नए श्रम कानूनों के नए अर्थ!
कोविड महामारी के बहाने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात ने श्रम कानूनों में छूट दी है, लेकिन इसके मायने क्या हैं?
पलायन की पीड़ा-2: खेतों में नहीं होती गुजर बसर लायक पैदावार
लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की वापसी ने देश के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर पलायन होता ही क्यों है? डाउन ...
पलायन की पीड़ा-8: प्रवास, विस्थापन को कम किया जा सकता है, रोका नहीं जा सकता
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय क़े अवकाश प्राप्त अध्यापक, माइग्रेशन के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ तथा “वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2020” के सह-संपादक बिनोद खदरिया ने डाउन टू अर्थ ...
आरटीआई पर सरकार की नीयत कभी ठीक नहीं रही
आरटीआई ने ही पहली बार देश की अधिकांश आबादी को असली मालिक होने का अहसास दिलाया और जनता ने भी इस अधिकार के प्रयोग ...
महिलाओं को नहीं मिल रहा है व्यवसाय में प्रतिनिधित्व: आईएलओ
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने व्यवसाय एवं प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपनी दूसरी वैश्विक रिपोर्ट जारी की है।
बजट 2020-21: जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए स्थानीय योजनाओं पर हो सकता है फोकस
बजट में केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज, भारत मौसम विज्ञान विभाग आदि संस्थानों के लिए धन के ...
सैंकड़ों किमी पैदल चल कर गांव आ रहे प्रवासी, डूंगरपुर बॉर्डर पर 4 दिन में आए 18 हजार प्रवासी
गुजरात में रहने वाले राजस्थान के प्रवासी मजदूर भी डूंगरपुर के रास्ते वापस अपने घरों में पहुंच रहे हैं
उत्तराखंड बजट: स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होगा केवल 4.8 प्रतिशत
उत्तराखंड में सबसे अधिक जरूरत स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की है, बावजूद इसके बजट में आवंटित राशि सरकार की गंभीरता बताती है
हर रोज महज 3 रुपये 33 पैसे की तय यात्रा भत्ता में गांवों का दौरा कैसे करें यूपी के लेखपाल
उत्तर प्रदेश में 23,500 लेखपालों ने सरकार की उपेक्षा और मांगों के न पूरा किए जाने से नाराज होकर अपने बस्ते का बोझ हल्का ...
यहां जानिए आखिर क्यों इस बार खेती-किसानी बड़ी उम्मीदों से ताक रही बजट की ओर
कोरोनाकाल में व्यापक आर्थिक झटके को कम करने में कृषि क्षेत्र ने बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन खेती-किसानी को बजट 2021-22 ने निराश ...
दशक पर एक नजर: क्या टूट रहा है ग्लोबलाइजेशन का भ्रम?
नई सदी के दूसरे दशक के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाओं की एक श्रृखंला: इस कड़ी में पढ़ें, कैसे टूट रहा है वैश्वीकरण का भ्रम?
एक हिमालयी जिला, जो खो रहा है अपने लोग
दिसंबर के पहले हफ्ते में पलायन रोकने के लिए जब पौड़ी की सिफ़ारिश रिपोर्ट सामने आयी, तो पहाड़-वासियों के आंसू फिर छलक उठे।
असम के युवाओं ने झीलों को जलकुंभी के प्रकोप से बचाने के लिए बनाई बायोडिग्रेडेबल मैट
पर्पल मूरहेन पक्षी के नाम पर इस चटाई का नाम मूरहेन योगा मैट रखा है, जिसे जल्द ही अंतराष्ट्रीय बाजार में पेश किया जाएगा।
भारत में शिखर पर पहुंचा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात
भारत द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में 24,950 मीट्रिक टन ज्यादा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात किया था ...
सोम बाजार, लॉकडाउन और ट्विटर पर बनती पॉलिसी
हम लोग अपने ट्विटर और अपनी इंस्टाग्राम में इस कदर खोये हुए थे कि हम में से कुछ को यह समझ ही नहीं आया ...
क्या मजदूरों के खाते में पहुंच गए 1,000 से 6,000 रुपए?
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि 2 करोड़ से अधिक निर्माण मजदूरों को 1,000 से लेकर 6,000 रुपए प्रति मजदूर आर्थिक सहायता दी ...
पलायन से बदल सकता है उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल
उत्तराखंड में जनसंख्या के आधार पर परिसीमन जारी रहा तो ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने से थमेगा उत्तराखंड का पलायन
अल्मोड़ा में पलायन के कारण और रोकने के उपायों को लेकर उत्तराखंड पलायन आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट राज्य सरकार ...
दुनिया में करीब 2.4 अरब महिलाओं के पास पुरुषों जैसे आर्थिक अधिकार नहीं: विश्व बैंक
कोविड-19 महामारी के बावजूद 23 देशों ने अपने कानूनों में सुधार करते हुए 2021 में महिलाओं के आर्थिक समावेश को आगे बढ़ाने के लिए ...
कोविड-19 लॉकडाउन भले खत्म हो जाये, लेकिन गरीब भूखे ही रहेंगे
11 राज्यों के गरीब व कमजोर तबके से जुड़े 4000 लोगों पर सर्वे किया गया, दो तिहाई ने कहा कि उन्हें कम खाना मिल रहा ...
भारत क्यों है गरीब-8: बिहार के इस जिले की प्रति व्यक्ति आय जानकर चौंक जाएंगे आप
बिहार का जिला शिवहर यूं तो छोटा है और लोगों ने लड़ाई लड़ कर इसे अलग जिला बनवाया, लेकिन आमदनी के मामले में गांव ...
अर्थशास्त्रियों ने कहा, वृद्धावस्था-विधवा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाना जरूरी
भारत सहित विश्वभर के 51 प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने आगामी बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ...
आवरण कथा: आदिवासियों ने वन भूमि को विकसित कर दूर किया संकट
अकोला जिले के वाडला गांव में विकसित वन भूमि से चारा मिलने से लोगों का पलायन काफी हद तक रुक गया है
आवरण कथा: पशु चारे की जद्दोजहद, भाग-दो
पहले से ही चल रही भूसे की समस्या को बेमौसम बारिश, अत्यधिक गर्मी और गेहूं के कम उत्पादन ने बढ़ा दिया है
छत्तीसगढ़ के गांवों से क्यों मजदूरी करने शहरों में जाते हैं लोग
छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल के समय में करीब सात लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की है