स्टोरी इम्पैक्ट- लद्दाख में फंसे मजदूरों को एयरलिफ्ट कर रही झारखंड सरकार
लद्दाख में फंसे मजदूरों की दास्तान डाउन टू अर्थ ने प्रकाशित की थी
मजा से सजा: अब लॉकडाउन लुभाता नहीं, डराता है
कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों के लिए यह स्कूलों से ‘मुक्ति’ की तरह था लेकिन अब वे इस ‘मुक्ति’ ...
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
कोविड-19 की तीसरी लहर: मजदूरों के लिए इधर कुआं, उधर खाई
शहरी श्रम बाजारों में काम की तंगी, गांवों में भी रोजगार का संकट
कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से भारत में बढ़ गया कुपोषण, अध्ययन में खुलासा
बिहार के मुंगेर और ओडिशा के कंधमाल और कालाहांडी जैसे तीन जिलों में लगभग 511 घरों और 622 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया
प्रवासी मजदूरों का मददगार बना एकता परिषद
एकता परिषद 20 राज्यों के लगभग 45 हजार मजदूरों की सूची तैयार कर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत ...
गुजरात लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से बचाने आगे आए सामाजिक संगठन
गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड के पास लगभ्ज्ञग 2900 करोड़ रुपए का फंड है। इसमें से मजदूरों को एक-एक हजार रुपए ...
उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन: रोल मॉडल तैयार करे राज्य सरकार
दुखद बात यह है कि अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में पहाड़ों से पलायन और तेजी से बढ़ा
कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-2: ध्वस्त होती अर्थव्यवस्थाएं
कोविड-19 के कारण जो स्पष्ट हो रहा है वह यह है कि बाजारों के बारे में हमारी धारणाएं कितनी झूठी हैं
उत्तराखंड: पलायन आयोग की रिपोर्टों से हासिल क्या होगा?
पलायन आयोग ने 16 जून की शाम टिहरी पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इससे पहले पौड़ी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा पर आयोग अपनी रिपोर्ट दे ...
जग बीती : गाय से मोबाइल फोन भी मिलता है
जग बीती: सत्ता का घोड़ा!
जग बीती: मांओं की चिंता
जग बीती: सड़क पर रहने वालों के लिए लॉकडाउन के मायने!
लॉकडाउन में शिक्षा की पहल
देश-दुनिया में लॉकडाउन ने हमारे समाज का तानाबाना हिला दिया है और इससे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं
पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: कोविड-19 के असर से वैश्विक विकास दर 2 प्रतिशत कम होगी
कोविड-19 के प्रभाव से विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में 2020 में 6.1 प्रतिशत की गिरावट आएगी। भारत की विकास दर में 1.9 प्रतिशत कमी ...
मनरेगा ने बदली सूरत
मनरेगा में काम की मांग इससे पहले कभी इतनी नहीं रही, जितनी कोरोना वायरस आपदा के दौरान रही है
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल, गांव-गांव पहुंचा कोरोना
कोविड-19 की दूसरी लहर शहरों के पार करके ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गई और बड़ी संख्या में ग्रामीणों व आदिवासियों को संक्रमित कर दिया। ...
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की जरूरत ही क्यों पड़ी?
गरीब कल्याण अन्न योजना: सरकार दावा करती रही है कि देश में गरीबी कम हो रही है तो फिर 80 करोड़ गरीब कहां से ...
कोरोना राहत पैकेज: डिस्कॉम्स के 90 हजार करोड़ रुपए से किसे होगा फायदा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को 90 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे
किसानों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा करे सरकार: भाकियू
भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि लाॅकडाउन के चलते सब्जियों व फल के किसानों को 80 प्रतिशत, फूल के किसानों को 100 प्रतिशत ...
मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर
मजदूरों को भ्रम में रखने के लिए कानून तो बनाए गए, लेकिन उनकी पालना नहीं की गई
झारखंड के आदिवासी बच्चों की शिक्षा को हुआ बड़ा नुकसान
झारखंड के आदिवासी इलाकों में दो साल बाद स्कूल तो खुल गए हैं, लेकिन बच्चों ने पहले जो सीखा था, वो भी भूल गए ...
कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-4: राज्य समाजवाद या परस्पर सहयोग
अगर गहरी मंदी होती है और आपूर्ति शृंखलाएं बाधित होती हैं, तो मांग को इस तरह की कीन्सवादी नीतियों के बूते नहीं बचाया जा ...
शहर छोड़कर गांव जाने वाले कामगार लौटे, अब काम के लाले
असंगठित क्षेत्र के बहुत से कामगार लॉकडाउन के बाद अपने गांव चले थे लेकिन वहां काम न मिलने पर वापस लौटना पड़ा