पलायन की पीड़ा-7: एजेंडे में बदलाव की जरूरत
कोरोनावायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन पर बहस छिड़ी हुई है। पलायन के कारण तलाशती एक लेख-
भारत में पढ़ी लिखी महिलाओं में बेरोजगारी दर अधिक: रिपोर्ट
ओईसीडी के इकोनॉमिक सर्वे ऑफ इंडिया में कहा गया है कि भारत में पुरुष और महिलाओं की बेरोजगारी दर के बीच 52 प्रतिशत अंक की ...
संसद में आज: लॉकडाउन में अपने गृह राज्यों में लौटे 1.04 करोड़ प्रवासी श्रमिक
संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र के पहले दिन क्या कुछ खास हुआ, यहां पढ़ें
स्टोरी इम्पैक्ट- लद्दाख में फंसे मजदूरों को एयरलिफ्ट कर रही झारखंड सरकार
लद्दाख में फंसे मजदूरों की दास्तान डाउन टू अर्थ ने प्रकाशित की थी
पांच साल में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले 13.5 करोड़ लोग: नीति आयोग
नीति आयोग की राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांकः एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर ...
मॉनसून 2022: जून में कृषि क्षेत्र में कम हुए करीब 80 लाख मजदूर
धीमे मॉनसून और बुआई का रकबा 15 फीसदी कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मंदी की ओर बढ़ रहा है
सामुदायिक संसाधनों से चारे की 60 प्रतिशत जरूरतें होती हैं पूरी: जोशी
सामुदायिक संसाधनों को विकसित करने की दिशा में कार्यरत फाउंडेशन फॉर ईकोलॉजिकल सिक्युरिटी के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी ने राजस्थान जैसे राज्यों में सामुदायिक ...
डीबीटी: गरीब और किसानों के लिए कितनी फायदेमंद
कोविड-19 वैश्विक आपदा के समय में डीबीटी यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन क्या यह फायदेमंद रहा?
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
दो लाख मछुआरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक ये मछुआरे मछली नहीं मार पाए हैं, लेकिन 15 जून से 15 अगस्त तक मछली मारने पर ...
पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ बीते चौथे दिन का हाल-
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
कोरोना महामारी और शराब पर आधारित अर्थव्यवस्था
सड़कों पर दम तोड़ते श्रमिकों का इलाज पानी और भोजन है - यह समझने के लिए शराब के नशे मे डूबे समाज और सरकारों ...
इन मजदूरों को नहीं मिल रहा केजरीवाल सरकार का राशन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ई-कूपन दिया जाएगा
दिल्ली: द्वारका में फंसे 250 मजदूरों को नहीं मिले 5000 रुपए, राशन भी खत्म
ये मजदूर दिल्ली सरकार द्वारा बनवाए जा रहे इंदिरा गांधी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कर रहे थे
गरीबी रेखा की दूसरी पीढ़ी
भारत में सातवें दशक से 'गरीबी रेखा' पर शोध, बहस, नीतियां, कायदों, वायदों और घोषणाओं का अंतहीन अध्याय शुरू हुआ
विभिन्न इलाकों में फंसे हैं मध्यप्रदेश के प्रवासी खेतिहर मजदूर
एकता परिषद द्वारा कराया गया सर्वेक्षण बताता है कि लगभग 98 फीसदी मजदूर किसी भी तरह अपने घर वापस पहुंचना चाहते हैं
पलायन की पीड़ा -6: प्राकृतिक आपदाओं ने 6 माह में 70 लाख लोगों को बेघर किया
ओडिशा के दो जिलों से होने वाले पलायन से प्राकृतिक आपदा और मानव तस्करी के क्या संकेत मिलते हैं
कोविड-19: बिना लक्षण वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटरों में नजरबंद करना ठीक नहीं: हाई कोर्ट
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: जानें, अलग-अलग अदालतों में क्या हुआ
पलायन की पीड़ा-3: क्यों इन राज्यों से होता है सबसे ज्यादा पलायन
देश के 75 जिले हैं, जहां से सबसे अधिक पलायन होता है, लेकिन क्यों...
गांवों पर केंद्रित होगा बजट, लेकिन लाभार्थियों को लाभ देने पर होगा जोर
अगर किसी भी बजट में फील-गुड फैक्टर होता है, तो इस साल यह होना चाहिए
मंदी के इस दौर में ग्रामीण संकट को माप सकता है यह उपकरण
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के चार शोधकर्ताओं ने यह तैयार किया है, मनरेगा के विशाल ऑनलाइन डेटा का इस्तेमाल ग्रामीण संकट पहचानने में मददगार ...
मनरेगा में आधी से ज्यादा है आधी आबादी की हिस्सेदारी
2018-19 में मनरेगा के तहत काम करने वालों में महिलाअेां की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही, जो पिछले कुछ सालों से लगभग इतनी ही है
गुजरात के सूरत शहर से फिर क्यों लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर
गुजरात के अहमदाबाद और सूरत शहर में एक बार फिर से कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
कोरोनावायरस के असर से भारत में 35.4 करोड़ गरीब बढ़ेंगे, 27 राज्यों में दोगुनी होगी संख्या
देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गरीबी की दर बढ़कर 46.3 प्रतिशत हो जाएगी, यह 2011-12 के स्तर से दोगुनी से ...