जानिए क्यों फूलों पर उर्वरकों के छिड़काव के बाद घट जाती है भवरों के बैठने की सम्भावना
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि परागणकर्ता फूलों के चारों ओर विद्युत क्षेत्र में आने वाले बदलावों का पता लगा सकते हैं जो कीटनाशकों के ...
हिमाचल प्रदेश में खाद का संकट, किसान-बागवानों की बढ़ी चिंता
सर्दियों में बर्फबारी के बाद सेब के बागों में चाहिए होती है खाद, पिछले साल के मुकाबले इस साल 22,598 मीट्रिक टन कम खाद ...
“एक हफ्ते से दिन-रात मंडी में पड़े हैं पर खाद नहीं मिली”
बुंदेलखंड में खाद की जबर्दस्त किल्लत, कालाबाजारी जोरों पर, पिछड़ रही है रबी की बुवाई
नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों से भारत में हर साल हो रहा है 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
भारत हर साल उर्वरकों के रूप 1.8 करोड़ टन नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित हो रही ...
सीएसई की रिपोर्ट: देश में जैविक खादों और जैव- उर्वरकों की हालत खराब
पूरे देश में घटिया गुणवत्ता के साथ-साथ नकली जैविक खादें और जैविक उर्वरकों के उत्पाद व्यापक रूप से उपलब्ध हैं
बजट 2022-23 : उर्वरकों की सब्सिडी में भारी कटौती, बढ़ेगी किसानों की परेशानी!
पिछले बजट के संशोधित अनुमान के मुकाबले यूरिया की सब्सिडी में 12,708 करोड़ और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी में 22,192 करोड़ रुपए की कमी
बजट 2023-2024 : एलपीजी सब्सिडी में 75 प्रतिशत, खाद्य सब्सिडी में 31 प्रतिशत, उर्वरक सब्सिडी में 22 प्रतिशत कटौती
केंद्र सरकार ने गरीबों की दी जाने वाली सब्सिडी योजनाओं के बजट में करीब 1,59,000 करोड़ रुपए की कटौती की है
यूरिया की कालाबाजारी से छत्तीसगढ़ के किसान हताश
अव्वल तो किसानों को यूरिया मिल नहीं रहा है और अगर मिल रहा है तो लगभग दोगुनी कीमत पर मिल रहा है
वैज्ञानिकों ने सोयाबीन में जैविक नाइट्रोजन में सुधार के लिए जंगली जीन का उपयोग किया
अब चीन के वैज्ञानिकों के एक समूह ने जंगली सोयाबीन पर एक अध्ययन शुरू किया है। इसमें पाए गए आनुवंशिक हिस्सों को लाभ पहुंचाने ...
आकाशीय बिजली गिरने से पहली बार पृथ्वी पर नए फास्फोरस पदार्थ का हुआ निर्माण
शोध से खनिजों के अन्य रूपों का पता चल सकता है जो महत्वपूर्ण हैं और पृथ्वी पर जीवन के विकास को लेकर अहम जानकारी ...
नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग 2 : खेतों में स्प्रे की लागत नैनो यूरिया को बना रही दोगुना महंगा
5 बीघा जमीन यानी एक एकड़ में एक बोतल नैनो यूरिया की खपत होती है साथ ही इसे छिड़कने के लिए प्रति बीघा एक ...
उष्णकटिबंधीय जंगलों में मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाते हैं बड़े स्तनधारी
अध्ययन से पता चला है कि इन फल खाने वाले जानवारों के द्वारा क्षेत्रों में त्यागे गए गोबर, मूत्र से मिट्टी में नाइट्रोजन का ...
बिहार: सुखाड़ के साथ खाद की कमी और कालाबाजारी से जूझ रहे किसान
पैक्स से लोगों को यूरिया मिल नहीं रहा है, जिसके चलते वे दोगुनी कीमत पर यूरिया खरीद रहे हैं। उसके लिए भी लंबी-लंबी लाइन ...
जरुरत से कहीं ज्यादा तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं देश
पिछले 30 वर्षों में कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने पर्यावरण को संकट में डाले बिना अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा ...
किसान आंदोलन: किसानों ने सरकार का सशर्त निमंत्रण अस्वीकार किया
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के भीतर और सीमाओं पर डटे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें नाकाम हो रही हैं
सदी के अंत तक 64 फीसदी तक कम होगी कार्बन को अलग करने की प्रक्रिया
नाइट्रोजन-समावेशी मॉडल सदी के अंत में केवल कार्बन मॉडल की तुलना में 64 फीसदी कम कार्बन को अलग करने का पूर्वानुमान लगाते हैं
कृषि में बढ़ते उपयोग के चलते भारत, चीन में सुरक्षित सीमा को पार कर गया है नाइट्रोजन प्रदूषण
भारत, चीन और यूरोप के कई हिस्सों में नाइट्रोजन प्रदूषण सुरक्षित सीमा को पार कर गया है, जो धरती के स्वास्थ्य के लिए ठीक ...
जैविक खेती का सच-3: खामियों से भरे हैं सरकारी कार्यक्रम
जैविक व प्राकृतिक खेती के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में कई खामियां पकड़ में आई हैं
जैविक खेती का सच-1: खेती बचाने का एकमात्र रास्ता, लेकिन...
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के गंभीर दुष्प्रभाव को देखते हुए जैविक व प्राकृतिक खेती की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है
खेतों में नाइट्रोजन के इस्तेमाल से बढ़ा जलवायु पर खतरा
नाइट्रोजन उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के चलते वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 20 फीसदी बढ़ चुका है
नई तकनीक: खेत में ही बनेगी पराली से खाद
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा, मशीनों की खरीद के लिए जितनी सब्सिडी दी जा रही है, उतने ही पैसे में पूरी पराली को ...
अब इंसान के बालों, मुर्गी और बत्तख के पंखों के कचरे से बनेंगे खाद और चारा
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह से बने तरल जैव उर्वरक जो कि बाजार में मौजूद उत्पादों की तुलना में तीन गुना अधिक कारगर हैं
यह है जमीन का वो टुकड़ा, जहां 178 साल से वैज्ञानिक कर रहे हैं खेती!
दुनिया के सबसे लंबे समय से जारी कृषि शोध का जैविक-अकार्बनिक खेती पर चल रही बहस में क्या योगदान है?
तैरते बाग में होती है खेती, जलवायु परिवर्तन का भी नहीं होता है असर
जलवायु परिवर्तन से बाढ़ की आशंका को देखते हुए, तैरते बगीचों को स्थायी कृषि के रूप में अपनाया जा सकता हैं, ये खाद्य सुरक्षा ...
इस बार खरीफ फसलों की 59 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में बुवाई हुई
खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े 1 अक्टूबर 2020 को आने की उम्मीद है।