों टन बर्फ
वैश्विक जलवायु सम्मेलन (कॉप-25) में जलवायु परिवर्तन के असर का अलग-अलग आधार पर आकलन किया जा रहा है। आइए, जानते हैं कि कॉप-1 से ...
डाउन टू अर्थ खास: कितनी सफल रही महाराष्ट्र की जलवायु अनुकूलन खेती?
महाराष्ट्र की जलवायु-अनुकूल कृषि परियोजना के तहत अधिकांश धनराशि राज्य के कुछ खास जिलों और कार्यों पर ही खर्च की गई है