मोटे अनाज की सरकारी खरीद का लक्ष्य क्यों बढ़ाना चाहती है सरकार?
क्या गेहूं-धान के उत्पादन में कमी की वजह से सरकार मोटे अनाज की सरकारी खरीद को बढ़ाना चाहती है
डाउन टू अर्थ खास: मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहे हैं हम!
मोटे अनाज को पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत माना गया है, लेकिन इनकी संकर (हाइब्रिड) किस्में पारंपरिक किस्मों की तरह पोषक नहीं हो ...
बिचौलियों को क्यों धान बेच रहे हैं किसान?
क्रय केंद्रों पर धान में नमी, बोरे की कमी और गुणवत्ता का हवाला देते हुए खरीदने से मना कर दिया जाता है
आहार संस्कृति: ऐसा साग, जिसे खाकर गर्भावस्था के दौरान भी खेतों में काम करती थी महिलाएं
कर्नाटक के सोलिगा जनजाति के पुराने समय के लोग एनागोन सोप्पू के फायदों को गिनाते नहीं थकते
गोदामों में जमा है बफर स्टॉक से दोगुना ज्यादा अनाज, खराब हुआ 1150 टन
31 जुलाई 2019 तक अनाज गोदामों में 711 मिलियन टन अनाज भरा हुआ था, जो तय नियमों से लगभग दोगुणा अधिक है
थाली पोषण से कितनी खाली?
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान की रिपोर्ट बताती है कि पिछले तीन दशकों में खाद्य पदार्थों से पौष्टिक तत्व तेजी से कम हुए हैं।
चार साल में रास्ते से गायब हो गया 4 लाख टन से अधिक गेहूं-चावल!
संसद में पेश खाद्य, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति ने भारतीय खाद्य निगम में भ्रष्टाचार पर नाराजगी जताई है
गेहूं-मक्के की कीमतों में गिरावट के चलते 35 महीनों के निचले स्तर पर पहुंचा खाद्य मूल्य सूचकांक
आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़कर 152.3 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है