डाउन टू अर्थ आवरण कथा: क्या है अल नीनो का चरित्र!
तीनों ग्लोब में अल नीनो की भिन्न-भिन्न समय पर उभरती स्थितियों के बारे में जानें
एक साल पहले लगाया जा सकेगा अल नीनो का पूर्वानुमान, वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका
वैज्ञानिक रूप से, अल-नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र की उस मौसमी घटना का नाम है, जिसमें पानी की सतह का तापमान सामान्य से ...
खेती किसानी पर पड़ेगा अल नीनो का असर, विशेषज्ञों ने कहा़- खुद को जलवायु के अनुरूप ढालें किसान
जलवायु मॉडल यह बताते हैं कि आने वाले महीनों में अल नीनो और मजबूत होगा, जिससे शुष्क स्थितियां बनेंगीं
डाउन टू अर्थ आवरण कथा: कितने महीने तक रहेगा अल नीनो का असर?
1997 बीसवीं सदी का सबसे भयावह अल नीनो वर्ष था, हालांकि इसने भारतीय माॅनसूनी वर्षा पर अपना प्रभाव बेहद कम डाला
भारतीय उपमहाद्वीप में सूखे की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं ऐरोसॉल: स्टडी
भारत, अमेरिका और कनाडा के वायुमंडलीय वैज्ञानिकों की टीम ने पता लगाया है कि एल नीनो वाले वर्षों के दौरान ऐरोसॉल के कारण भारतीय ...
सर्दी में होगा गर्मी का अहसास, दिसंबर से फरवरी तक सामान्य से अधिक रहेगा तापमान : मौसम विभाग
इस बार की सर्दियों के मौसम में, देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भागों में शीतलहर की घटनाओं के सामान्य से कम ...
भारत में आगे क्या लाएगा अल-नीनो?
भारत की महत्वपूर्ण मॉनसूनी वर्षा अल नीनो के कारण बाधित हो सकती है जो फसल उत्पादन के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
झारखंडः राज्य में मात्र 15 प्रतिशत हुई बारिश, गांवों से शुरू हो चुका है पलायन
झारखंड में ज्यादातर किसान साल में एक ही फसल लेते हैं और इस बार पूरे प्रदेश में केवल 60 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है
हजारों मील दूर महासागरों की गर्मी से पड़ रहा है दक्षिण-पश्चिमी तिब्बती पठार पर सूखा
शोधकर्ताओं ने तिब्बती पठार पर गर्मियों में होने वाली बारिश के पैटर्न में साल-दर-साल आने वाले बदलावों के कारणों का पता लगाया है।
मौसम के पूर्वानुमान में होगा सुधार, वैज्ञानिकों की नई विधि से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की स्थिति का लगेगा पता
नई विधि ईएनएसओ की भविष्यवाणियों से जुड़ी अनिश्चितता को काफी कम कर देती है, जिससे उनकी सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ जाती है
मौसम विभाग ने माना, जुलाई में सक्रिय हो सकता है अल-नीनो, लेकिन सामान्य होगी बारिश
मौसम विज्ञान विभाग को उम्मीद है कि अधिकांश मध्य और आसपास के दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ ...
दुनिया में पड़ने वाले सूखे से कृषि और खाद्य सुरक्षा पर 9 गुना तक बढ़ जाएगा खतरा
सदी के अंत तक दुनिया भर में हर साल लगभग 12 करोड़ लोगों पर गंभीर सूखे का असर पड़ सकता है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, बहुवर्षीय ला नीना के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन को कम करने पर जोर देना होगा
प्रशांत महासागर के गर्म होने से भारत में चक्रवातों में वृद्धि के आसार: अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग और एक चक्रीय घटना पैसिफिक डेकाडल ऑसिलेशन का संयोग, हर 20 से 30 सालों में होता है, आने वाले सालों में भूमध्य ...
डाउन टू अर्थ आवरण कथा: अल नीनो के बारे में जानें सब कुछ, कैसे करता है हम पर असर
विश्व मौसम संगठन ने 4 जुलाई, 2023 को अल नीनो की घोषणा की। अल नीनो एक गर्म चरण है, जो ग्लोबल वार्मिंग के कारण ...
जून 2024 तक अल नीनो के कारण कुछ इलाकों में औसत तापमान में भारी वृद्धि के आसार
सतही हवा का तापमान बहुत अधिक होने से चरम मौसम की घटनाओं में भारी वृद्धि होने की आशंका है, इनमें जंगल की आग, उष्णकटिबंधीय ...
तमिलनाडु में भयंकर बारिश के लिए अल नीनो जिम्मेवार, मौसम वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिकों का कहना है कि अल नीनो ने उत्तर पूर्व मॉनसून की तीव्रता बढ़ा दी है, जिसके चलते तमिलनाडु के कुछ जिलों में भयंकर ...
अल नीनो और ला नीना की घटनाएं अब और अधिक लगातार हो सकती हैं: अध्ययन
वॉकर सर्कुलेशन के अल नीनो जैसे और ला नीना जैसे चरणों के बीच बदलने की समय अवधि औद्योगिक युग में थोड़ी धीमी हो गई, ...
जलवायु परिवर्तन के कारण अल-नीनो और ला-नीना का पूर्वानुमान लगाना कठिन
भविष्य में सूखे, बाढ़ और मौसम में बदलाव की घटनाओं के बारे में पहले पता करना कठिन हो सकता है
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
मॉनसून के अगले दो महीनों में एक साथ दिख सकते हैं सूखे और बाढ़ के हालात
कुल मिलाकर बारिश का दीर्घकालीन औसत सामान्य रहने का अनुमान है लेकिन बारिश का वितरण असमान रहेगा। एक साथ बन सकती हैं सूखे और ...
इस साल भारत में मॉनसूनी बारिश के 'सामान्य से ऊपर' रहने की संभावना: मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत में अल नीनो की स्थिति के कमजोर पड़ने की संभावना है, साथ ही कमजोर ला नीना की ...
मॉनसून 2022 'सामान्य' रहेगा, लेकिन महीने-दर-महीने बढ़ेगी अनिश्चिता
स्काईमेट के पहले पूर्वानुमान के मुताबिक असामान्य रूप से लंबे समय तक सूखा रहने के बाद अचानक तेज बारिश होगी
जानिए, क्या है अल नीनो और ला नीना और क्या होता है इसका असर
अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है
400 साल में बेहद ताकतवर हुआ अल-नीनो, अच्छे मानसून का है दुश्मन
जहां एक ओर अल नीनो अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं, वहीं साथ ही इनके पैटर्न में भी बदलाव आ रहा है। एक अध्ययन में यह ...