जग बीती: किसान और कॉरपोरेट
नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग 4 : एक रहस्यमयी खाद
एक अनुमान के मुताबिक खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी का बोझ 80 हजार करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए तक हो गया ...
कीटनाशकों के कारण पंजाब के खेतिहर मजदूरों में कोशकीय बदलाव का प्रबल जोखिम
कीटनाशक छिड़काव के दौरान पीपीई का अनिवार्य तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो यह खेतिहर मजदूरों और सामान्य लोगों को कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से ...
हरियाणा ने बढ़ाया सरसों का लक्ष्य, क्या किसानों को होगा फायदा?
प्रति हेक्टेयर उत्पादकता की दृष्टि से हरियाणा देश में सबसे ऊपर है, लेकिन कई खामियों के चलते किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाता
कृषि क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं युवा
देश में कृषि और कृषि शिक्षा की दशा पर व्यापक पड़ताल करती रिपोर्ट की कड़ी में प्रस्तुत है डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ...
किसानों की अगली पीढ़ी तैयार करना देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती
देश में कृषि और कृषि शिक्षा की दशा की पड़ताल करती सीरीज रिपोर्ट की श्रंखला में प्रस्तुत है, जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति ...
केंद्र देना चाहता है किसानों को 6000 रुपए, लेकिन...
राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक में केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 14.5 करोड़ किसानों को पीएम-किसान ...
ग्राउंड रिपोर्ट: हिमालय में जलवायु संकट, उद्यमी किसान अपना रहे हैं नए कृषि प्रयोग
किसानों द्वारा अपनाए जा रहे तरीके जलवायु अनुकूलन (क्लाइमेट एडाप्टेशन) के अच्छे उदाहरण साबित हो रहे हैं
उत्तर प्रदेश के किसान से तीन गुणा अधिक कमाता है पंजाब का किसान
एनएसओ के मुताबिक, मेघालय के बाद पंजाब के किसान परिवारों की औसतन मासिक आमदनी सबसे अधिक है
संसद के बाहर लगी किसानों की संसद, कहा- कृषि कानून वापस ले सरकार
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर किसानों ने जंतर मंतर पर किसान संसद का ...
यह सिर्फ पंजाब-हरियाणा का नहीं पूरे देश का समग्र किसान आंदोलन : साक्षात्कार में बोले राकेश टिकेैत
यह आंदोलन सिर्फ एमएसपी और तीन कृषि कानूनों तक नहीं सिमटा है बल्कि अब वक्त आ गया है कि किसान मोर्चा ले, यह एक ...
पंजाब सरकार से नाराज मजदूरों ने मुख्यमंत्री आवास घेरा, हुआ लाठीचार्ज
करीब 10 हजार मजदूरों ने मुख्यमंत्री के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, 21 दिसंबर को होगी मीटिंग
खरीफ सीजन में बुंदेलखंड के एक गांव को 11 करोड़ का नुकसान, कैसे होगी किसान की आमदनी दोगुनी
बांदा जिले के बसहरी गांव में 100 फीसदी किसानों ने बोई थी तिल, पूरी फसल हुई नष्ट, 7.5 करोड़ रुपए की लागत डूबी, फसल ...
बर्फबारी से कश्मीर में टूटे सेब के पेड़, मुआवजे की मांग
बर्फबारी से कश्मीर के किसानों को काफी नुकसान हुआ है, इसका जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के सदस्य 22 नवंबर को कश्मीर ...
कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं का दौर आएगा
देश में कृषि व कृषि शिक्षा की दशा पर पड़ताल करती रिपोर्ट्स की सीरीज में प्रस्तुत है भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी एके सिंह ...
ऐसे तो न खेती बचेगी और न ही तालीम
डाउन टू अर्थ ने देश में कृषि और कृषि शिक्षा की दशा पर एक देशव्यापी पड़ताल की और इस क्षेत्र केे विशेषज्ञों से बात ...
जलवायु परिवर्तन का पहला शिकार हो रहे हैं किसान
अभी जो परिवार खुद के खाने के लिए भोजन उगाते हैं वो सबसे सेहतमंद होते हैं, लेकिन अप्रत्याशित जलवायु जल्द इस प्रवृत्ति को बदल ...
किसानों को बाजार के हवाले करने से खेती मजबूत नही होगी: टिकैत
कृषि सुधार विधेयक को लेकर किसान क्यों नाराज है, इस बारे में जानने के लिए डाउन टू अर्थ ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ...
आंध्रप्रदेश में 90 फीसदी से अधिक पट्टेदारों के पास नहीं हैं किसान फसल अधिकार कार्ड
आंध्रप्रदेश में सर्वे किए गए केवल 3 फीसदी भूमिहार किराएदार किसानों को रायथु भरोसा योजना का लाभ मिला था, जबकि औसतन हर किराएदार किसान ...
छोटे और मझोले किसानों वाली पोल्ट्री के लिए नई गाइडलाइन, प्रदूषण रोकथाम के लिए उठाने होंगे कदम
छोटे और मध्यम आकार वाले करीब 25 करोड़ से अधिक पोल्ट्री को भी चारे में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की रोकथाम पर ध्यान देने की ...
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021: फसलों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन किसानों की संख्या घटी
डाउन टू अर्थ की सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021 इन फिगर्स में राज्यवार किसानों की घटती संख्या का विश्लेषण किया गया है
भारत में विषाक्तता का प्रमुख कारण है कीटनाशक, उत्तर भारत है सर्वाधिक प्रभावित : अध्ययन
रिपोर्ट के मुताबिक कीटनाशकों तक आसान पहुंच और इसकी खपत ने इसे दुनिया भर में आत्महत्याओं का प्रमुख कारण बना दिया है।
डायरी: ...लेकिन यहां ट्रैक्टर रैली ने पेश की अनुशासन की मिसाल
चार घंटों में हमने एक भी बार अनुशासनहीनता नहीं देखी। ट्रैक्टर के साथ लगी ट्रॉलियों में रोजमर्रा की जरूरतों का सामान था
पूरे परिवार को तोड़ देती है आत्महत्या, महिला किसानों को गुजारनी पड़ती है विपदा की जिदंगी
23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने आत्महत्या की है। वहीं, समान अवधि में 50,188 महिला किसानों ने आत्महत्या करना पड़ा है।
हर रोज महज 3 रुपये 33 पैसे की तय यात्रा भत्ता में गांवों का दौरा कैसे करें यूपी के लेखपाल
उत्तर प्रदेश में 23,500 लेखपालों ने सरकार की उपेक्षा और मांगों के न पूरा किए जाने से नाराज होकर अपने बस्ते का बोझ हल्का ...