कॉप 26 : ग्लासगो से शुरू होगा दुनिया का नया अध्याय
कॉप 26 का शीर्ष एजेंडा अपने नेतृत्व और आवाज को फिर से हासिल करने वाला होना चाहिए ताकि अमीर और गरीब दोनों के विश्वास ...
साहित्य में पर्यावरण: जलवायु संकट के सच का गल्प
साहित्य में गल्प लेखन भी जमीनी विषयों को रेखांकित करता रहा है। नई परिस्थितियों में विज्ञान और जलवायु परिवर्तन इसकी धुरी बन रहा है
दशक पर एक नजर: विस्फोटक दुनिया में हम
विकास ने पर्यावरण को काफी प्रभावित किया है, इसलिए 2010-2019 का दशक आखिरी मौका है कि हम ठोस और सही कदम उठाएं
अगर मैं सत्ता में आया तो पूंजीवाद को खत्म करूंगा, पूंजी को नहीं: गांधी
भारत सहित दुनिया भर में पूंजीवाद को लेकर लगातार बहस जारी है, लेकिन महात्मा गांधी के विचार बिल्कुल साफ थे। ऐसे ही कुछ विषयों ...
आईपीसीसी रिपोर्ट ने बजाई खतरे की घंटी
भविष्य में गरीबी, खाद्यान्न की कीमत में वृद्धि होगी, साथ ही मलेरिया और डायरिया की बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा
क्यों डूबा केरल?
केरल में आई बाढ़ बताती है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और आपदा से बचने की तैयारी न होने से जलवायु परिवर्तन किस हद ...
“मानव निर्मित” आपदा
केरल में जो हुआ वह पूरी दुनिया में हो रहा है। यह एक असहज करने वाला तथ्य है कि हमारे पास बदलते मौसम से ...
जलवायु परिवर्तन और लोकतंत्र
“गोबर टाइम्स” हमारे नन्हे पाठकों के लिए पर्यावरण पर आधारित पत्रिका है जो डाउन टू अर्थ के अंग्रेजी संस्करण के साथ उपलब्ध है।
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: जलवायु परिवर्तन से कैसे जुड़ा है टिड्डी दल का हमला
डेजर्ट लोकस्ट एक्सपर्ट अनिल शर्मा ने कहा कि मौसम में बदलाव की वजह से बढ़ा है टिड्डों का हमला
'नेताओं की निष्क्रियता ने विरोध के लिए किया मजबूर', कॉप28 में विरोध के बाद 12 वर्षीय मणिपुरी कार्यकर्ता ने साझा की कहानी
मणिपुर की इस 12 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता का कहना है कि चरम मौसमी घटनाओं के व्यक्तिगत अनुभवों और शिक्षकों ने उन्हें कार्रवाई के लिए ...
क्या जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते पलायन को वैश्विक मान्यता मिल पाएगी?
जलवायु परिवर्तन के कारण एक से दूसरे देश में पलायन को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौता अभी दूर की राजनीतिक कौड़ी है
कैसे हो सकता है 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य हासिल, वैज्ञानिकों ने सुझाया रास्ता
वैज्ञानिकों ने तेल और गैस के 60 फीसदी और कोयले के 89 फीसदी भंडार को जमीन में ही छोड़ने की सलाह दी है
भारत में उगने वाली फसलों पर जलवायु परिवर्तन का दिखेगा भारी असर, करने होंगे ये उपाय
शोधकर्ताओं ने 60 वर्षों के आंकड़ों का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि लंबी अवधि तक मौसम में बदलाव से धान, मक्का और ...
जलवायु आपदाओं का साल रहा 2022, भारत-चीन-पाकिस्तान सहित कई देशों को हुआ भारी नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून से सितंबर के बीच मानसून में पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ में 1,739 लोगों की मौत हो गई थी, ...
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: साल 2022 में 365 में से 314 दिन हुई मौसम की अप्रत्याशित घटनाएं
2022 में 314 दिन मौसम की अप्रत्याशित घटनाओं के कारण 3,026 लोगों की जान गई
जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित देशों में पत्रकारिता की भूमिका अहम
26 अधिक असुरक्षित देशों के बीच मीडिया कवरेज में अंतर्राष्ट्रीय शासन और विकास, ऊर्जा परिवर्तन का अर्थशास्त्र और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव शामिल रहे
जलवायु परिवर्तन से खतरे में समुद्री तितलियों का जीवन चक्र, सम्पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र को कर सकता है प्रभावित
समुद्र में घुलती कार्बन डाइऑक्साइड इन छोटे खोल वाले समुद्री जीवों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है, जो उनके अस्तित्व के साथ-साथ समुद्र के ...
जलवायु अनुकूलन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है भारत जैसे देशों में छोटी दूरी के लिए होने वाला प्रवास
देखा जाए तो शुष्क क्षेत्र पहले ही दबाव में है ऊपर से जलवायु में आते बदलावों के चलते उनकी समस्याएं कहीं ज्यादा विकराल रूप ...
सातवीं सामूहिक विलुप्ति की ओर बढ़ रही है धरती, हर साल विलुप्त हो रही हैं हजारों प्रजातियां: अध्ययन
नए शोध से पता चलता है कि पर्यावरणीय बदलावों के कारण इतिहास में पहली ऐसी घटना हुई, जो लाखों साल पहले हुई थी
जलवायु संकट: मध्य एशिया के मैदानी इलाके गर्म और शुष्क रेगिस्तान में बदल रहे हैं, पहाड़ों पर बढ़ी बारिश
शोधकर्ताओं ने पाया कि मध्य एशिया के हवा के तापमान में 1990 से 2020 के बीच औसतन 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो ...
जलवायु संकट-1: मनुष्य ने खुद लिखी अपने विनाश की पटकथा
आईपीसीसी के ताजा वैज्ञानिक अनुमान साफ बताते हैं कि धरती की जलवायु एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है जहां से इसे बदलना दूर ...
जलवायु परिवर्तन को लेकर पार्टियों का सम्मेलन या कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप) क्या है?
जलवायु परिवर्तन को लेकर होने वाला सम्मेलन कॉप-26, अक्टूबर 31 से 12 नवंबर 2021 के बीच ग्लासगो, यूके में आयोजित होने वाला है
जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते 2050 तक अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे 4.5 करोड़ भारतीय
2050 तक भारत के 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे| यह ...
जलवायु परिवर्तन से बड़े और प्रवासी पक्षियों की जन्मदर में क्यों आ रही है गिरावट?
रिसर्च से पता चला है कि बढ़ता तापमान दुनिया भर में बड़े और प्रवासी पक्षियों की प्रजनन दर में कमी की वजह बन रहा ...
जलवायु परिवर्तन बिगाड़ रहा अलास्का का ईकोसिस्टम
वर्ष 2000 से 2018 के बीच सेटेलाइट इमेज ने अलास्का में हो रहे तेजी से वानस्पतिक बदलावों को दर्ज किया है