जलवायु संकट: दुनिया भर में बदलती जलवायु का शिकार हैं शरणार्थियों की बस्तियां, दोहरी मार का कर रही हैं सामना
गरीबी, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन के चलते दरबदर की ठोकर खाने को मजबूर यह शरणार्थी, मौसम से जुड़ी चरम आपदाओं के चलते दोहरी मार ...
जलवायु परिवर्तन के लिए निजी क्षेत्र को जवाबदेह बनाना जरूरी
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मौलिक रणनीतियां अपनाने का वक्त आ गया है
तस्वीर बोलती हैं: ग्रेटा का असर, जलवायु परिवर्तन पर अंकुश के लिए आगे आए भारत के बच्चे
27 सितंबर 219, शुक्रवार को नई दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ बच्चों ने प्रदर्शन किया। ऐसा प्रदर्शन हर शुक्रवार को कई देशों में ...
बेमौसमी खतरों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों की सूची में शामिल है एशिया प्रशांत
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, भारत, इंडोनेशिया, थाईलैंड और फिलीपींस जैसे देशों में बीमा सुरक्षा की बड़ी कमी है
जलवायु संकट: प्राकृतिक बर्फ को तरस जाएंगे यूरोप के 98 फीसदी स्की रिसॉर्ट
रिसर्च से पता चला है कि तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ यूरोप के करीब 98 फीसदी स्की रिसॉर्ट प्राकृतिक बर्फ ...
गर्म होती जलवायु के चलते जानवरों का बदल रहा है आकार: अध्ययन
ऑस्ट्रेलियाई तोते की कई प्रजातियों में 1871 के बाद से बिल के आकार में औसतन 4 से 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
ऐसे भी किया जा सकता है जलवायु परिवर्तन का सामना, हिमाचल के किसानों ने दिखाया रास्ता
कुल्लू के ग्रामीण किसानों ने न केवल जलवायु परिवर्तन से बचने के तरीकों को खोजा साथ ही इस बात का भी पता लगाया कि ...
इतिहास का दूसरा सबसे गर्म रहा मार्च 2023, औसत से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हुआ तापमान
दिन प्रतिदिन बढ़ता तापमान इस बात का सबूत है कि हमारी धरती बड़ी तेजी से गर्म हो रही है, जिसपर अभी ध्यान न दिया ...
जलवायु परिवर्तन का असर: मुंबई में औसतन 5.18 मिलीमीटर की दर से हर साल बढ़ रही है बारिश
मुंबई के इन इलाकों में सिर्फ बारिश ही नहीं बढ़ रही है। साथ ही भारी और अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं में भी वृद्धि ...
कॉप 27 प्रेसीडेंसी ने ड्राफ्ट पेपर किया जारी, हानि और क्षति सुविधा के गठन को किया प्रस्तावित
कॉप 27 के अध्यक्ष ने प्रस्तावित किया है कि फंडिंग के विवरण को कॉप 28 के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, जोकि 2023 में ...
जलवायु इतिहास का नया रिकॉर्ड, पांचवा सबसे गर्म रहा इस साल का सितंबर महीना
पिछले 453 महीनों में कोई भी महीना ऐसा नहीं रहा जब तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया हो। यह स्पष्ट तौर पर बदलती ...
जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
यदि तापमान में होती वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखना है तो उसके लिए अब से 2050 तक प्रति व्यक्ति वार्षिक उत्सर्जन ...
क्या गरीब देशों को कर्ज के भंवर जाल में फंसा देगा क्लाइमेट फंड?
क्लाइमेट फाइनेंस के नाम पर दिए 4,40,637 करोड़ रुपए में से केवल एक तिहाई ही गरीब देशों तक पहुंच पाया था
6,000 से अधिक छोटे पंखों और हल्के रंग की तितलियों को जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक खतरा
शोधकर्ताओं का मानना है कि शोध की मदद से उन प्रजातियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है जिनका अस्तित्व जलवायु परिवर्तन के ...
एक डिग्री तापमान बढ़ने से 5 फीसदी कम हो सकता है आर्थिक विकास: अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस के अतिरिक्त बदलाव आने से क्षेत्रीय आर्थिक विकास दर में औसतन 5 प्रतिशत की कमी ...
जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
जलवायु परिवर्तन के चलते 2050 तक, हिमालय क्षेत्र में भौंरों की 75 फीसदी से अधिक प्रजातियां उपयुक्त आवास क्षेत्रों में गिरावट का सामना करने ...
जलवायु के खिलाफ जंग में सामने आया ग्रीस, पास किया पहला क्लाइमेट लॉ
ग्रीस का यह पहला क्लाइमेट लॉ, 2028 तक सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने की बात करता है
कनाडा में मिली जलवायु परिवर्तन की पहली मरीज!
ब्रिटिश कोलंबिया में एक डॉक्टर ने एक बुजुर्ग मरीज के रोग का कारण जलवायु परिवर्तन बताया है
जलवायु आपातकाल, कॉप-25: धीमी हुई कार्बन उत्सर्जन की वृद्धि दर, फिर भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा
एक् नए अनुमान के मुताबिक प्राकृतिक गैस और तेल की खपत बढ़ने से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के स्तर में इस साल 3700 करोड़ (37 ...
जलवायु परिवर्तन के नाम पर हो रहा कार्रवाई का ढकोसला
यह गौर करने वाली बात है कि जलवायु समझौतों में जिन तरकीबों की काफी प्रशंसा होती है, वे प्रायः पेचीदा समझौतों पर जाकर खत्म ...
कॉप-25: जलवायु परिवर्तन से खतरे में है दुनिया की 40 फीसदी दुर्लभ प्रजातियां
दो दिसंबर से शुरू हो रहे जलवायु परिवर्तन पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन (कॉप-25) से पहले बड़ा अध्ययन सामने आया है, जिसमें दुर्लभ प्रजातियों के पौधों ...
गंभीर खतरा, सुस्त रवैया
चरम मौसमी घटनाओं के मामले में, भारत दुनिया का छठा जोखिम भरा देश है लेकिन क्या राज्यों के क्लाइमेट एक्शन प्लान इनसे निपटने में ...
जलवायु अनुकूलन के लिए जरूरी जन-भागीदारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), इंदौर और आईआईटी, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात उभरकर आई है।
जग बीती: खतरे में अमेरिका का लोकतंत्र!
जग बीती: दो वैक्सीन की कहानी