कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-2: क्या काम नहीं मांग रहे हैं प्रवासी मजदूर?
मनरेगा अधिकारियों का कहना है कि इस बार प्रवासी मजदूर काम की मांग नहीं कर रहे हैं
मनरेगा: दूर की कौड़ी साबित हुआ बेरोजगारी भत्ता, केवल तीन फीसदी मजदूर को ही मिला
संसदीय समिति ने समय पर बेरोजगारी भत्ता देने को कहा, विभाग ने दिया उत्तर "देखेंगे"
क्यों अधूरे रह जाते हैं मनरेगा के काम
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राम पंचायतों की क्षमता की कमी के चलते मनरेगा के काम अधूरे रह जाते हैं
मानचित्र से समझिए, किस राज्य में कितने लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले
देश की बहुआयामी गरीबी में 14.96 प्रतिशत की गिरावट आई है यानी 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं
कोरोनाकाल में विश्व श्रमिक दिवस : यहां जानिए देश में श्रम कानूनों की क्या स्थिति है
2002 में नेशनल कमीशन ऑन लेबर (एसएनसीएल) ने कहा कि सरकार असंगठित श्रमिकों को पर्याप्त मदद नहीं दे रही है।
संसद में आज: पूर्वोत्तर के इलाकों में फॉरेस्ट कवर में 1020 वर्ग किमी की कमी देखी गई
झारखंड में पिछले तीन वर्षों में अवैध रेत खनन के संबंध में कुल 2235 मामले सामने आए
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर
पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाकर मनरेगा को धन जारी करने पर रोक ...
संसद में आज (30 मार्च 2022): भारत में हर साल 50 किलो प्रति व्यक्ति भोजन हो जाता है व्यर्थ
निर्माण उद्योग हर साल 7-10 करोड़ टन निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट (सी एंड डी) का उत्पादन करता है।
संसद में आज (23 मार्च 2022): लॉकडाउन के बाद बढ़ी महिला कर्मचारियों की संख्या
खाद्य सुरक्षा के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने में 75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी आबादी शामिल है
मनरेगा: ग्रामीणों ने बनाए19 तालाब, कुंओं में भी सालभर रहने लगा पानी
इस आदिवासी गांव में आज से पंद्रह साल पहले लगभग सत्तर प्रतिशत लोग बाहर कमाने-खाने चले जाते थे
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-1: नियमों के संशोधन पर सवाल
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी कारगर साबित हुई। प्रस्तुत है, डाउन टू अर्थ की खास सीरीज
जग बीती: 70 घंटे काम के बदले!
लॉकडाउन से बिगड़े हालात तो मास्क सिल कर चला रही हैं घर का खर्च
महिलाओं का कहना है कि सितंबर में मास्क बना कर घर खर्च लायक पैसा मिल गया, लेकिन आगे क्या होगा?
असम के युवाओं ने झीलों को जलकुंभी के प्रकोप से बचाने के लिए बनाई बायोडिग्रेडेबल मैट
पर्पल मूरहेन पक्षी के नाम पर इस चटाई का नाम मूरहेन योगा मैट रखा है, जिसे जल्द ही अंतराष्ट्रीय बाजार में पेश किया जाएगा।
संसद में आज: वायु प्रदूषण से निपटने को 4 साल में जारी किए 9650 करोड़ रुपए
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में 16 बाघों को दर्ज किया गया था, जिनमें से 10 मेलानिस्टिक या काले बाघ थे
महामारी में मनरेगा ने दिया साथ, लेकिन उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं योजना
रिपोर्ट से पता चला है कि इस दौरान मनरेगा के तहत काम करने वाले औसतन केवल 36 फीसदी परिवारों को 15 दिनों के भीतर ...
20 किलो की ईंटें महिलाएं उठा लेती हैं लेकिन ठेकेदारी जैसे कामों में पीछे छूट जाती हैं
आश्चर्य है कि दुनिया के सबसे शोषित वर्गों में से एक यानी श्रमिक वर्ग ही वह वर्ग भी है जो सबसे महत्वपूर्ण वर्ग भी है, ...
नहीं मिल रहा मौका: काम ढूंढ़ पाने में असमर्थ 15 फीसदी महिलाएं, कमाई में भी पुरुषों से पीछे
आय अर्जित करने के मामले में भी महिलाओं की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। आंकड़ों के मुताबिक आज भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं ...
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-5: छत्तीसगढ़, कागजों पर गुलाबी आंकड़ें
कोरोना की पहली लहर के दौरान मनरेगा ने ग्रामीणों को बड़ा सहारा दिया, लेकिन दूसरी लहर में ऐसा नहीं हुआ
एसओई 2021: गरीबी दूर करने के लक्ष्य से जुड़े मनरेगा
अति गरीब आबादी वाले राज्यों में मनरेगा की भूमिका अहम है, जहां इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत है
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2024: कैसे हुई इस दिन की उत्पत्ति?
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, जिसे मजदूर दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल एक मई को मनाया जाता है
50 साल पहले की तुलना में 3 गुना अधिक बढ़ी प्राकृतिक आपदाएं: एफएओ
कृषि से दुनिया भर में 2.5 अरब से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है
संसद में आज: देश में 37439 गांवों में 3 जी, 4 जी मोबाइल इंटरनेट कवरेज नहीं
2018-19 में 25.5 फीसदी ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिला
संसद में आज: आर्थिक तंगी के चलते 3 साल में 25,000 से अधिक ने की आत्महत्या, 9 हजार बेरोजगार भी शामिल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में केरल में भारी बारिश दर्ज की गई
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-6: उत्तर प्रदेश के कई गांवों में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला काम
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जब लोग बेरोजगार थे, उस समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे थे, जिस वजह से लोगों ...