शार्क संरक्षण में महत्वपूर्ण हो सकती है मछुआरों और बाजार की भूमिका
शोधकर्ताओं के अनुसार, पिछले दस सालों में शार्क पंखों की अंतरराष्ट्रीय बिक्री में 95 प्रतिशत तक गिरावट हुई है।
दुनिया का सबसे बड़ा सर्वाहारी जीव है व्हेल शार्क, रिसर्च में आया सामने
व्हेल शार्क जोकि दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री मछली है, उसको लेकर की गई नई रिसर्च से पता चला है कि यह मछली दुनिया ...
विश्व व्यापार संगठन की वार्ता से क्या हासिल हुआ, मछली पालन पर सब्सिडी पर उठे सवाल
विशेषज्ञों के समूह का दावा है कि मछली पालन पर सब्सिडी का नया मसौदा विकसित देशों के पक्ष में है और छोटे मछुआरों के ...
जीव विज्ञानियों ने खोजी गोबी मछली की दो नई प्रजातियां
शोध दल ने दोनों प्रजातियों के लिए माइटोकॉन्ड्रिया से लिए गए डीएनए का विश्लेषण कर इन्हें राइनो गोबियस समूह के भीतर एक प्राचीन वंश ...
नागालैंड में मिली रंग बदलने वाली मछली की नई प्रजाति बादिस लिमाकुमी
इस मछली की एक बड़ी विशेषता यह है कि यह प्रजाति प्रजनन या तनाव के समय गिरगिट की तरह अपना रंग बदल सकती है
उपेक्षित मछुआरों पर ध्यान लेकिन सवाल बाकी
केंद्र सरकार की योजना के तहत पिछले दो सालों में विभिन्न राज्यों के मछुआरों के लिए जारी होने वाली निधि में कमी आई है
कई दशकों की गिरावट के बाद विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं टूना और बिलफिश
कई दशकों की गिरावट के बाद टूना और बिलफिश मछलियां विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ शार्कों की आबादी ...
बिहार: जिनके नाम पर गांव बसे, वो स्थानीय मछलियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंची
शहरीकरण के चलते प्राकृतिक प्रवास के क्षेत्रों में कमी और नदी या तालाब से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति ने स्थानीय मछलियों को खत्म होने ...
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं 67 फीसदी मछुआरे परिवार
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज इनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में भारत के मछुआरों की दशा को शामिल किया गया है। देखें, ...
नदी की बेसहारा संतानें
नदी पर आश्रित मछुआरे अपने पुश्तैनी पेशे को छोड़कर मजदूर बनने को विवश हो रहे हैं। सरकारी नीतियों में उनके लिए कोई जगह नहीं ...
नदी तलछट को प्रभावित कर रहा माइक्रोप्लास्टिक, बढ़ते कटाव की बन रहा वजह
रेत के प्रवाह में आने वाला यह बदलाव न केवल नदी में बढ़ते कटाव का कारण बन सकता है, साथ ही नदी के पारिस्थितिकी ...
विलुप्त होने की कगार पर हैं एक तिहाई शार्क और रे, जरुरत से ज्यादा मछलियों का शिकार है जिम्मेवार
मनुष्यों द्वारा मछलियों का बढ़ता शिकार इन मछलियों पर मंडराते संकट की सबसे बड़ी वजह है उसके साथ ही उनके आवास को हो रहा ...
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्यों विरोध कर रहे हैं मछुआरे और किसान
मुंबई से लगे पालघर जिले के समुद्री तट पर बन रही बंदरगाह की वजह से एक लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने का ...
शहद व सालमोन मछली से वातावरण में औद्योगिक धातुओं का पता लगाया
वैज्ञानिकों ने पूरे वातावरण में फैली प्राकृतिक और औद्योगिक स्रोतों से निकले धातुओं का पता लागाने के लिए शहद और सालमोन मछली का संयुक्त ...
मछलियों के विकास में बाधा पहुंचा रहा है महासागरों में बढ़ता कार्बन
शोधकर्ताओं ने पाया है कि पानी में सीओ2 की अधिकता से मछलियों का आकार छोटा हो रहा है
गुम हो गई मछलियों की कलाबाजी
नदी के संगम का कुंड गायब हो चुका है। चाहे जितनी बरसात हो और बाढ़ आए, एक भी डॉल्फिन नहीं आती। मंदिरों पर बने ...
समुद्री प्रजातियों की जानकारी के लिए नोआ ने बनाया विशेष उपकरण
नोआ के द्वारा सर्वेक्षण के दौरान पकड़ी गई 800 से अधिक समुद्री मछलियों और अकशेरुकी प्रजातियों के लिए एक मानचित्रण किया गया है।
नई खोज: मछली के बेकार फेंके गए हिस्सों से वैज्ञानिकों ने बनाई पर्यावरण अनुकूल प्लास्टिक
वैज्ञानिकों ने मछली के बेकार, फेंके गए हिस्सों से प्लास्टिक बनाने में सफलता हासिल की है जो ने केवल पर्यावरण के अनुकूल है साथ ...
कोरोना और लॉकडाउन ने मछली उत्पादन को पहुंचाया नुकसान
कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर फैली अफवाह के चलते लोगों ने मीट के साथ-साथ मछली खाना बंद कर दिया। रही-सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर ...
झीलों के गर्म होने का पूर्वानुमान लगाना हुआ संभव, वैज्ञानिकों ने विकसित की प्रणाली
झीलों के गर्म होने के पूर्वानुमान लगने से सैल्मन और ट्राउट मछलियों को होने वाले खतरों से बचाया जा सकेगा
शार्क मछलियों पर भी दिखा जलवायु परिवर्तन का असर: शोध
शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगह शार्क और उनके बच्चों पर अध्ययन कर पाया कि जलवायु परिवर्तन का असर शार्क और उनके बच्चों को काफी ...
हर तीसरी ताजे पानी की मछली पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा
इनपर बढ़ते विलुप्ति के खतरे के लिए काफी हद तक बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, हाइड्रोपॉवर रेत खनन और जरुरत से ज्यादा होता इनका शिकार ...
दुर्लभ खोज: भारतीय वैज्ञानिकों ने जैसलमेर में खोजी जुरासिक युग की हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजाति
स्ट्रोफोडसजैसलमेरेंसिस प्रजाति की यह शार्क करीब 6.5 करोड़ साल पहले क्रेटेशियस युग के अंत में पूरी तरह विलुप्त हो गई थी
समुद्री जैव विविधता के बारे में पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है ईडीएनए
ईडीएनए गोताखोरों द्वारा प्रजातियों के बारे में पता लगाने की तुलना में ज्यादा सटीक और अधिक संख्या में पता लगाने में सक्षम है
बुरे संकेत: रुक सकता है दिमाग का विकास, घट रही है डीएचए की मात्रा
इस सदी के अंत तक भारत में 25 मिलीग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति से कम रह जायेगा डीएचए का उत्पादन, जबकि डब्ल्यूएचओ ने डीएचए की ...