व्हेल हर राेज निगल रही है लाखों की संख्या में माइक्रोप्लास्टिक
अध्ययन के मुताबिक हर बार जब व्हेल शिकार को पकड़ती हैं तो लगभग 25,000 माइक्रोप्लास्टिक को निगल लेती है।
प्लास्टिक उपयोग गंभीर स्तर तक बढा, खारे दलदल में जमा हो रहे माइक्रोप्लास्टिक से चला पता: अध्ययन
वैज्ञानिकों ने उस प्लास्टिक की मात्रा का अनुमान लगाया गया है जो खारे दलदल में फंसा रह जाता है।
बिना मस्तिष्क की जेलिफिश, जानें किस तरह करती है बाधाओं को पार
अध्ययन के निष्कर्ष पिछली धारणाओं को चुनौती देते हैं कि, पूर्व अनुभवों से सीखने सहित उन्नत शिक्षा के लिए एक केंद्रीय मस्तिष्क की आवश्यकता ...
बैठे ठाले: टाइटेनिक 2050
“इस ग्लोबल वार्मिंग के चलते सारे हिमशैल पिघल चुके हैं। जब हिमशैल ही नहीं होंगे तो जहाज किससे टकराएगा?”
माइक्रोप्लास्टिक से बदल रहा है समुद्र में रह रहे केकड़ों का व्यवहार: रिसर्च
शोध के अनुसार माइक्रोप्लास्टिक जीवों के सोचने और समझने की क्षमता पर असर डाल रहा है| जिससे जीवों के व्यवहार में बदलाव आ रहा ...
खतरे में समुद्री मेगाफ्यूना, जैवविविधता को होगा भारी नुकसान
यदि इसी तरह चलता रहा, तो अगले 100 वर्षों में औसतन 18% समुद्री मेगाफ्यूना की प्रजातियों का नुकसान हो सकता है, जिससे पारिस्थितिक कार्यों ...
हिंद महासागर में लगातार बढ़ रहा है माइक्रोप्लास्टिक, समुद्री जीवों के लिए बना आफत: शोध
हिंद महासागर के निकट-सतह के पानी में प्रति घन मीटर में 50 माइक्रोप्लास्टिक कणों और फाइबर की औसत मात्रा पाई गई, जो खुले महासागर ...
भारत के दो और तटों को मिला प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग प्रमाणन, जानें क्या है यह प्रमाणन
भारत के दो और तटों कोवलम और ईडन को 'ब्लू फ्लैग' प्रमाणन दिया गया है, जोकि सारे देश के लिए गर्व की बात है। इससे पहले पिछले ...
समुद्री जैव विविधता के बारे में पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है ईडीएनए
ईडीएनए गोताखोरों द्वारा प्रजातियों के बारे में पता लगाने की तुलना में ज्यादा सटीक और अधिक संख्या में पता लगाने में सक्षम है
इंसान कितना कर चुके हैं समुद्रों पर निर्माण, वैज्ञानिकों ने पहली बार किया आंकलन
अब तक समुद्र के करीब 32,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर इंसानों ने निर्माण कार्य किया है। अनुमान है कि यह 2028 तक बढ़कर 39,400 वर्ग ...
बदलती जलवायु के कारण समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना हो रहा है कठिन: शोध
शोधकर्ताओं ने पाया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का धुंधला या काला पानी, समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना कठिन बना रहा ...
संकटग्रस्त व्हेल शार्क के लिए बड़ा खतरा है शिपिंग, घटती आबादी के लिए भी है जिम्मेवार
पता चला है कि शिपिंग की बढ़ती गतिविधियों के चलते इन विशालकाय मछलियों के बड़े जहाजों से टकराने का खतरा भी बढ़ता जा रहा ...
कितनी बड़ी समस्या बन गया है भारत में समुद्र में बढ़ता प्लास्टिक कचरा
भारत की प्रमुख नदियों एवं सहायक नदियों के द्वारा लगभग 15 से 20 प्रतिशत प्लास्टिक अपशिष्ट को बहाकर समुद्र तक लाया जाता है
फायदेमंद हो सकती है समुद्री सिवार की खेती, कृषि भूमि उपयोग में 11 करोड़ हेक्टेयर की होगी बचत
वैज्ञानिकों के मुताबिक सीवीड फार्मिंग, हर वर्ष भूमि उपयोग पर बढ़ते दबाव को कम करने के साथ-साथ कृषि उत्सर्जन में 260 करोड़ टन की ...
देश की ब्लू इकोनॉमी पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार, आप भी दें सुझाव
भविष्य की जरूरतों एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में समुद्री संसाधनों की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य से भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ‘ब्लू इकोनॉमी’ ...
जलवायु प्रणाली पर वातावरण के सूक्ष्म कणों का पड़ता है असर: अध्ययन
अध्ययन से पता चलता है कि पर्यावरण के लिए वायुमंडलीय कण कितने महत्वपूर्ण हैं। आकार में सूक्ष्म होने के बावजूद, उनकी आपूर्ति में भिन्नता ...
पानी में रहने वाली 33 प्रजातियों पर मंडरा रहा है बहुत आक्रामक होने का खतरा
शोधकर्ताओं ने जोखिम आकलन उपकरण से पता लगाया कि किसी प्रजाति का स्कोर जितना अधिक होगा, उस प्रजाति के आक्रामक होने का खतरा उतना ...
गर्म होते पानी से मछली के आकार पर पड़ रहा है अप्रत्याशित असर: अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग के कारण मछली जैसे जीव कम उम्र में तेजी से बढ़ेंगे लेकिन वयस्कों के रूप में उनका आकार छोटा होगा और मृत्यु ...
दुनिया का सबसे बड़ा सर्वाहारी जीव है व्हेल शार्क, रिसर्च में आया सामने
व्हेल शार्क जोकि दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री मछली है, उसको लेकर की गई नई रिसर्च से पता चला है कि यह मछली दुनिया ...
जलवायु परिवर्तन के चलते समय से पहले और कमजोर पैदा हो रही हैं शार्क मछलियां
तापमान बढ़ने से शार्क भ्रूण का विकास बहुत तेजी से हो रहा है जिस वजह से शार्क के बच्चे समय से पहले ही जन्म ...
सीफूड खाने से पहले जान लें यह बात, कहीं आपको गुमराह तो नहीं किया जा रहा
एक अध्ययन में कहा गया है कि कई देशों में समुद्री जीवों का मांस के कारोबार में कई तरह की गड़बड़ियां आ गई हैं
2019 में 271 लाख करोड़ रुपए थी प्लास्टिक उत्पादन की सामाजिक लागत, भारत की जीडीपी से भी है ज्यादा
अनुमान है कि 2040 तक यह लागत बढ़कर 520.2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगी, जो 2018 में वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य पर किए गए कुल खर्च का करीब 85 फीसदी है
समुद्री जीवों में प्रजनन से लेकर हार्मोनल चक्र तक में गड़बड़ी की वजह बन रहा प्रकाश प्रदूषण
रिसर्च से पता चला है कि कृत्रिम प्रकाश समुद्री जीवों के बीच आपसी व्यवहार से लेकर प्रजनन और हार्मोनल चक्र में बदलाव की वजह ...
चिंताजनक: हर दिन माइक्रोप्लास्टिक के 1 करोड़ कणों को निगल रही है व्हेल
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी पर रहने वाले अब तक के सबसे बड़े जानवर प्लास्टिक के सबसे छोटे कणों को ...
समुद्र में लीक तेल की थोड़ी मात्रा भी समुद्री पक्षियों के लिए है बड़ा खतरा
समुद्र में तेल की पतली परत जिसकी मोटाई 0.1 से 3 माइक्रोमीटर के बीच हो वो भी समुद्री पक्षियों के पंखों की संरचना पर ...