पथ का साथी: जिनके लिए बरसों काम किया, उन्होंने भी नहीं दिया साथ
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
प्रवासी मजदूरों का मददगार बना एकता परिषद
एकता परिषद 20 राज्यों के लगभग 45 हजार मजदूरों की सूची तैयार कर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत ...
कोरोनावायरस: दुनिया भर में बढ़ेंगे गरीब व असंगठित मजदूर, महिलाओं पर होगा सबसे ज्यादा असर
ऑक्सफैम ने अपने ताजा रिपोर्ट में नोवेल कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था और गरीबों पर होने वाले असर को दिखाया है। इससे बचने के सुझाव भी ...
पलायन की पीड़ा-4: पलायन के कारण एशिया के 20 देशों की बढ़ी आबादी
पलायन ऐसी समस्या है, जो केवल भारत ही नहीं, बल्कि सभी देशों में बढ़ रही है। इसकी वजह भी अलग-अलग है
गुजरात लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से बचाने आगे आए सामाजिक संगठन
गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड के पास लगभ्ज्ञग 2900 करोड़ रुपए का फंड है। इसमें से मजदूरों को एक-एक हजार रुपए ...
मंदी के इस दौर में ग्रामीण संकट को माप सकता है यह उपकरण
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के चार शोधकर्ताओं ने यह तैयार किया है, मनरेगा के विशाल ऑनलाइन डेटा का इस्तेमाल ग्रामीण संकट पहचानने में मददगार ...
मनरेगा में आधी से ज्यादा है आधी आबादी की हिस्सेदारी
2018-19 में मनरेगा के तहत काम करने वालों में महिलाअेां की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही, जो पिछले कुछ सालों से लगभग इतनी ही है
58 प्रतिशत राष्ट्रीय आय और 65 प्रतिशत संपत्ति पर है देश के 10 प्रतिशत अमीरों का कब्जा
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब द्वारा जारी किए गए वर्किंग पेपर “इनकम एंड वेल्थ इनइक्वेलिटी इन इंडिया, 1922-2023 : द राइज ऑफ द बिलिनेयर राज” में ...
उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन: रोल मॉडल तैयार करे राज्य सरकार
दुखद बात यह है कि अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में पहाड़ों से पलायन और तेजी से बढ़ा
सरकारी नीतियों में हाशिए पर रहा चारा उत्पादन
आंकड़ों के अभाव में चारा संकट की समस्या को नकारना आसान है परंतु इससे समस्या का समाधान नहीं होता
खास पड़ताल: छत्तीसगढ़ में कितनी सफल रही गोधन न्याय योजना
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में कुल डेढ़ वर्षों में 52 फीसदी गोबर सिर्फ 7 शहर केंद्रित जिलों से खरीदा गया। विवेक मिश्रा ...
आर्थिक सर्वेक्षण: सार्वजनिक खर्च से उबरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिक सर्वेक्षण में संकेत दिए गए हैं कि आगामी बजट में सरकारी खर्च की हिस्सेदारी अधिक होगी
उत्तराखंड: पलायन आयोग की रिपोर्टों से हासिल क्या होगा?
पलायन आयोग ने 16 जून की शाम टिहरी पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इससे पहले पौड़ी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा पर आयोग अपनी रिपोर्ट दे ...
काश! न्याय की रक्षा स्वयं सरकारें करतीं...
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन भीतर उनके घर भेजने और उनके खिलाफ मुकदमों पर विचार करने को कहा है
कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा
कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने में देश भर में एक साथ किए लॉकडाउन के बाद ग्रामीण भारत की दशा की पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
भारत के ग्रामीणों की आमदनी घटने से थमी दुनिया की आर्थिक रफ्तार: आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि उसने भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के चलते वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमी का ...
बजट 2020-21: मनरेगा में शामिल हो जाएंगी कई ग्रामीण विकास योजनाएं?
आने वाले बजट में ग्रामीण विकास के लिए कई योजनाएं देखने को मिल सकती हैं, इनमें डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (लाभार्थी तक सीधे आर्थिक लाभ) ...
पुस्तक समीक्षा: सरकार व समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी बजाती एक किताब
'शेड्यूल्ड कास्ट इन द इंडियन लेबर मार्केट: इम्पलायमेंट डिस्क्रिमिनेशन एंड इट्स इंपैक्ट ऑन पावर्टी' भारत की अर्थव्यवस्था में जातिगत गैरबराबरी का शोधपत्र है
कोरोनावायरस के चलते 2021 तक गरीबी के चरम स्तर पर होंगे 15 करोड़ अतिरिक्त लोग
यह आंकड़ा वर्ल्ड बैंक द्वारा अप्रैल में लगाए गए अनुमान का लगभग दोगुना है
आवरण कथा: पशु चारे की जद्दोजहद, भाग-एक
भूसे की महंगाई ने पशुपालन की लागत में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी है और इसके परिणामस्वरूप किसान व पशुपालक पशुओं को छोड़ने पर मजबूर ...
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं 67 फीसदी मछुआरे परिवार
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज इनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में भारत के मछुआरों की दशा को शामिल किया गया है। देखें, ...
कोरोना से दुनिया में 100 करोड़ हो सकते हैं गरीब, भारत पर सबसे ज्यादा असर: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार चूंकि भारत की आबादी बहुत ज्यादा है, और यहां गरीबों की तादाद को देखते हुए एक बड़ी संख्या इससे प्रभावित होगी
मतदाता बिन मतदान: वेतन है कम, सफर हुआ महंगा तो मतदान के लिए कैसे लौटें प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजूदरों का कहना है कि उनका लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को उनके लौटने का इंतजाम करना चाहिए
रोटी, कपड़ा, मकान और वैक्सीन की राजनीति
सस्ते अनाज की तरह अब वैक्सीन भी चुनावी हथकंडा बन गया है
मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर
मजदूरों को भ्रम में रखने के लिए कानून तो बनाए गए, लेकिन उनकी पालना नहीं की गई