हसदेव अरण्य: कोयला खनन के लिए काटे गए हजारों पेड़, ढाई लाख से अधिक पेड़ कटने की आशंका
हसदेव के जंगल में पेड़ कटने से स्थानीय आदिवासियों की आजीविका प्रभावित होगी, जबकि हाथियों सहित वन्यजीव विस्थापित होंगे और जैव विविधता खतरे में ...
आखिर क्यों 300 किलोमीटर पैदल चल पड़े हैं आदिवासी?
हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के विरोध में आदिवासियों ने 300 किमी की पैदल यात्रा शुरू की। जो 10 दिन में मदनपुर से ...
हसदेव अरण्य की रक्षा में उमड़ा देशव्यापी समर्थन
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए अब केवल आदिवासी ही नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उन्हें देश के कई हिस्सों से समर्थन मिलने लगा ...
सवालों में हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक को मिली दूसरे चरण की स्वीकृति
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए आदिवासी 300 किमी का सफर पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे, जहां राज्य के मुख्यमंत्री ने फर्जी ग्राम सभा ...
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव अरण्य में कोयला खदानों का आवंटन निरस्त करने और वन संरक्षण कानून, 1980 के नियमों में किए गए संशोधनों को रद्द ...
हसदेव अरण्य: उच्च न्यायालय ने लगाई रोक, लेकिन इन सवालों का जवाब बाकी
भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद ने चार कोल ब्लॉक्स खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट और मंशा पर चार मुख्य सवाल ...
कोयले की आपूर्ति नहीं होने से राजस्थान में गहराया बिजली संकट
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की असेसमेंट रिपोर्ट में साल 2022-23 में प्रदेश में बिजली की पीक आवर्स में डिमांड 17,757 मेगावाट तक पहुंचने का ...
हसदेव अरण्य: भारतीय वन्य जीव संस्थान की रिपोर्ट की अनदेखी कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार
हसदेव अरण्य पर छत्तीसगढ़ सरकार ने जो रवैया अपनाया है, उससे सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं
खतरे में हसदेव अरण्य, आदिवासी कर रहे हैं अदानी की कोयला खदान का विरोध
आदिवासियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार ने इस जंगल के क्षेत्र में मौजूद परसा कोल ब्लॉक का संचालन अदानी की कंपनी को दिया है। खनन ...
जग बीती: हसदेव में सेल्फी प्वाइंट!
हसदेव अरण्य में कोयला खनन की इजाजत देकर मुश्किल में पड़ सकती है कांग्रेस!
2016 में राहुल गांधी ने हसदेव अरण्य में वादा किया था कि अगर उनकी सरकार इस प्रदेश में बनती है तो वो इस जंगल ...
क्या हसदेव अरण्य के कोल ब्लॉक्स ‘बेंडर’ की तरह नीलामी से बाहर होंगे?
हसदेव अरण्य क्षेत्र की ग्राम सभाओं द्वारा लगाचार चेताया जाता रहा है कि इस अति संवेदनशील जंगल का संरक्षण किया जाना चाहिए न कि ...
दस दिन पैदल चल रायपुर पहुंचे आदिवासी, कहा- अडानी को नहीं देंगे अपनी जमीन
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर से लगातार लगभग 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए आदिवासी रायपुर पहुंच गए हैं