देश के 51 फीसदी शहरों में संतोषजनक है वायु गुणवत्ता, अगरतला-उल्हासनगर सहित छह में रही खराब
वहीं दूसरी तरफ देश में अगरतला, बदलापुर, हनुमानगढ़, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, और उल्हासनगर सहित छह शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है
देश में सिर्फ मंडी गोबिंदगढ़ में खराब रह गई है वायु गुणवत्ता, वाराणसी में सबसे साफ रही हवा
देश में मंडी गोबिंदगढ़ में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 205 दर्ज किया गया है। वहीं वाराणसी में ...
16 फीसदी की वृद्धि के साथ देश में 158 पर पहुंचा संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा
देश में काशीपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 17 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 24 ...
देहरादून-झांसी सहित 26 शहरों में बेहतर हुई वायु गुणवत्ता, 136 शहरों में संतोषजनक हुआ स्तर
आंकड़ों के मुताबिक झांसी देश का सबसे साफ शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 19 दर्ज किया गया है। इसी तरह देहरादून में ...
खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या हुई दोगुनी, दिल्ली में भी दमघोंटू हुई हवा
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 अंक बढ़कर 208 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां एक बार फिर हवा दमघोंटू हो गई है
वाराणसी-झांसी सहित देश के 13 शहरों में बेहतर बनी हुई है हवा, जानें कहां है खराब
आंकड़ों के मुताबिक देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 360 पर पहुंच गया है।
'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में आई 68 फीसदी की गिरावट, केवल वापी में हवा रह गई है जानलेवा
देश में केवल वापी की हवा जानलेवा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 308 दर्ज किया गया है। वहीं दिल्ली की वायु गुणवत्ता में ...
हापुड़ में बढ़कर 471 पर पहुंचा एक्यूआई, नौ अन्य शहरों में जानलेवा हुए हालात
हापुड़ में प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति में बना हुआ है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 471 पर पहुंच गया है
जलवायु निगरानी में कमी के कारण गर्मी से प्रभावित हुए एक अरब लोग
अधिकांश कच्ची बस्तियां उष्णकटिबंधीय इलाकों में स्थित हैं, यहां साल भर गर्मी और उमस रहती है
जम्मू कश्मीर में बिना मंजूरी के चल रहे 132 ईंट भट्ठे, एनजीटी ने कार्रवाई पर मांगी जानकारी
जम्मू कश्मीर में 570 ईंट भट्ठे हैं। इनमें से 196 सहमति से चल रहे हैं, जबकि 146 के पास संचालन की सहमति नहीं है
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की मदद से शहरों को मिल सकती है प्रदूषण से निजात, जानें कैसे?
भारतीय शहरों में प्रदूषण की समस्या बेहद आम है। रिसर्च के मुताबिक भारत के करीब 60 फीसदी शहरों में हवा स्वीकार्य सीमा से भी ...
सावधान! अगले तीन दशकों में 12 गुणा अधिक जानें ले सकती हैं कुछ जूनोटिक बीमारियां
वैज्ञानिकों के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ जंगलों के होते विनाश और भूमि उपयोग में आते बदलाव के चलते जूनोटिक बीमारियों का खतरा बढ़ ...
डब्ल्यूएचओ ने टीबी के उपचार के लिए स्क्रीनटीबी वेब-आधारित टूल किया जारी
अलग-अलग देशों को 2027 तक 4.5 करोड़ लोगों की जांच कर टीबी का पता लगाने, उनका इलाज करने और इन लोगों को टीबी निवारक ...
त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित 42 फीसदी मरीज नींद की गड़बड़ी से पीड़ित पाए गए: अध्ययन
खुजली के 60 प्रतिशत और जलन या झुनझुनी के 17 प्रतिशत को त्वचा रोगों के रोगियों की नींद में बाधा डालने वाले प्रमुख लक्षणों ...
हिमालय की कीड़ाजड़ी: फिदा है दुनिया, लेकिन संकट में है अस्तित्व
इस मशरूम को 'कैटरपिलर फंगस' भी कहते हैं, जबकि तिब्बत में यार्त्सा गुंबू, कुमाऊं और गढ़वाल में आम बोलचाल में कीड़ा जड़ी अथवा यर्त्सा ...
बांग्लादेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, कालाजार मुक्त पहला देश बन रचा इतिहास
इससे पहले बांग्लादेश मई 2023 में लिम्फैटिक फाइलेरियासिस से भी मुक्त हो गया था। इस तरह बांग्लादेश एक ही वर्ष में दो उपेक्षित उष्णकटिबंधीय ...
इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन
धरती पर बढ़ती नमक की मांग का खामियाजा हमें पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के रूप में भुगतना पड़ रहा है
दुनिया भर में साल 2022 में एक करोड़ से अधिक लोग टीबी से ग्रसित हुए: डब्ल्यूएचओ
2022 में लगभग 4,10,000 लोगों में मल्टीड्रग-प्रतिरोधी या रिफैम्पिसिन-प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर/आरआर-टीबी) की बीमारी हुई, लेकिन पांच में से केवल दो लोगों को ही इलाज ...
हर दिन कितनी मात्रा में नमक खाने से नहीं बिगड़ता स्वास्थ्य?
अत्यधिक नमक के सेवन से हर साल दुनिया भर में लगभग 18.9 लाख मौतें होती हैं, जो रक्तचाप बढ़ने और हृदय रोग के बढ़ते ...
स्लीप एपनिया नामक गंभीर डिसऑर्डर का शिकार हैं 10.4 करोड़ भारतीय: एम्स
रिसर्च से पता चला है कि भारतीय महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह समस्या कहीं ज्यादा गंभीर है। जहां 13 फीसदी भारतीय पुरुष ...
एएमआर जागरूकता सप्ताह 2023 : हर साल 50 लाख लोगों की मौत की वजह बनता है जीवाणु संक्रमण
डब्ल्यूएचओ ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) को मानवता के सामने आने वाले शीर्ष 10 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक माना है।
मानवजनित उत्सर्जन के कारण वातावरण में पारा सात गुना बढ़ गया है: अध्ययन
पारा वायुमंडल में मिश्रित होता है, अपने निकले वाली जगह से लंबी दूरी तय कर सकता है, ज्वालामुखी उत्सर्जन धरती के अधिकांश क्षेत्रों में ...
जीका फैलाने वाले मच्छरों के अंडे सूखने के बाद भी अनिश्चित काल तक रहते हैं जीवित: अध्ययन
एडीज मच्छर के अंडे पूरी तरह से सूखने के बाद अनिश्चित काल तक जीवित रह सकते हैं और लार्वा में बदल जाते हैं, इस ...
नदियों में फेंके गए प्लास्टिक के कचरे में पाए गए खतरनाक बैक्टीरिया: अध्ययन
पानी के नमूनों में साल्मोनेला, एस्चेरिया जैसी बीमारी फैलाने वाले रोगजनक मिले, जिन्हें आमतौर पर ई- कोलाई के रूप में जाना जाता है और ...
बठिंडा में इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं 78.4 फीसदी भूजल, तय मानकों से कई गुणा ज्यादा मिला फ्लोराइड
रिसर्च के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक बठिंडा के 78.4 फीसदी भूजल में फ्लोराइड का स्तर तय मानकों से ज्यादा है। इतना ...