कोविड-19: आपदा को अवसर में बदलने से चूक न जाएं हम
कोविड-19 से पहले जो कोयला परियोजनाएं सफलतापूर्वक लाभ नहीं अर्जित कर रही थीं, वो अब किसी भी प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा नहीं होनी चाहिए
उज्जवला योजना: कनेक्शन मिला नहीं पर खाते में पहुंच गई सब्सिडी!
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के माणिकपुर ब्लॉक में उज्जवला योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है
कोरोनावायरस ने बिगाड़ा बनारस के लंगड़ा आम का स्वाद
बनारस के आसपास आम की किस्म लंगड़ा के बाग हैं, जिन्हें यूरोप में एक्सपोर्ट किया जाता है, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से किसान और ...
किसान सस्ते और उपभोक्ता महंगे दामों से परेशान, कैसे बढ़ रहे दाम?
खेत में टमाटर की तुड़वाई भी महंगी पड़ रही और शहरों की दुकानों पर चालीस रुपए किलो में बिक रहा है, यही हाल अन्य ...
लॉकडाउन के बाद यातायात का दबाव सहने के लिए तैयार नहीं है दिल्ली : सीएसई
कोविड-19 के दौरान व्यस्त यातायात और वायु प्रदूषण से मिली राहत बरकरार नहीं रह सकी
लॉकडाउन में 50 फीसदी बढ़ा रिवर्स रेमिटेंस, गांव से महानगर खातों में पहुंचे पैसे
बिहार में छपरा, दरभंगा, मोतिहारी और मध्य प्रदेश में सागर जैसी जगहों से लोगों ने महानगरों को इंडिया पेयमेंट बैंक के माध्यम से खातों ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी -6: बढ़ानी होगी रोजगार की गारंटी
मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कार्यक्रम ना केवल लोगों के घर में कुछ पैसा लाएगा और बाजार में भी डिमांड पैदा करेगा
दिल्ली-एनसीआर में 85 फीसदी लोगों की कमाई कम हुई: सर्वे
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) एक सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं
कोरोना लॉकडाउन: मजदूर क्यों न खोते धैर्य?
अमीर अब सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि कम विशेषाधिकार लोगों का अनुभव इससे उलट रहा
गुजरात की केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट से आठ की मौत, सुरक्षा पर उठे सवाल
इससे पहले भी लंबे लॉकडाउन के बाद खुल रहे केमिकल प्लांट्स में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-11: न बाजार को पसंद है न सरकार को!
कोरोना आपदा में दो कल्याणकारी योजनाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। एक है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
गांव लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा मनरेगा?
कोरोनावायरस संक्रमण के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में लगभग 60 हजार प्रवासी लौट आए हैं
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सड़क यातायात में कमी से बाघों के व्यवहार में हुआ बदलाव
लॉकडाउन शुरू होने के बाद के महीने से, नर बाघ के घर का आकार तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 213 वर्ग मील हो ...
एसओई 2021: कोरोना महामारी में जन्मे बच्चों पर 2040 तक दिखेगा असर
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021 रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए बच्चों के भविष्य पर चिंता जताई गई है
महामारी से कार्बन उत्सर्जन तो घटा, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती बरकरार
संयुक्त राष्ट्र की संस्था के प्रमुख का कहना है कि, 'लॉकडाउन के चलते उत्सर्जन में जो कमी आई है हमें इस कर्व को लंबे ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-5: 3.50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी
कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुए हालात के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजना कितनी कारगर रहेगी, एक विश्लेषण-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
भारत के 85 फीसदी लोग चाहते हैं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम
भारत के 85 फीसदी लोग चाहते हैं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम, जबकि 87 फीसदी ने सर्वे में माना कि लॉकडाउन ...
लॉकडाउन के चलते भारत में प्रदूषण और तापमान में दर्ज की गई गिरावट
मार्च से मई 2020 के दौरान देश के प्रमुख शहरों में दिन का तापमान करीब एक डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान पिछले पांच ...
कोरोनावायरस: लॉकडाउन में ओजोन प्रदूषण में हुआ भारी इजाफा
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के दौरान 22 शहरों में ओजोन के स्तर का विश्लेषण के बाद सीएसई ने एक ...
पथ का साथी: गांव लौटे प्रवासियों के सामने खड़ी हैं कई दिक्कतें
डाउन टू अर्थ के रिपोर्टर विवेक मिश्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश के गांवों में हैं और गांव पहुंचे प्रवासियों के साथ दिन बीता रहे ...
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-1: नियमों के संशोधन पर सवाल
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी कारगर साबित हुई। प्रस्तुत है, डाउन टू अर्थ की खास सीरीज
मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 29,415 की मौत, लेकिन कौन थे ये लोग?
सरकार ने संसद को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, उनके पास इसके आंकड़े नहीं हैं