चीन और तुर्किए से हो रही है अवैध ग्रीन हाउस गैस की तस्करी, यूरोप में बढ़े मामले
व्यापारी अवैध रूप से मुख्य रूप से चीन और तुर्किये से हाइड्रोफ्लोरोकार्बन लेजाकर बुल्गारिया के माध्यम से यूरोपीय संघ में भेज रहे हैं
“ज्यादातर देशों में कम अनुभवी नेता संभाल रहे हैं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी”
21वीं सदी में पर्यावरण और विकास संबंधी मुद्दों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने के लिए 1992 के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन में ...
बागवानी उत्पादन 355.25 मिलियन टन होने का अनुमान, 8.07 मिलियन टन की वृद्धि
बागवानी फसलों के क्षेत्रफल व उत्पादन के संबंध में वर्ष 2022-23 का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी
पांच साल में भी डूबते निचले द्वीपों के प्रबंधन की योजनाएं नहीं बना पाए राज्य, एनजीटी ने मांगा जवाब
2019 में जारी की गई अधिसूचना के तहत अभी तक उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और ग्रेट निकोबार आईलैंड और लिटिल अंडमान आईलैंड की योजनाएं मंजूर ...
रेन वाटर हार्वेस्टिंग मामला : डीपीसीसी ने एनजीटी से की 50 हजार से 5 लाख जुर्माना लगाने की सिफारिश
वहीं, ट्रिब्यूनल में डीपीसीसी ने गैर आवासीय भवनों में जुर्माने में 50 फीसदी अधिक जुर्माना वसूलने की सिफारिश भी की है।
भाग 5 : कॉप 28 से आगे का रास्ता
प्राकृतिक गैस, स्वेच्छा कार्बन बाजार जैसे “संक्रामक” ईंधन और निजी क्षेत्र वित्त की मिथकीय भूमिका की समस्या से प्रबलता से निपटना होगा।
भाग 3 : कॉप 28 में उत्सर्जन को खत्म करने के लिए क्या बनी रणनीति, यहां जानिए
अपने जीवनकाल के पहले 20 वर्षों में कार्बन डाइऑक्साइड से 80 गुना अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस मीथेन इस बार कॉप-28 सम्मेलन का प्रमुख मुद्दा ...
भाग 2 : यहां जानिए कॉप 28 के अहम फैसले और देशों की राय
कॉप 28 के पहले दिन 30 नवंबर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता ने हानि और क्षति निधि (लॉस एंड डैमेज फंड - ...
भाग 1 : जानिए यहां कॉप 28 रहा कितना सफल
कॉप 28 ने इस संदर्भ में वह कर दिखाया जो विगत 30 सालों से करने का स्वप्न देखा जा रहा था। पहली बार जलवायु ...
कुछ कमियों के बावजूद, कॉप 28 ने बढ़ाए कदम
उत्तर और दक्षिण के बीच गहरे विभाजन के बावजूद, इस असुविधाजनक सत्य को पहचाना गया और स्वीकार किया गया कि हमें सहयोग करना होगा ...
क्या चीन का चरम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नष्ट कर देगा पृथ्वी?
चीन का कार्बन उत्सर्जन जल्द ही चरम पर पहुंचने वाला है।
जग बीती : कॉप 28 का ईंधन
धड़ों में बंटी दुनिया कैसे आएगी एक साथ?
कई देशों की वित्तीय हताशा का लाभ उठाकर कार्बन-ऑफसेट योजनाओं के लिए भूमि की अदला-बदली या खरीद के लिए संदिग्ध समझौते किए जा रहे ...
जोशीमठ की तरह हिमाचल के लिंडूर गांव में भारी भू-धंसाव, मौसम में आ रहा बदलाव बड़ा कारण
गांव में भू-धंसाव से 16 घरों में दरारें आई हैं। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों ने जांच शुरू कर दी है।
कार्बन का रहस्यमय व्यापार
हमने पाया है कि मौजूदा कार्बन बाज़ार दुनिया में उत्सर्जन बढ़ा सकते हैं।
एसओई इन फिगर्स 2023: भारत के लिए पांचवां सबसे गर्म वर्ष रहा 2022
2022 में सभी 28 भारतीय राज्यों ने कम से कम एक महीने रिकॉर्ड तोड़ तापमान को अनुभव किया
जग बीती: रोजगार की संभावनाएं
कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार के लिए रूपरेखा तैयार, मुंडा ने दी जानकारी
किसानों को कार्बन बाजार से परिचित कराने से न केवल उन्हें लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी तेजी ...
अब तक का सबसे गर्म सितंबर हुआ रिकॉर्ड, वैज्ञानिकों ने कहा यह सीधा-सीधा मौत का फरमान
पृथ्वी अपने सबसे गर्म वर्ष की राह पर है, जो पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में लगभग 1.4 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म है।
सरकार की वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना से किसको होगा फायदा?
सरकार विज्ञान सामग्री प्रकाशन उद्योग के साथ समझौता करने में लगी है जो ओपन एक्सेस और ज्ञान साझा करने की सच्ची भावना के खिलाफ ...
जेनरिक दवा विवाद : चिकित्सक बोले जेनरिक दवा की गुणवत्ता संशयपूर्ण, मरीजों पर असर न होने पर सरकार ले जिम्मेदारी
यदि सरकार चाहती है कि चिकित्सक देश में केवल जेनरिक दवाइयां ही लिखें तो वह सभी फार्मा कंपनियों को सभी प्रकार की दवाइयों के ...
सबसे कमजोर देशों पर सबसे अधिक कर्ज का बोझ : पेरिस के शिखर सम्मेलन पर बोलीं सुनीता नारायण
सुनीता नारायण ने कहा कि शिखर सम्मेलन से कोई परिवर्तनकारी समाधान नहीं निकला, लेकिन इसने जलवायु और विकास वित्तपोषण संकट पर बातचीत शुरू की ...
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: लंबे हीटवेव के कारण फीका पड़ रहा लीची और आम का स्वाद
मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएल) ने बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों को नमी प्रदान करने के लिए बागों में सिंचाई करने ...
असामान्य रूप से लंबे ला नीना ने 2022 में रिकॉर्ड संख्या में लोगों को विस्थापित किया
आंतरिक विस्थापन पर वैश्विक रिपोर्ट, 2022 के अनुसार भारत में ज्यादातर मौसम से संबंधित आपदाओं ने 2022 में 25 लाख लोगों को विस्थापित किया।
भारत के विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर रहा है ईएनएसओ, जानिए कैसे?
ईएनएसओ ने जहां उत्तर भारत पर बहुत गहरा प्रभाव डाला है, वहीं मध्य भारत पर इसका असर कम रहा है। इसके लिए कहीं न ...