भारी धातुओं के प्रदूषण की निगरानी में मददगार हो सकते हैं सूक्ष्मजीव
ताजे पानी में पाए जाने वाले चार सूक्ष्मजीवों यूप्लोट्स, नोटोहाइमेना, स्यूडॉरोस्टाइला और टेटमेमेना की जैव-संकेतक क्षमता का आकलन करने के बाद शोधकर्ता इस नतीजे ...
रेत बिन नदी: क्या बदले जाने चाहिए नदियों में रेत खनन के नियम?
कनालसी गांव में एक कतार में यमुना नदी से निकाले गए रेत और बजरी के ऊंचे-ऊंचे टीले धूल उड़ाते नज़र आते हैं। धूल इतनी ...
ग्राउंड रिपोर्ट: खनन के चलते मौत के कगार पर पहुंची हमारी यमुना
मशीनों के शोर ने पक्षियों को यहां से जाने पर मजबूर कर दिया। रात्रिचर जीव भी पलायन कर गए। खनन के चलते हमारी यमुना ...
विलुप्ति की कगार पर हैं ड्रैगनफ्लाई और डैमसेलफ्लाई की 16 फीसदी प्रजातियां, जानिए क्या है वजह
आईयूसीएन के अनुसार इन रंगीन कीड़ों की 6,016 प्रजातियों में से 16 फीसदी पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए कहीं ...
विकास या विनाश: नदी मुहानों को लील रहा इंसानी लालच, 35 वर्षों में ढाई लाख एकड़ क्षेत्र को किया तब्दील
मनुष्यों ने वैश्विक स्तर पर भूमि सुधार और बांधों के निर्माण के नाम पर 44 फीसदी नदी मुहानों को बदल दिया है
पेरू में मिले डॉल्फिन के 1.6 करोड़ साल पुराने जीवाश्म, गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन की हैं करीबी रिश्तेदार
वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति का नाम पानी में रहने वाले पेरू के पौराणिक जीव याकुरुना के नाम पर पेबानिस्ता याकुरुना रखा है
बांधों के कारण लाखों मील बहने वाली नदियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा
दुनिया के कई हिस्सों में प्रस्तावित जलविद्युत बांधों के बनने से नदियों तथा इसमें रहने वाले जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है
नदियों में जैव विविधता के नुकसान से जैविक प्रक्रिया को हो सकता है खतरा:अध्ययन
नदियों में मृत जीवों और पौधों को खाकर सफाई करने वाले जीवों के विलुप्त होने की दर ऐतिहासिक रिकॉर्ड की तुलना में 1,000 से ...
बांग्लादेशी नदियों में मिले भारी मात्रा में एंटीबायोटिक्स, स्वास्थ्य के लिए हैं बड़ा खतरा
बांग्लादेश जैसे देशों में आज भी इन दवाओं को लेकर कोई तय मानक और नियम नहीं हैं। जिसके कारण आज भी बिना किसी रोकटोक ...
कावेरी के जल को जहरीला बना रहें हैं औषधीय अपशिष्ट और भारी धातुएं
आईआईटी मद्रास द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि औषधीय अपशिष्ट, प्लास्टिक, कीटनाशक और जहरीली धातुएं कावेरी के जल को जहरीला बना रही ...
पिछले 50 वर्षों में 70 फीसदी सिकुड़ चुका है पेटो ग्लेशियर, क्या बदलती जलवायु है जिम्मेवार?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो सदी के अंत तक यह ग्लेशियर 85 फीसदी तक सिकुड़ जाएगा
महासागरों में प्रवेश करने से पहले बरसों तक नदियों में रहता है माइक्रोप्लास्टिक
यह पूरे जल प्रवाह में प्लास्टिक प्रदूषण के स्रोतों से ताजे या मीठे पानी में माइक्रोप्लास्टिक के मिलने और जमा होने के समय का ...
जलवायु परिवर्तन और इंसानी गतिविधियों के चलते दुनिया भर में पैदा हो रही नई झीलें
35 वर्षों के दौरान वैश्विक स्तर पर झीलों के कुल क्षेत्रफल में 46,278 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। हालांकि इसमें से 56 फीसदी ...
कावेरी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक जैसे प्रदूषक मछलियों में पैदा कर रहे हैं विकृति
कावेरी नदी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक जैसे प्रदूषक मछलियों के कंकाल में विकृति पैदा कर रहे हैं। इतना ही नहीं बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के चलते ...
वैज्ञानिकों ने बनाया नया डेटाबेस, बताता है दुनिया की 12 हजार झीलों की गुणवत्ता का हाल
यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नया डेटाबेस बनाया है जिसकी मदद से दुनिया की 12 हजार से ज्यादा मीठे पानी की झीलों की ...
नए युग में धरती: सॉफ्ट शैल कछुआ प्रजाति की अंतिम मादा खत्म
2015 से लगातार कृत्रिम गर्भाधान कराने के प्रयास हुए लेकिन उसकी मौत के साथ ये सभी प्रयास धरे के धरे रह गए
स्वास्थ्य संकट: रोगजनकों को पनपने और फैलने का मौका देता है जलीय परिवेश में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक
रिसर्च के मुताबिक जलीय परिवेश में यह माइक्रोप्लास्टिक्स न केवल रोगजनकों को अपनी सतह पर पनपने का मौका देते हैं। साथ ही उनके प्रसार ...
फाल्गुनी नदी में क्यों मर रही हैं मछलियां, एनजीटी में रिपोर्ट दायर
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
नागालैंड में मिली रंग बदलने वाली मछली की नई प्रजाति बादिस लिमाकुमी
इस मछली की एक बड़ी विशेषता यह है कि यह प्रजाति प्रजनन या तनाव के समय गिरगिट की तरह अपना रंग बदल सकती है
इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन
धरती पर बढ़ती नमक की मांग का खामियाजा हमें पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के रूप में भुगतना पड़ रहा है
नदी तलछट को प्रभावित कर रहा माइक्रोप्लास्टिक, बढ़ते कटाव की बन रहा वजह
रेत के प्रवाह में आने वाला यह बदलाव न केवल नदी में बढ़ते कटाव का कारण बन सकता है, साथ ही नदी के पारिस्थितिकी ...
पहाड़ी जल स्रोतों को बचाना जरूरी, 2050 तक 150 करोड़ लोग होंगे निर्भर
1960 में तराई में रहने वाली करीब 7 फीसदी आबादी इन जल स्रोतों पर निर्भर थी जो 2050 तक बढ़कर 24 फीसदी पर पहुंच ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: अवैध खनन रोकने के लिए एनजीटी ने जारी किए दिशा-निर्देश
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
1992 के बाद 6 गुना ज्यादा तेजी से गर्म हो रही हैं उत्तरी गोलार्ध की झीलें
उत्तरी गोलार्ध की यह झीलें समय के औसतन 11 दिन बाद जमना शुरु हुई थी जबकि इनमें जमा बर्फ निर्धारित समय से करीब 6.8 ...
हर साल खेतों से जमीन में रिस रहा 70,000 टन कीटनाशक, नदियां भी नहीं हैं अछूती
हर साल खेतों में करीब 30 लाख टन कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसमें से करीब 70,000 टन कीटनाशक जमीन के अंदर रिसकर ...