जग बीती: वार्ता का खेल
जग बीती: किसानों का रूट!
2021 की डाउन टू अर्थ की इन रिपोर्ट्स से समझें, खेती-किसानी के लिए कैसा रहा साल
खेती-किसानी के लिए साल 2021 बेहद महत्वपूर्ण रहा
किसान आंदोलन: देश और समाज के लिए क्या हैं मायने
किसान आंदोलन न केवल किसानों, बल्कि समाज व आम नागरिकों को संदेश देने में कामयाब रहा
कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, बनाई कमेटी
कृषि कानूनों पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट अब 18 जनवरी को विस्तृत आदेश जारी कर सकती है
किसान आंदोलन: फिर नहीं निकला हल, सरकार-किसान संगठन अपनी जगह से नहीं हिले
किसान संगठनों ने साफ किया कि कृषि कानूनों की वापसी के बिना वे घर वापस नहीं जाएंगे
बेचारा किसान: किसानों को क्यों नहीं मिलती रियायतें
चौधरी छोटू राम के लेखों के संकलन "बेचारा किसान" में प्रकाशित एक लेख-
संविधान दिवस पर किसानों पर सख्ती, आंसू गैस के गोले छोड़े
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली चलो का आह्वान किया था
बिना चर्चा के पारित हुआ कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक
दोनों सदनों में बिना चर्चा के कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक पारित कर दिया गया
खेती पर क्यों कब्जा जमाना चाहते हैं कारपोरेट?
भारत का किराना बाजार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है, अब इस पर कब्जे की होड़ है
किसान आंदोलन: सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त मोर्चा सहमत, सरकारी 'आदेश' का इंतजार
केंद्र सरकार की ओर से आए प्रस्ताव के ड्राफ्ट को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सहमति जताई
बिना जोर-जबरदस्ती के ऐसे बंद हुआ 'भारत'
दिल्ली पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों तक आम आदमी को पहुंचने ही नहीं दिया
किसानों का आंदोलन स्थगित, सरकार के लिखित आश्वासन के बाद माने किसान
केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगें मान ली हैं
किसान आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति पर विचार, हरियाणा संभालेगा मोर्चा
जो किसान और आम लोग आंदोलन से दूर हैं, उन्हें जोड़ने की कोशिशें तेज हो गई हैं
किसान आंदोलन के बाद बनी एमएसपी समिति का क्या हुआ, यहां जानें
19 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ एमएसपी समिति बनाने की घोषणा की थी
किसान प्रदर्शन: आखिरकार दिल्ली प्रवेश की मिली इजाजत
नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए किसानों ने 26-27 नवंबर को दिल्ली चलो का आह्वान किया था
नए कृषि कानूनों ने छोटे और सीमांत किसानों के भविष्य पर संकट खड़ा किया
हर नागरिक को ये बताना चाहिए कि भोजन का उत्पादन कैसे होता है, किसान किस तरह की मुश्किलों का सामना करते हैं
कृषि के सुनहरे भविष्य के लिए क्या करना चाहिए?
कॉरपोरेट खेती दुनिया में कहीं भी सफल नहीं हो पाई है और भारत में भी इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए
डायरी: “यह किसान आंदोलन नहीं, यह जनआंदोलन है”
देश की जनता ने सुबह “जय जवान” तो दोपहर “जय किसानों” की बादशाहत देखी
बैठे ठाले: पूस की भोर और हलकू
“ये कार्पोरेट-एग्रीकल्चर वाले मवेशियों से भी बदतर हैं। ये तुम्हारी फसल को चाट कर जाएंगे और तुमको भी भूखा मार डालेंगे”
खेती में लागत कम करने और तकनीक को बढ़ावा देने की जरूरत
निजीकरण, उदारीकण और वैश्वीकरण की दिशा में किए गए सुधारों ने बाजारों को बहुत तेजी से प्रभावित किया है
पड़ताल: पंजाब-हरियाणा जैसा मंडी सिस्टम क्यों चाहते हैं दूसरे राज्यों के किसान?
देश के दूसरे राज्यों के किसान अपने जीवनयापन के लिए पंजाब या उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा जैसे सपोर्ट सिस्टम की मांग कर रहे हैं
सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता विफल, 3 दिसंबर को फिर होगी बैठक
किसान नेताओं का आरोप है कि देश के लोगों को दिखाने के लिए बैठक बुलाई, सरकार समाधान नहीं चाहती
ग्राउंड रिपोर्ट: क्या सचमुच किसानों की आमदनी हो पाएगी दोगुनी?
प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप ...
किसान आंदोलन: किसानों ने सरकार का सशर्त निमंत्रण अस्वीकार किया
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के भीतर और सीमाओं पर डटे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें नाकाम हो रही हैं