दुनिया भर में 30 फीसदी शिकारी पक्षियों की प्रजातियों पर मंडरा रहा है खतरा
दक्षिण एशिया में मरे हुए जानवरों को खाने के बाद शिकारी पक्षियों की मृत्यु में बढ़ोतरी देखी गई है, हाल के दशकों में कुछ ...
कैसे हो नदियों के डेल्टा और वहां रहने वाले लोगों के बीच संतुलन?
अध्ययन में नदी प्रणालियों को मोड़ने के लिए सबसे अच्छी जगह का विश्लेषण किया है, जो प्राकृतिक तौर पर बनाई गई संरचनाएं हैं, जो ...
लुटता हिमालय: कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले निर्माण करने होंगे
अच्छे और सुरक्षित निर्माण का एक ही मंत्र है- कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले ढांचे, बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम जो प्राकृतिक नाले से जुड़े ...
लुटता हिमालय: जनसंख्या के बढ़ते दबाव ने बढ़ाई मुश्किलें
1971 से लेकर 2021 के बीच 12 हिमालयी राज्यों की कुल जनसंख्या में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि देखी गई है। इस दौरान शहरी ...
लुटता हिमालय: भूमि उपयोग और आवरण में बदलाव से सूख रही हैं धाराएं
धाराएं केवल हिमालय क्षेत्र की 5 करोड़ आबादी ही नहीं बल्कि वास्तव में 15 करोड़ की आबादी के लिए महत्वपूर्ण हैं
आकाशीय बिजली गिरने से उष्णकटिबंधीय जंगलों में हर बार 100 पेड़ों का हो रहा है नुकसान
पेड़ों की प्रजातियां बिजली के हमलों के लिए अलग तरह से प्रतिक्रिया करती हैं, लेकिन पेड़ों पर उन हमलों के प्रभाव को मापा नहीं ...
मिट्टी में सूक्ष्मजीवों पर बदलते मौसम से कार्बन उत्सर्जन बढ़ रहा है : अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की आबादी को लगातार औसत स्तर पर रखने से कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता ...
प्रजातियों के भीतर छिपी हुई जैव विविधता का लगातार नुकसान हो रहा है : अध्ययन
अध्ययन से पता चला है कि प्रजातियों के भीतर विविधता के नुकसान के गंभीर पारिस्थितिक परिणाम हो सकते हैं, यह प्राकृतिक सामग्री और प्राकृतिक ...
लुटता हिमालय: प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए संतुलित पहल की आवश्यकता
क्षेत्र के पर्यावरण और लोगों के आर्थिक लाभ के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आपदाओं को पूरी तरह से रोक पाना संभव ...
प्राकृतिक नहीं, एक सुनियोजित आपदा है जोशीमठ
हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ के धंसने की शुरुआत बताती है कि हमने भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की पारिस्थितिक विशेषताओं को ध्यान ...
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशी ज्ञान की है अहम भूमिका
समुदाय आधारित पारिस्थितिक कैलेंडर बनाने से जलवायु परिवर्तन की स्थिति में स्थानीय स्तर पर इससे निपटने की क्षमता का विकास होगा
नदियों में बढ़ रही है रासायनिक पदार्थों की मात्रा, कौन है जिम्मेवार?
नदियों से दुनिया भर के महासागरों में कुल घुलने वाले ठोसों की मात्रा 68 फीसदी है जिसमें क्लोराइड 81, सोडियम 86 और सल्फेट में ...
अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर जानें पहाड़ों के बारे में कुछ खास बातें
दुनिया के 80 प्रतिशत भोजन की आपूर्ति करने वाली 20 पौधों की प्रजातियों में से छह की उत्पत्ति पहाड़ों में हुई, जिनमें मक्का, आलू, ...
गंगा नदी के निचले हिस्सों में पानी की गुणवत्ता बहुत खराब पाई गई: अध्ययन
अध्ययन में पर्यावरण में होने वाले बदलावों और जल गुणवत्ता सूचकांक पर मानसूनी वर्षा के प्रभाव को समझने के लिए गंगा नदी के निचले ...
घुमंतू समुदाय की भाषा पर खतरा सबसे अधिक
भाषायी सर्वेक्षण प्रकाशित करने वाले गणेश देवी से डाउन टू अर्थ ने भाषाओं की विलुप्ति पर विस्तार से बात की
नदी की बेसहारा संतानें
नदी पर आश्रित मछुआरे अपने पुश्तैनी पेशे को छोड़कर मजदूर बनने को विवश हो रहे हैं। सरकारी नीतियों में उनके लिए कोई जगह नहीं ...
लुटता हिमालय: जोशीमठ ही नहीं, पूरे हिमालय को छलनी कर रही हैं 'विकास' की दरारें
जोशीमठ का संकट अविवेकी और अनियंत्रित विकास की बानगी भर है। इस संकट ने हिमालयी राज्यों में विकास को नए सिरे से परिभाषित करने ...
बेहद जरूरी है गैर बारहमासी नदियां का प्रबंधन
अध्ययन में नदी के बहाव में होने वाली रुकावट से भविष्य में होने वाले बदलावों का आकलन किया गया है
फसलों में रोग बढ़ा रही हैं कुछ पक्षियों की प्रजातियां, खाद्य सुरक्षा पर बढ़ सकता है संकट
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने जंगली पक्षी के मल के 11,000 से अधिक बैक्टीरिया परीक्षण किए और 8 प्रतिशत नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर नामक रोग ...
हिंदू कुश हिमालय की जैव विविधता को बड़ी तेजी से बदल रहा है जलवायु परिवर्तन: रिपोर्ट
आईसीआईएमओडी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में जीव जंतुओं, पौधों, फूलों आदि की प्रवृति में काफी बदलाव आ रहा है
उष्णकटिबंधीय जंगलों को काट कर ताड़ के पेड़ लगाना ठीक नहीं: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने बोर्नियो में तेल के लिए किए जा रहे ताड़ के वृक्षारोपण तथा काटे गए पुराने जंगलों से 248 कशेरुक प्रजातियों की आबादी ...
उत्तराखंड: खतरे में है सूखाताल का अस्तित्व, कैसे बचेगा नैनीताल
100 से ज्यादा पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को एक पत्र भेजकर सूखा ताल को बचाने की गुहार लगाई है
तापमान के 1.5 डिग्री होने पर छोटे ग्लेशियरों का 50 फीसदी हिस्सा होगा गायब :आईपीसीसी रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक कम उत्सर्जन परिदृश्य के तहत पहाड़ों में वर्तमान बर्फ के लगभग आधे हिस्से संरक्षित रहेंगे, जबकि उच्च स्तर दो-तिहाई और 90 ...
क्यों हुआ जोशीमठ भूधंसाव, भाग दो: पीडीएनए रिपोर्ट में एनटीपीसी के हाइड्रो प्रोजेक्ट का जिक्र तक नहीं
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 139 पेज की पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट रिपोर्ट तैयार की गई है