वृक्ष मानव विश्वेश्वर दत्त का जाना
जिस समय विश्वेश्वर दत्त सकलानी पेड़ उगाने की अपनी धुन में रमे थे, उस समय में पर्यावरण नाम का शब्द हमारे शब्दकोष में नहीं ...
साम्राज्यवादी साजिश में तबाह झूम कृषि
बर्मा के जंगलों पर अपने आधिपत्य के लिए अंग्रेजों ने न केवल वहां की स्थानीय आदिम जनजाति ‘करेन’ का शोषण किया, बल्कि उनकी परम्परागत ...
पर्यावरण की चुनौती से संकट तो बढ़ा, लेकिन समावेश का अवसर भी मिला
सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) को 2018 को इंदिरा शांति पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण द्वारा दिया गया ...
नदियों के रास्ते जहाज, नदियों पर एक और हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी-हल्दिया वाटर हाइवे का उद्घाटन किया। यह परियोजना पहले से मरणासन्न नदियों की हालत बदतर ही करेगी
पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के प्रकाशन पर 7 सितंबर तक रोक
अदालत में दाखिल एक याचिका में कहा गया है कि अधिसूचना का 22 क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद होना चाहिए
हिमालय दिवस पर हिमालय को बचाने के लिए जुटे लोग
9 सितंबर को उत्तराखंड में हिमालय दिवस मनाया जाता है। हिमालय के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने के उद्देश्य से ये दिन शुरू किया ...
पर्यावरण, स्त्री और साहित्य
के. वनजा अपनी किताब में कहती हैं कि ऋग्वेद से लेकर आज तक साहित्य में स्त्रियों की रचनाओं की एक विशेषता है कि यह ...
बंजर होते हिमालय
ओक के वनों के मुकाबले चीड़ के वनों की रीचार्ज क्षमता एक तिहाई ही है। चीड़ के वनों के कारण ही शुद्ध रीचार्ज दर ...
बिहार में डेढ़ मीटर गहराई तक मिट्टी की खुदाई अब खनन नहीं, ईंट-भट्ठों को पर्यावरण मंजूरी से छूट
बिहार में सालाना 17 अरब से ज्यादा ईंटों का निर्माण होता है, इसके लिए 5.6 करोड़ टन उपजाऊ मिट्टी की जरूरत पड़ती है। धरती ...
एसओई इन फिगर्स 2023: पर्यावरण संरक्षण में अव्वल रहा तेलंगाना, दूसरे नंबर पर गुजरात
तेलंगाना ने वन आवरण में अच्छी प्रगति की है और नगरीय अपशिष्ट उपचार के मामले में शीर्ष राज्यों में बना हुआ है
पर्यावरण प्रभाव आकलन की व्यवस्था खत्म कर सकती है केंद्र की नई एसओपी
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के नए निर्देश, नियमों का उल्लंघन करने वालों को रोकने की बजाय उन्हें अपनी मर्जी करने की छूट ...
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई ने जारी की “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स” रिपोर्ट
इस साल की रिपोर्ट का मुख्य आकर्षण चार मापदंडों- पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर भारत के राज्यों की रैंकिंग है
उत्तराखंड को विनाश के पथ पर ले जाएगा चारधाम ऑल वेदर रोड
निचला हिमालय क्षेत्र स्थिर नहीं है। गंगा घाटी क्षेत्र में लगातार भूस्खलन के रूप में इसके प्रत्यक्ष प्रमाण देखे जा सकते हैं
विकास की आंधी, पेड़ों की आहुति
उत्तराखंड में बांधों का निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, ऑल वेदर रोड, भव्य भवन निर्माण और अब रेल लाइन निर्माण आदि कार्यों से विनाश के दरवाजे ...
भारत, एक नई खोज
कहा जाता है कि एक देश का इतिहास उसके भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिबिम्ब होता है। अपने २२ सालों के शोध के आधार पर भारत ...
“प्रकृति और स्त्री पर आधिपत्य की आलोचना है इको फेमिनिज्म”
मिट्टी और स्त्री में बीज बोने का अधिकार पुरुष को हासिल हुआ और इस तरह पूरी दुनिया की प्रकृति पर पितृसत्ता का कब्जा है।
अस्तित्व की लड़ाई
मोनार्क मिल्कवीड के बिना जीवित नहीं रह सकते, इसलिए इन तितलियों ने मिल्कवीड की विषाक्तता को बर्दाश्त करने और जल्दी मौत से खुद को ...
मौसम की मार को मात देते मकान
2006 में बाड़मेर के न्यू कोटड़ा में आई बाढ़ में हजारों घर तबाह हो गए थे। इसके बाद जिन मकानों को बनाया गया वे ...
“तटीय भाषाएं चुका रही हैं परिवर्तन की कीमत”
भाषाविद गणेश देवी ने ऐसे अनूठे भाषा सर्वेक्षण का नया खंड प्रकाशित किया है, जो भूगोल और लोगों के स्थानीय दावों पर आधारित है।
धारा में साझेदारी
दो गांवों के बीच समझौते के तहत ‘सूर्योदय से सूर्यास्त’ और ‘सूर्यास्त से सूर्योदय’ के बीच होता है धाराओं के पानी का बंटवारा
पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए जरुरी है पर्यावरण मंजूरी: रिपोर्ट
समिति के अनुसार इस परियोजना का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाना है, इसलिए पर्यावरण मंजूरी लेना जरुरी है
जलमार्गों पर पर्यावरण नियमों में संशोधन पड़ सकते हैं भारी
दो माह के दौरान फ्लाई ऐश से भरे पांच जहाज पश्चिम बंगाल की नदियों में डूबने के बाद सख्त पर्यावरण नियमों की जरूरत महसूस ...
साहित्य में पर्यावरण: प्रकृति से माया टूटी नहीं कि साहित्य ‘कंक्रीट का जंगल’ हो गया
सभ्यता और संस्कृति के आरंभिक दिनों में मानव प्रकृति की गोद में बसता था। धीरे-धीरे वह इससे विलग होता गया। संस्कृति, प्रकृति के स्मृति ...
ग्रीन स्कूल अवार्ड 2018 - एक मुलाकात चेंज मेकर्स के साथ
सीएसई का ग्रीन स्कूल कार्यक्रम देशभर के छात्रों के पर्यावरणीय गतिविधियों का लेखाजोखा है। ये गतिविधियां स्कूली छात्रों व शिक्षकों द्वारा की जाती हैं
ऐसे किया जा सकता है उत्तराखंड की पर्यावरणीय सेवाओं का आंकलन
हाल ही में हुए हिमालयन कॉन्कलेव में हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस देने की मांग की गई है, क्या इसका आकलन करना आसान है