62 फीसदी पुरुषों की तुलना में दुनिया की केवल 57 फीसदी महिलाएं कर रही हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट के क्षेत्र में आई क्रांति के बावजूद अभी भी दुनिया की करीब 37 फीसदी आबादी इंटरनेट से दूर है। यदि उनकी कुल संख्या की बात ...
लोकतंत्र के लिए कितनी सही हैं कॉरपोरेट पंचायत?
गैर सरकारी संगठन ट्वेंटी20 ने केरल के एक गांव में कॉरपोरेट पंचायत स्थापित की, लेकिन यह लोकतंत्र के लिए कितना सही और दीर्घकालिक होगा?
भूख का सामना कर रहे हर पांचवे अमेरिकी ने निभाई राष्ट्रपति चुनाव में भूमिका!
कोविड-19 महामारी से पहले अमेरिका में वर्ष 2019 में लगभग 10.5 प्रतिशत परिवार खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2022: जातिवाद खत्म कर और शांति बनाएं
संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और नस्ल की परवाह किए बिना फल-फूल ...
ग्रामीण विकास का अर्धसत्य
गावों से उम्मीदों की गठरी बांधे जिन लाखों वंचितों ने शहरों को अपना अस्थायी आशियाना बनाया, एक महामारी की आशंका ने उसकी वास्तविकता को ...
शिक्षा और स्वास्थ्य से अधिक कर्ज के ब्याज पर पैसा खर्च कर रहे हैं देश
अफ्रीका में ब्याज पर प्रति व्यक्ति खर्च 70 अमेरिकी डॉलर है, जो शिक्षा पर प्रति व्यक्ति खर्च 60 डॉलर और स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति ...
क्या है जो भारत में तैयार कर रहा है गरीब
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2022 से पता चलता है कि पोषण, ईंधन, आवास और स्वच्छता तक पहुंच की कमी देश में लाखों लोगों को ...
कुफरी में पर्यटन के लिए सीमित की जाएगी घोड़ों की संख्या: रिपोर्ट
कुफरी में घोडा मालिक, घोड़ों की संख्या को तत्काल 1,029 से घटाकर 700 करने पर राजी हो गए हैं
उज्जवल भविष्य की चाह में गुम होती जिंदगियां: 2023 प्रवासियों के लिए रहा सबसे घातक, 8,565 लोगों ने गंवाई जान
रिपोर्ट के अनुसार 2022 की तुलना में देखें तो 2023 में प्रवासन के दौरान मरने वालों के आंकड़ों में 20 फीसदी की वृद्धि आई ...
विश्व के ढाई करोड़ से अधिक शराणार्थियों के पास आसरा नहीं
शराणार्थियों की स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है
उत्तराखंड के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा जीईपी?
उत्तराखंड में जीडीपी की तरह जीईपी का आकलन करने का निर्णय लिया गया है
‘गुलाम मन’, घर और उसमें घुटता आदमी
घर बनाने में हमने बिना स्थानीय सरोकारों और जरूरतों को ध्यान में रखे नए ज्ञान और तकनीक को प्रयोग किया
अमेरिका में पैठ जमा रही है गरीबी, क्या हैं मायने
पूंजीवादी व्यवस्था में श्रमिकों से ज्यादा हासिल करने और मालिक जितना संभव हो उतना कम देने की कोशिश में हैं
महिलाओं के भूमि अधिकारों का अधूरा अध्याय
खेती-बाड़ी के अधिकांश काम करने के बावज़ूद महिलाओं को भी 'किसान' होने का वैधानिक अहसास, आख़िर कब और किसकी बदौलत होगा?
कोरबा के आदिवासी किसानों ने 25 बरस बाद जमीन अधिग्रहण के लिए लौटी विदेशी कंपनी के खिलाफ शुरु किया आंदोलन
सैकड़ों आदिवासी किसानों ने बुधवार को बिलासपुर उच्च न्यायालय को पोस्ट कार्ड लिखकर अपनी भूमि वापस दिलाने की अपील की है। किसानों द्वारा पोस्ट ...
असमानता की रिपोर्ट में फिर सामने आई एक और हकीकत
‘असमानता की रिपोर्ट’ की मानें तो देश में समृद्धि का पैसा गरीब आदमी तक रिसकर भी नहीं पहुंच रहा
अगले 38 वर्षों में 44 फीसदी बढ़ जाएगी रेत की वैश्विक मांग, जानिए भारत को कितनी होगी जरुरत
शोधकर्ताओं के मुताबिक बढ़ते शहरीकरण के चलते भारत की रेत संबंधी मांग 2060 तक 294 फीसदी बढ़ जाएगी
केवल 18 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टरों के भरोसे चल रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्य सभा में जानकारी दी कि देश के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स में 21,340 विशेषज्ञों की जरुरत है
भारत क्यों है गरीब-11: मेवात के 47 फीसदी क्षेत्र में नहीं है सिंचाई की व्यवस्था
मेवात जिले में गरीबी की बड़ी वजह यह है कि यहां खेतों की सिंचाई के लिए व्यापक व्यवस्था नहीं है
भारत क्यों है गरीब-3: समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बीच रहने वाले ही गरीब
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीबी उन्हीं इलाकों में ज्यादा है, जहां प्राकृतिक संपदा प्रचुर मात्रा में है। इन लोगों की क्षमता इतनी भी नहीं ...
जानिए चमोली त्रासदी के बाद क्यों जरूरी है हिमालय की चेतावनी का पाठ पढ़ना
नाजुक हिमालय में 33 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा हिमनद (ग्लेशियर) है। ध्रुव क्षेत्रों के बाहर ग्लेशियर के रूप में पानी का बड़ी मात्रा में ...
बेलारूस मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ दो मानवाधिकार संगठनों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ रूस के मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के ‘सिविल लिबर्टीज’ को मिला नोबल शांति पुरस्कार
“नया भारत” कितना नया?
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाना गौरव की बात है लेकिन “नया भारत” बनाना लिखित संबोधन से कहीं बढ़कर है
कोरोना लॉकडाउन: सरकारी स्कूलों के बच्चे कैसे करेंगे पढ़ाई?
उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं। इसका असर गरीब तबके से जुडे बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है
2018 में हर रोज तोड़े गए 114 घर, 2 लाख लोग हुए बेघर : रिपोर्ट
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी, हाईवे जैसी परियोजनाओं की वजह से तोड़फोड़ की गई