स्थानीयकरण की दस्तक
2017 में हमें निरंकुश उपभोक्तावाद पर टिके विकास के मॉडल पर विचार करना चाहिए। गरीबों की छोड़िए, ये अमीरों के भी काम का भी ...
पिछले पांच वर्षों में 1798 परियोजनाओं में किया गया पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन
इनमें सबसे ज्यादा परियोजनाएं हरियाणा से सम्बन्ध रखती हैं| जहां 259 परियोजनाओं में पर्यावरण मंजूरी सम्बन्धी शर्तों की अवहेलना की गई है
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मानक से दोगुना ज्यादा है ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण से प्रदूषित शहरों में दक्षिण एशिया के 13 शहर शामिल हैं, जिनमें 5 अकेले भारत के हैं
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021: कोरोना की दूसरी लहर में शहरों के मुकाबले गांव अधिक प्रभावित
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई और डाउन टू अर्थ ने स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2021 रिपोर्ट जारी की
विज्ञान का कपट
इस बात के प्रमाण हैं कि यह रसायन जहरीला है फिर भी सरकारें इस पर प्रतिबंध लगाने से क्यों हिचक रही हैं? आखिर हम ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या इसका असर पर्यावरण पर पड़ेगा?
पर्यावरणविदों ने धीरे-धीरे आबादी को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों की जरूरत जताने वाली टिप्पणियों से अब किनारा कर लिया है
सजावटी पेंट में अंधाधुंध मिलाया जा रहा लेड, डिब्बे पर चिपका रहे झूठा लेबल
पांच राज्यों के सभी पेंट नमूनों में खतरनाक लेड की मात्रा तय मानक 90 पीपीएम से अधिक पाई गई है
बैगा आदिवासियों के दिल्ली वाले बाबा नहीं रहे !
प्रभुदत्त खेड़ा बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा बांटते रहे हालांकि वे हमेशा यही कहते थे कि बैगाओं को पर्यावरण और वनस्पतियों का ज्ञान किसी ...
सीएसई ने जारी की भारत के उर्वरक उद्योग की पर्यावरणीय रेटिंग
सीएसई और ग्रीन रेटिंग प्रोजेक्ट की ग्रेडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि उर्वरक उद्योग ऊर्जा इस्तेमाल और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के मामले ...
ग्रीन बोनस की खैरात नहीं, राॅयल्टी का हक चाहिए: जगत सिंह जंगली
हिमालयन कॉन्कलेव में ग्रीन बोनस की बात आने के बाद पर्यावरण सेवाओं के बदले आर्थिक लाभ के मांग सबसे पहले उठाने वाले जगत सिंह ...
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मानव हस्तक्षेप पर लगाम जरूरी
उत्तराखंड के औली पर्यटन स्थल में एक शादी का भव्य आयोजन होने जा रहा है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या हिमालयी क्षेत्र ...
जलवायु परिवर्तन नहीं, जलवायु प्रलय कहिए
जलवायु आपातकाल वास्तविक है हमें इसके प्रलय से बचने के लिए वास्तविक कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाना होगा
जीडीपी नहीं अब जीईपी
उत्तराखंड भारत का पहला राज्य होगा जो अर्थव्यवस्था को सकल घरेलू उत्पा द की बजाय सकल पर्यावरण उत्पा द के आधार पर गणना करेगा।
मौसम बदलने वाले बादल
प्रदूषकों से भरे बादल मौसम में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। मौसम को प्रभावित करता करने वाला कारक एरोसॉल है।
समतल बीहड़, खतरा या अवसर
प्राकृतिक स्थिति से छेड़छाड़ की वजह से चंबल नदी में गाद और बाढ़ का खतरा बढ़ने की आशंका है।
सालाना 1,800 मेगाग्राम पारा उत्सर्जित कर रही दुनिया, जानिए कैसे हो रहा देशों के बीच प्रवाह
पारे के वैश्विक प्रवाह के विश्लेषण से पता चला है कि इसके उत्सर्जन से जुड़ा करीब आधा जोखिम इसके वैश्विक व्यापार से जुड़ा है।
विश्व बैंक ने फंड देने से किया इनकार तो अधर में लटका भारत का तटीय मिशन!
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के बजट पर विभागीय संसदीय समिति ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं
अडानी पावर लिमिटेड को मिली संशोधित पर्यावरण मंजूरी पर एनजीटी में उठा सवाल
28 मई को एनजीटी के समक्ष एक नया मामला सामने आया है| जिसमें गोड्डा, झारखंड में अदानी पावर को दी गई संशोधित पर्यावरण मंजूरी ...
वन अधिकार कानून – जनजाति कार्य मंत्रालय का आधिकारिक अधिग्रहण, वन विभाग हुआ शक्ति सम्पन्न
यह अनुष्ठान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दोनों मंत्रियों प्रकाश जावडेकर और बाबुल सुप्रियो के लिए बा हैसियत अंतिम अनुष्ठान साबित हुआ
पर्यावरण के लिए बलिदान: अमृता विश्नोई के नेतृत्व में 363 लोगों ने दे दी थी जान
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिस विश्नोई समाज के लोग समर्पित हैं, उसी तरह अन्य समाज को भी आना होगा
आदिवासियों से पूछिए क्या है जीवनशाला की सच्चाई
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी तीन दशक से स्वयं के प्रयास से 7 जीवनशाला स्कूल चला रहे हैं
एसओई एन फिगर्स 2022: अमृत महोत्सव के लक्ष्य क्या हो पाएंगे पूरे?
साल 2022 भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है और देश इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। भारत सरकार ...
एसओई 2021: हम और हमारा पर्यावरण दोनों खतरे में है
महामारी के घाव कई दशकों तक रहेंगे, जिसके निशान हमारे जीवन के हर एक भाग पर पड़े हैं। स्टेट ऑफ इंडियाज एनवॉयरमेंट की ताजा ...
न समस्या मानेंगे, न हल निकलेगा
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा आयोजित अनिल अग्रवाल डायलॉग में पर्यावरण विषय पर न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर के व्याख्यान के अंश -
एसओई इन फिगर्स 2023: हर रोज 30 किसान व खेतिहर मजदूर कर रहे आत्महत्या
किसानों की आय को दोगुना करने के केंद्र के वादे के बावजूद आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या पांच वर्षों में सबसे अधिक है