कृषि कर: जरूरी या मजबूरी
भारत में कृषिगत आय कर के दायरे से बाहर है। लेकिन इसकी आड़ में होने वाली कर चोरी को रोकने के लिए कृषि कर ...
आहार का आधार
भारत भैंस के गोश्त का बड़ा निर्यातक है और अत्यधिक मांसभक्षण की इस बुरी आदत से फायदा उठाता है।
“इस किसान वैज्ञानिक को कब मिलेगा न्याय?”
जमीनी स्तर पर विज्ञान व तकनीक को प्रोत्साहित करने की बात तो बहुत की जाती है, पर हकीकत यह है कि ग्रामीण प्रतिभाओं के ...
दो बैलों की अधूरी कहानी
हीरा ने कहा-गया तो कब का शहर चला गया, उसकी जमीन सरकार ने एसईजेड के नाम पर छीन ली और उसे कुछ रुपये पकड़ा ...
2018 और 19 में दक्षिण अमेरिका में चरम पर पहुंचा आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला
एक तरह ब्राजील में आकाशीय बिजली ने रिकॉर्ड 709 किलोमीटर की दूरी तय की थी| वहीं दूसरी और अर्जेंटीना में बिजली चमकने की एक ...
लॉकडाउन से बिजली की मांग 22 फीसदी गिरी, तमिलनाडु-गुजरात में सबसे ज्यादा असर
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मांग की कमी की वजह से बिजली का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सबसे ज्यादा ...
पथ का साथी: लौटते प्रवासियों की दिक्कतें कम करने में जुटे ग्रामीण
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
कोविड-19: हिमाचल में 12 दिन बाद आया नया मामला, नोएडा से आया था युवक
दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों की जांच और निगरानी में लापरवाही को लेकर स्थानीय लोग में नाराजगी है
पीलीभीत की प्रसिद्ध बांसुरी की धुन पर कोरोना का लॉकडाउन
लॉकडाउन की वजह से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की प्रसिद्ध बांसुरी कारोबार से जुड़े लोग भी रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं
पीएम किसान सम्मान: तकनीकी गड़बड़ियों में फंसा यूपी के किसानों का 2000 रुपया
यूपी सरकार ने प्रदेश के दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 4100 करोड़ रुपए भेजे हैं, लेकिन बहुत से किसान इस योजना ...
पत्नी की पायल बेच कर किया बच्चों के खाने का इंतजाम
सतना जिले के गांव केओटरा में निषाद समुदाय के लोग नाव चलाकर आजाविका कमाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब थम गया है
गांवों में नकदी तक पहुंचा रहा है राजस्थान का यह स्वयंसेवी संगठन
स्वयंसेवी संगठन राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने स्तर पर लोगों की सहायता कर रहे हैं
सरकार ने कहा कानून स्थगन ही हमारा सबसे बेहतर प्रस्ताव, किसानों ने कहा 24 घंटे बाद बताएंगे निर्णय
गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर किसान यूनियन कृषि बिलों की सरकार से बातचीत के बाद अपना निर्णय दिल्ली पुलिस को बताएंगे।
क्या गेहूं-धान की सरकारी खरीद से बचने के लिए सरकार अपनाने जा रही है नया रास्ता?
भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं और धान में नमी की मात्रा कम करने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं
वरदान बना बारिश का पानी
सूखे साल में भी वर्षा जल से 42 परिवारों की पानी की जरूरतें एक साल तक पूरी की जा सकती हैं और धनबाद पानी ...
सूखे का दंश: सामान्य मॉनसून सूखे से बचने की गारंटी नहीं
सूखा एक स्थायी आपदा है जो हर साल 5 करोड़ भारतीयों को प्रभावित करता है। देश का 33 प्रतिशत हिस्सा लंबे समय से सूखे ...
अब भूमिगत कोयला खदानों में सेंध लगाती महिला कामगार
कोयला खदानों की खुदाई अब पुरुषों तक सीमित नहीं रही, अब कोयला खदानों में महिलाएं भारी मशीनरी को संचालित करती आसानी से नजर आती ...
पहाड़ों में 15 साल बाद दिखी ऐसी बर्फबारी
उत्तराखंड के निचले क्षेत्रों में कई ऐसे गांव हैं, जहां पिछले दस-पंद्रह वर्षों बाद बर्फ गिरी है। इन गांवों के लोग खुशियां मना रहे हैं
कोरोनावायरस: महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में सबसे अधिक मौतें
लगभग एक महीने पहले 20 मार्च को मध्यप्रदेश में पहली बार कोविड-19 के पांच मामले सामने आए थे। अब प्रदेश 69 मौतों के साथ ...
क्या मास्क पहनने से रूक सकता है कोरोनावायरस का संक्रमण?
भारत में बाहर निकलते वक्त मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है, लेकिन क्या इससे फायदा होगा, क्या कहते हैं विशेषज्ञ
महामारी से तब भी पीड़ित थे, अब भी पीड़ित हैं : कांचा इलैया
जब भी कोई महामारी होती है तो कम प्रतिरक्षा और अन्य कारणों से गरीब सबसे अधिक शिकार होते हैं।
एन 95 मास्क को दोबारा कर सकते हैं इस्तेमाल
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नई वेबसाइट बनाई है। इसमें एन 95 मास्क को साफ कर दोबारा उपयोग करने का सही तरीका बताया ...
मॉनसून के अगले दो महीनों में एक साथ दिख सकते हैं सूखे और बाढ़ के हालात
कुल मिलाकर बारिश का दीर्घकालीन औसत सामान्य रहने का अनुमान है लेकिन बारिश का वितरण असमान रहेगा। एक साथ बन सकती हैं सूखे और ...
हमें क्या नहीं भूलना चाहिए
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका छठे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। पढि.ए, वार्षिकांक में लिखा गया पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का संपादकीय
भोपाल गैसकांड के 467 प्रभावितों की कोविड-19 से मौत, 38 का नाम सूची में नही
गैस पीड़ित संगठनों ने पहले ही अंदेशा जताया था कि गैस पीड़ितों की मृत्यु दर अधिक हो सकती है