युवा होती दुनिया में क्यों बढ़ रहा है गुस्सा?
आज के समय में युवा असंतुष्ट हैं और गुस्से में है। इंटरनेट के इस जमाने में उनके गुस्सों को भुनाया जा सकता है, इसलिए ...
ऑटोमेशन कौशल खत्म करेगा, इंसानी हस्तक्षेप जरूरी : आईएलओ
ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ वर्क का कहना है कि ऑटोमेशन और अन्य तकनीक कम दक्ष लोगों को काम से बेदखल कर देंगी
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-6: उत्तर प्रदेश के कई गांवों में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला काम
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जब लोग बेरोजगार थे, उस समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे थे, जिस वजह से लोगों ...
चौथी औद्योगिक क्रांति: किन सवालों के जवाब मिलने हैं जरूरी?
चाथी औद्योगिक क्रांति के परिणाम क्या होंगे? क्रांति के प्रवर्तकों का कहना है कि यह हमारे जीने के तौर तरीकों को बदल देगी
कोरोना काल में लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा उत्तराखंड?
कोरोना काल में उत्तराखंड में 3.30 लाख से अधिक प्रवासी लौटे हैं, लेकिन इनमें से कितने प्रवासियों को राज्य सरकार रोक पाएगी?
अमृत काल बनाम न्यू इंडिया: आर्थिक संकट के बीच आध्यात्मिक राजनीतिक एजेंडा का दौर
गहरे आर्थिक संकट के वक्त हम अवास्तविक राजनीतिक एजेंडा को क्यों तवज्जो देते हैं
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भयभीत या चिंतित हैं 82 फीसदी भारतीय: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक 4,619 भारतीयों का ग्लोबल वार्मिंग को लेकर टेलीफोन के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया
विश्व पर्यटन दिवस 2022: इतिहास, महत्व और थीम
पर्यटन आज दुनिया के सबसे बड़े उद्योग में से एक है और यह अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विलुप्ति के कगार पर पहुंची 100 से अधिक प्रजातियों को बचाया जा सकता है
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि 102 प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है, यदि समय रहते कार्रवाई की जाय तो इन ...
बिहार चुनाव परिणाम: तो फिर किन मुद्दों पर लोगों ने दिया वोट
मुद्दों के मामले में बिहार चुनाव परिणाम ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाया है, लेकिन जमीन पर इन मुद्दों ने भी काम किया
कोविड-19: जरूरतमंदों को रोजगार भी मिल रहा, कोरोनावायरस से मुठभेड़ भी हो रही
स्वयंसेवी संस्था ‘गूंज’ देशभर के अलग-अलग राज्यों में हजारों लोगों से मास्क और सैनिटरी पैड बनवा कर उन्हें रोजगार दे रहा है
संसद में आज: देश में 28.66 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया
भारत में वर्षा आधारित चावल की पैदावार 2050 तक 20 फीसदी और 2080 तक 47 फीसदी कम होने का अनुमान है
यूपी के माइग्रेशन बेल्ट में जारी है असंगठित मजदूरों का प्रवास दंश, लॉकडाउन के बाद चमोली त्रासदी के शिकार
चमोली त्रासदी ने प्रवासी मजदूरों के ढ़के हुए गहरे जख्मों को फिर से उधेड़ दिया है। हादसे में बच गए हीरालाल ने कहा कि ...
कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा संकट और दबाव में हैं गांव की महिलाएं : आईएफएडी
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर यूएन की ओर से कहा गया कि इस वक्त देश की सरकारों को सबसे ज्यादा ग्रामीण महिलाओं की सुरक्षा ...
विशेष रिपोर्ट भाग-5: असंगठित मजदूर क्यों हो रहे हैं अपने अधिकारों से वंचित
स्वंतत्र रूप से प्रवासी मजदूरों की असंगठित क्षेत्र में तादाद बढ़ रही है, इस तरह वे समूह पर लागू होने वाले कानूनी प्रावधानों और ...
बजट 2020-21: मनरेगा के आवंटन में 15 फीसदी की कमी, कैसे सुधरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न केवल ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट कम कर दिया है, बल्कि संशोधित अनुमान के मुकाबले मनरेगा के बजट ...
दो जून की रोटी से भी महरूम मनरेगा मजदूर
मनरेगा को 12 साल से अधिक का समय गुजर गया है लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ये दो जून की रोटी भी मुयस्सर नहीं ...
विश्व पर्यटन दिवस 2023: पर्यटन धरती पर हर दस लोगों में से एक को रोजगार देता है
ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन विशेष रूप से महिलाओं जैसे पारंपरिक रूप से वंचित समूहों को लाभान्वित कर सकता है, जो पर्यटन क्षेत्र में 54 ...
ईंट भट्ठा मालिकों की एक अक्टूबर से होने वाली हड़ताल से लाखों मजदूर होंगे प्रभावित
जीएसटी पांच से 12 प्रतिशत किए जाने के विरोध ईंट भट्ठा उत्पादकों ने हड़ताल की घोषणा की है, इससे ईंट भट्ठा मालिक नाराज हैं
संसद में आज: ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 8638 एलोपैथिक डॉक्टरों के पद खाली
मैसर्स भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने देश में कोवैक्सिन के तीसरे चरण की प्रभावकारिता परीक्षण किया है, जिसमें टीके की प्रभावशीलता 77.8 फीसदी बताई ...
2019 की तुलना में 1.3 करोड़ महिलाओं के पास अभी भी नहीं है रोजगार
2021 में कामकाजी उम्र की केवल 43.2 फीसदी महिलाओं को ही रोजगार मिलने की सम्भावना है, वहीं पुरुषों में यह आंकड़ा 68.6 फीसदी रहने ...
पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ बीते चौथे दिन का हाल-
मनरेगा का हाल: बिहार के प.चंपारण में सिर्फ 8 लोगों को मिल पाया 100 दिन का रोजगार
महात्मा गांधी के नाम पर चल रहे इस रोजगार गारंटी स्कीम की यह दुर्दशा उस जिले में है, जहां से गांधी ने 1917 में ...
विश्व श्रमिक दिवस पर जानिए दुनिया में महिला श्रमिकों का क्या है हाल ?
2020 में महिलाओं पर जो संकट आया है, उसके चलते पुरुषों और महिलाओं के बीच जो असमानता की खाई है उसको भरने में लगने ...
भारत में सार्वजनिक परिवहन का सबसे ज्यादा उपयोग करती हैं महिलाएं: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को परंपरागत रूप से महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया ...