महाराष्ट्र गन्ना उद्योग: मीठी चीनी का कड़वा सच जानकर चौंक जाएंगे आप!
हर साल तकरीबन 2 लाख बच्चे अपने परिवारों के साथ पलायन करने को मजबूर हैं। जिनमें से 1 लाख 30 हजार बच्चे स्कूल नहीं ...
किसानों के विरोध के बाद कपास का समर्थन मूल्य मिलेगा
कपास मिल मालिक किसानों की अनुपस्थिति में नमी की मात्रा मापकर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से इंकार कर देते थे
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं 67 फीसदी मछुआरे परिवार
डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज इनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में भारत के मछुआरों की दशा को शामिल किया गया है। देखें, ...
एकता के सूत्र में पिरोता सूखा
मानसून के दौरान बारिश की हर बूंद को सहेजने के लिए महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित 1300 गांवों में लोगों ने खुद बनाई वाटरशेड संरचनाएं
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्यों विरोध कर रहे हैं मछुआरे और किसान
मुंबई से लगे पालघर जिले के समुद्री तट पर बन रही बंदरगाह की वजह से एक लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने का ...
भारी बारिश से महाराष्ट्र में 70 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद
महाराष्ट्र में हुई बेमौसमी भारी बारिश के कारण 36 जिलों में खड़ी फसल तो बर्बाद हो ही गई, बल्कि जो किसान फसल कट चुके ...
16 अप्रैल को 41 हजार बार गिरी आकाशीय बिजली, जानें क्या है वजह?
देश में आकाशीय बिजली से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है
डाउन टू अर्थ पड़ताल: छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
गुलाबी सुंडी के हमलों ने बीटी कॉटन की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि दावा किया गया था कि इस पर कीटों ...
जाते-जाते भी किसानों को रुला रहा है साल 2021, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
पश्चिमी विक्षोभ के चलते कई राज्यों में ओलावृष्टि हुई
कहीं अतिशय बारिश, कहीं सूखा
बारिश में उतार-चढ़ाव या अनिश्चितता किसानों के लिए डरावनी हकीकत में तब्दील होती जा रही है। बारिश में यह तब्दीली जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देखी ...
महाराष्ट्र में खोजा गया नया पठार, प्रजातियों के अस्तित्व पर अध्ययन के लिए अहम
महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में पहचाना जाने वाला चौथी तरह का पठार है, पिछले पहचाने गए तीन उच्च और निम्न ऊंचाई पर लेटराइट और ...
आदिवासियों से पूछिए क्या है जीवनशाला की सच्चाई
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी तीन दशक से स्वयं के प्रयास से 7 जीवनशाला स्कूल चला रहे हैं
देश के इन जिलों में बेलगाम हो रहा है कोविड-19
कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के लिए कौन से राज्य और कौन से जिले हैं जिम्मेदार?
दाभोलकर की हत्या को छह बरस, अब सोशल मीडिया पर हो रहा हमला
सोशल मीडिया पर जारी अभियान में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के खिलाफ 20 अगस्त, 2019 को जमकर हमला हुआ। समिति ने इन सभी आरोपों ...
सियासत में पिसता गन्ना-4: चीनी मिलों पर सत्ताधारी नेताओं का कब्जा
गन्ना किसानों की यूनियन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी का कहना है कि चीनी मिलों में राजनेताओं के कब्जे के कारण गन्ना ...
रत्नागिरी में बांध टूटने से उठे सवाल, क्या देश के बांध हैं सुरक्षित?
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बांधों के विफल होने की सबसे बड़ी वजह बाढ़ रही है। करीब 44 प्रतिशत बांध विफलता बाढ़ के कारण ...
रबी सीजन 2024-25: गेहूं-दलहन का रकबा घटा, अति पछेती किस्में बोने की सलाह
चालू रबी सीजन में 30 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों की बुआई शुरू नहीं हो पाई है। इनमें गेहूं और दलहन का ...
वजूद पर सवाल
निगम की कार्यप्रणाली ने जंगल और वनवासियों के बीच दीवार खड़ी कर दी है। इससे दोनों के बीच लगातार संघर्ष तेज होते जा रहे ...
बंजर होता भारत -3: आठ साल में खेती लायक नहीं रही 5200 हेक्टेयर जमीन
धरती के बंजरपन को रोकने के लिए 196 देशों के प्रतिनिधि विचार विमर्श कर रहे हैं। भारत में बंजरपन की स्थिति क्या है, डाउन ...
क्या वन विकास निगम की उपयोगिता नहीं रही
क्या वास्तव में वन विकास निगम की उपयोगिता कम हो रही है? ये ऐसे यक्ष सवाल हैं जिससे निगम अपने गठन के बाद से ही जूझ रहा ...
खुद की जुबानी, प्याज की लंबी कहानी
प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में 19 सितंबर को एक ही दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल कीमतों में वृद्धि हुई, दिल्ली में ...
ग्राउंड रिपोर्ट: इस चुनावी मौसम में भी सिर्फ 35 किलो अनाज और सामाजिक स्वीकार्यता मांग रहे हैं कुष्ठ रोगी
कुष्ठ रोगियों को दो पेंशनों के 1900 रुपए और पांच किलो राशन मिलता है। रोजगार के लिए उन्हें तकनीकी शिक्षा तक नहीं दी जा ...
महाराष्ट्र: लॉकडाउन में बंद हुए ग्रामीण बाजार, खेतों में खराब हुई सब्जियां
गेहूं के बाद चीनी के निर्यात पर लगा प्रतिबंध, सरकार ने दिए ये तर्क
सरकार की ओर से कहा गया है कि घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है
ले मशालें चल पड़े हैं
हजारों किसानों के मार्च से घबराकर महाराष्ट्र सरकार ने आननफानन में मानी मांगें। अब पूरा करने की चुनौती।