लॉकडाउन में बदलाव: यूपी में ईंट-भट्ठों को मैनुअल खनन के लिए नहीं लेनी होगी पर्यावरण मंजूरी
सड़क, पाइपलाइन जैसे रैखीय परियोजनाओं के लिए मिट्टी का खनन करने की इजाजत होगी। इसके अलावा बांध-जलाशयों आदि से गाद की सफाई के लिए ...
दुनिया भर में 4.4 करोड़ शिक्षकों की कमी, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पर पड़ेगा बुरा असर: यूनेस्को
साल 2016 में दुनिया भर में 6.9 करोड़ शिक्षकों की कमी थी जो 2023 में प्रकाशित नए विश्लेषण के मुताबिक यह कमी, एक तिहाई ...
अक्षय ऊर्जा: एक साल में 7 लाख नए रोजगार हुए पैदा, 1.3 करोड़ लोगों की जीविका का है साधन
वैश्विक स्तर पर पिछले 12 महीनों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के 7 लाख नए अवसर पैदा हुए हैं। इस तरह इस क्षेत्र ...
विश्व जल दिवस विशेष-7: मनरेगा को हथियार बनाकर 2004 की सूनामी से उबरा नागपट्टिनम
डाउन टू अर्थ ने मनरेगा से बदले हालात के बारे में जानने के लिए 15 राज्यों के 16 गांवों का दौरा किया। पढ़ें, तमिलनाडु ...
विश्व जल दिवस विशेष-6: मनरेगा से हुई बुवाई क्षेत्र में वृद्धि, होने लगी तीन फसलें
डाउन टू अर्थ ने मनरेगा से बदले हालात के बारे में जानने के लिए 15 राज्यों के 16 गांवों का दौरा किया। पढ़ें, राजस्थान ...
गोवा की 25 फीसदी खनन पर निर्भर आबादी जीवन जीने के लिए कर रही है संघर्ष : रिपोर्ट
गोवा में खनन क्षेत्र एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि और आय का स्रोत था, क्योंकि इससे 60 हजार से अधिक परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई ...
उत्तराखंड में मनरेगा-3: पानी रोकने में कितनी मिली सफलता?
मनरेगा के तहत उत्तराखंड में हर साल जल संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर खंती, चाल-खाल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसका ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
गांव लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा मनरेगा?
कोरोनावायरस संक्रमण के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में लगभग 60 हजार प्रवासी लौट आए हैं
महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के मामले में पिछड़े देशों में शामिल है भारत: यूएन वीमेन रिपोर्ट
बात चाहे स्वास्थ्य की हो या विकास की देश में महिलाएं आज भी पुरुषों से पीछे हैं और बराबरी का हक पाने के लिए ...
2050 तक दिखेंगे महामारी के जख्म
महामारी के कारण दुनिया में कम मानव पूंजी बची है। वह निकट भविष्य में कुशल कार्यबल की आबादी में शामिल होने के लिए ठीक ...
विश्व कपास दिवस 2022: कपास के वैश्विक महत्व को पहचानने का अवसर
भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़े कपास उत्पादकों में से एक है, यह नवीन लघु-स्तरीय प्रौद्योगिकी ग्रामीण समुदायों के लिए आजीविका के नए अवसर ...
भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की नौकरियों में लगभग 13 फीसदी की कमी आई
2020 में करीब 7.26 लाख लोग अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत थे, वहीं 2019 में यह आंकड़ा 832,700 था
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-5: 3.50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी
कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुए हालात के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजना कितनी कारगर रहेगी, एक विश्लेषण-
क्या बिहार से पलायन रोक पाएगी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना?
बिहार सरकार ने केंद्र से मनरेगा में 200 दिन का रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने 125 दिन की नई ...
कोरोनावायरस के चलते खत्म हो जाएंगी 24.2 करोड़ नौकरियां: एडीबी
एडीबी के अनुसार कोरोनावायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को करीब 6,65,85,200 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है, जबकि जीडीपी में करीब ...
विश्व जल दिवस विशेष-4: मनरेगा ने दिया पानी और बदला जीवन
डाउन टू अर्थ ने मनरेगा से बदले हालात के बारे में जानने के लिए 15 राज्यों के 16 गांवों का दौरा किया। पढ़ें, मध्यप्रदेश ...
कोविड-19 ने बिखेर दिया लोगों की आजीविका, सेहत और खाने-पीने की प्रणाली
कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य प्रणालियों और काम की दुनिया में एक अभूतपूर्व चुनौती ...
प्रवासी श्रमिकों ने चार महीनों में जीवित किए 1,000 तालाब
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक श्रमदिवस सृजित करने वाला जिला सिद्धार्थनगर रहा। जिले में लॉकडाउन के दौरान कुल 1.51 लाख प्रवासी श्रमिक लौटे
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
विश्व सामाजिक न्याय दिवस : क्यों मनाया जाता है यह दिन, क्या है महत्व, यहां जानें
यह सुनिश्चित करना विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हम एक ऐसी न्यायपूर्ण दुनिया बना सकें जहां सामाजिक न्याय एक आदर्श हो
दुनिया भर में 424 अरब डॉलर के जलीय खाद्य उद्योग के अपने हिस्से से वंचित हैं लाखों लोग
समुद्री भोजन से आशय सभी तरह की मछलियां, शार्क, स्केट्स (एक प्रकार की मछली), रे, सॉफिश, स्टर्जन और लैम्प्रे आदि से है
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022: बाल विवाह की जद में एक करोड़ से अधिक लड़कियां
कोविड-19 महामारी का खतरनाक प्रभाव लड़कियों के लिए एक आर्थिक झटका है, स्कूल बंद होने और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावटों के कारण जल्दी ...
महामारी से पहले की तुलना में अभी भी कम हैं 11.2 करोड़ रोजगार, थम सी गई है बहाली की रफ्तार
आईएलओ ने इसके लिए महामारी के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, ईंधन की बढ़ती कीमतें और वित्तीय उतार-चढ़ाव को जिम्मेवार माना है, जिसने जॉब मार्किट को ...