जग बीती: बेरोजगार, जाएं तो जाएं कहां
जग बीती: रोजगार की न्यूनतम आयु
गोल्डमैन सैक्स ने बताया एआई से दो तिहाई नौकरियों को खतरा, जानिए 2025 तक चौथी क्रांति से क्या होगा हश्र
2025 तक स्वचालन (आटोमेशन) से 8.5 करोड़ लोगों के नौकरी गंवाने के अनुमान है।
जग बीती: एक राष्ट्र, एक ग्राफ
आईएलओ ने कहा 2024 में बढ़ सकती है वैश्विक बेरोजगारी दर
उच्च और लगातार बनी हुई मुद्रास्फीति दरों के साथ-साथ बढ़ती आवास लागत के कारण वास्तविक मजदूरी और जीवन स्तर में गिरावट की भरपाई जल्दी ...
जग बीती: किसका खात्मा!
जग बीती: भारत की हर्ड इम्युनिटी
रोजगार की गुत्थी: स्वरोजगार के आंकड़ों से छिपाई जा रही है हकीकत
बेरोजगारी दर में कमी इस बात की तरफ इशारा है कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार तो मिला है। लेकिन क्या वास्तव में ...
मनरेगा में पारदर्शिता पर सवाल, केवल दो राज्यों के हर जिले में हैं लोकपाल
18 राज्यों में अभी भी स्वतंत्र सोशल ऑडिट यूनिट निदेशक की नियुक्ति नहीं की गई है
जग बीती: सुरक्षा एवं रोजगार
चौथी औद्योगिक क्रांति नहीं हो रही है, लेकिन लोगों से इस पर चर्चा कराई जा रही है
भारत सहित दुनिया भर में चौथी औद्योगिक क्रांति का शोर है, लेकिन क्या यह शोर सही है
संसद में आज: कुल 53 करोड़ में से असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं 44 करोड़ श्रमिक
संसद में प्रश्नोत्तर सत्र में पूछे गए कुछ अहम सवालों के जवाब यहां जानें-
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-4: राजस्थान में इस बार मनरेगा नहीं बना मददगार
राजस्थान में केन्द्र सरकार पर मजदूरों के 87.62 करोड़ रुपए की मजदूरी बकाया है
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-2: क्या काम नहीं मांग रहे हैं प्रवासी मजदूर?
मनरेगा अधिकारियों का कहना है कि इस बार प्रवासी मजदूर काम की मांग नहीं कर रहे हैं
दिल्ली में “रोजगार बाजार”, प्रवासी मजदूरों से लौटने की अपील
नौकरी खोजने और कामगारों की तलाश करने वालों के मिलाप के लिए सरकार ने शुरू की वेबसाइट
मनरेगा ने गांव की ‘आधी आबादी’ को आबाद किया
मनरेगा में मजदूरी के बाद मिल रहा पैसा महिलाओं को अपनी खुद की कमाई का अहसास दिला रहा है
संसद में आज: पूर्वोत्तर के इलाकों में फॉरेस्ट कवर में 1020 वर्ग किमी की कमी देखी गई
झारखंड में पिछले तीन वर्षों में अवैध रेत खनन के संबंध में कुल 2235 मामले सामने आए
नोटबंदी से अधिक नुकसान देशबंदी से होगा
लॉकडाउन से उत्पादन गतिविधियां रुक गई हैं। इसका अर्थ है, कामगारों की आय खत्म हो जाना
दाने-दाने को मोहताज हुए दिल्ली के मजदूर
लॉकडाउन के बाद अपने गांव नहीं जा पाने वाले मजदूरों को नहीं मिल रहा है काम
जग बीती: 70 घंटे काम के बदले!
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-9: कमियों के बावजूद संपूर्ण योजना
मनरेगा की उत्पत्ति उन आपदाओं के मद्देनजर हुई थी जो जमीन या कृषि के कार्य से जुड़ी हुई थी
संसद में आज: वायु प्रदूषण से निपटने को 4 साल में जारी किए 9650 करोड़ रुपए
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में 16 बाघों को दर्ज किया गया था, जिनमें से 10 मेलानिस्टिक या काले बाघ थे
संसद में आज: देश में 37439 गांवों में 3 जी, 4 जी मोबाइल इंटरनेट कवरेज नहीं
2018-19 में 25.5 फीसदी ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिला
50 साल पहले की तुलना में 3 गुना अधिक बढ़ी प्राकृतिक आपदाएं: एफएओ
कृषि से दुनिया भर में 2.5 अरब से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-4: 250 करोड़ मानव दिवस रोजगार हो रहा है पैदा
आरोप लगाया जाता है कि मनरेगा के तहत पैसा व्यर्थ किया जाता है, लेकिन हकीकत यह नहीं है