जलवायु आपातकाल, कॉप-25: दुनिया के लिए वर्ष 2020 अहम क्यों है?
इसी वर्ष दुनिया के तमाम देश ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए दूसरे चरण के राष्ट्रीय लक्ष्य घोषित करेंगे
जलवायु संग्रहालय बदल रहा है लोगों की सोच, क्यों हैं खास?
संग्रहालय आमजन को कला कृतियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में जागरुक कर रहा है
जलवायु परिवर्तन: सब पैसे का खेल है!
जलवायु वित्त की राशि उन देशों को नहीं मिलती, जिन्हें उसकी सबसे अधिक जरूरत है। यह पैसा वहां जाता है, जहां पैसा बनाने का ...
जलवायु परिवर्तन के नौ टिपिंग प्वाइंट हुए सक्रिय : वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
टिपिंग प्वाइंट्स ऐसी सीमा है, जिसके पार होने पर धरती में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं, जो खतरे का संकेत है
कैसे हो रहा है ग्रीनहाउस गैसों से जलवायु परिवर्तन, वैज्ञानिकों ने बनाया पूर्वानुमान लगाने का उपकरण
1880 से पृथ्वी के तापमान में 1.9 डिग्री फारेनहाइट की वृद्धि हुई है और इसके लगातार बढ़ते रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है
जलवायु आपातकाल कॉप-25: भारत ही हासिल कर सकता है दो डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य
अमेरिका, चीन व यूरोपीय संघ ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के प्रभावी प्रयास करने में ‘घोर रूप से असक्षम’ हैं
अब बहुत-सी घटनाओं को हम जोड़ सकते हैं
अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ द एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी के जलवायु वैज्ञानिक डेनियल स्वैन ने बताया कि नए मॉडल ने घटनाओं के ...
जलवायु आपातकाल, कॉप-25: राजनेताओं के सामने करने होंगे प्रदर्शन और जलवायु सम्मेलन
जलवायु बहुपक्षीयता कमजोर है, लेकिन सम्मेलन से जिम्मेदारी को तय करने में मदद मिलेगी
अगले 27 वर्षों में जलवायु आपदाओं का शिकार होंगे भारत के 95 फीसदी छोटे किसान: रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 27 वर्षों में भारत धान की पैदावार के लिए उपयुक्त करीब 450,000 वर्ग किलोमीटर भूमि खो सकता है
बढ़ते तापमान से बिगड़ता कॉफी का जायका, घटती पैदावार के बीच बढ़ी कीमतें
दुनिया में कॉफी की खेती कर रहे 2.5 करोड़ किसानों में से 80 से 90 फीसदी छोटे और सीमान्त किसान हैं, जो जलवायु में ...
2021 में डाउन टू अर्थ में प्रकाशित इन 10 स्टोरीज से समझें, कितना बड़ा संकट बन गया है जलवायु परिवर्तन
2021 में जलवायु परिवर्तन का असर साफ-साफ दिखाई दिया। इन घटनाओं और अध्ययनों को डाउन टू अर्थ ने विस्तार से प्रकाशित किया। साल के ...
हम बच्चे जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो बड़ों को गुस्सा आता है
जलवायु संकट के खिलाफ मुहिम चला रही ग्रेटा थनबर्ग की टीम में शामिल भारत की रिद्धिमा पांडे से जानिए कि भारत में जलवायु परिवर्तन ...
जलवायु परिवर्तन नहीं, जलवायु प्रलय कहिए
जलवायु आपातकाल वास्तविक है हमें इसके प्रलय से बचने के लिए वास्तविक कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाना होगा
कब पता चला कि जलवायु परिवर्तन के लिए इंसान दोषी है?
जलवायु से जुड़े जोखिम का अध्ययन करने वाली शाखा एट्रिब्यूशन साइंस आईपीसीसी को जलवायु परिवर्तन के असल सवालों के करीब लाया है। यह शाखा ...
जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
अब समय आ चुका है जब हम अपने पूर्वाग्रहों से बाहर निकलें और कुछ न करने के बहाने ढूंढना बंद करें
मूलवासियों की भागीदारी और ज्ञान से जलवायु परिवर्तन से निपटना होगा आसान
अध्ययन में कहा गया है कि इस नई विधि का उद्देश्य चुने गए इलाकों के निवासियों द्वारा महसूस किए गए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ...
दुनिया भर के कुछ इलाकों को रहने के लिए खतरनाक बना रहा है जलवायु परिवर्तन
2100 तक खतरनाक इलाकों से निकलने में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है, इसमें सबसे खराब परिदृश्यों के तहत 35 फीसदी तक ...
भारत पहुंची बच्चों की क्लाइमेट स्ट्राइक, दुनिया भर में प्रदर्शन
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ स्टॉकहोम से शुरू एक स्कूली बच्ची ग्रेटा थुनबर्ग की हड़ताल (क्लाइमेट स्ट्राइक) भारत पहुंच चुकी है। 20 सितंबर को दिल्ली ...
दोहरे विस्थापन को मजबूर हैं अमेरिकी आदिवासी
जबरन स्थानांतरण ने अमेरिका के आदिवासियों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की चपेट में ला दिया है
खास पड़ताल: विस्थापन के लिए युद्ध से बड़ा कारण बना जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन से होने वाली आपदाओं ने दुनियाभर में एक बड़ी आबादी के सामने अभूतपूर्व पलायन अथवा विस्थापन का संकट खड़ा कर दिया है
दशक पर एक नजर: जलवायु पतन के लिए किया जाएगा याद
21वीं शताब्दी के दूसरे दशक के शुरुआत में जलवायु परिवर्तन रोकने को कोशिशों से दुनिया ने अपना कदम पीछे खींच लिया
जलवायु कार्रवाई, जलवायु न्याय और नई जीवन शैली की यात्रा हो जी20
लाइफ आन्दोलन का उद्देश्य, सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करना है और दुनिया भर में लोगों को अपने दैनिक जीवन में सरल जलवायु-अनुकूल ...
व्यापार से संबंधित रणनीतियों से जलवायु संकट पर काबू पाया जा सकता है: अध्ययन
इंडोनेशिया भारत की तुलना में लगभग दो डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म है, दोनों देशों के बीच तापमान में एक डिग्री का अंतर होने से ...
कॉप-27: एक औसत भारतीय से लाखों गुणा ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं कुछ गिने-चुने उद्योगपति
दुनिया के इन सिर्फ 125 अरबपतियों द्वारा किया निवेश हर साल 39.3 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन कर रहा है, जोकि फ्रांस ...
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट: अनुकूलन की हद पार कर चुके हैं कई क्षेत्र, लेखकों ने चेताया
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट में जलवायु अनुकूलन को लेकर लेखकों ने चिंता जताई है