चमकी बुखार का अंतर्विरोध: डॉक्टर और वैज्ञानिक आमने-सामने
24 वर्ष बीत चुके हैं इस बीमारी को अभी तक सही वैज्ञानिक नाम नहीं मिल पाया है। विषाणु युक्त इंसेफ्लाइटिस है या जैवरासायनिक बीमारी, ...
पानी से परवरिश
उत्तर बिहार में पानी अथवा दलदली क्षेत्र लोगों को आर्थिक संबल और आजीविका उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाता है
चमकी बुखार वाले इलाकों में डॉक्टर के पास थर्मामीटर तक नहीं
बिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुखार मापने के लिए थर्मामीटर जैसे बुनियादी उपकरण मौजूद नहीं है। चिकित्सकों की कमी भी किसी बीमारी पर ...
सरकारी ढिलाई से बिहार में चमकी और तेज बुखार से 51 बच्चों की मौत
तेज गर्मी की वजह से बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस बीमारी की चपेट में आने से बच्चों की मौत हो रही है। जिसे रोकने में ...
ठीक हो चुके बच्चों कोे जीवनभर सता सकता है चमकी बुखार
चमकी बुखार के दौरान इलाज के बाद जो बच्चे बच गए हैं उनमें कुछ ऐसे भी दुर्भाग्यशाली हो सकते हैं, जिन्हें जीवन भर तंत्रिका ...
चमकी बुखार: क्यों थम गया था 2012 के बाद मौतों का सिलसिला, अब कहां हुई चूक
2018 तक हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्लूकोज की व्यवस्था थी, दो माह पहले ही तैयारी कर ली जाती थी, जो इस बार चुनाव ...
जहां कुपोषण से बच्चे मर रहे हैं, वहां क्यों खाली पड़े हैं पोषण पुनर्वास केंद्र
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की बड़ी वजह कुपोषण माना जा रहा है, वहां पोषण पुनर्वास केंद्र के बेड खाली पड़े हैं
चमकी प्रभावित इलाकों में अभी भी स्वास्थ्य कर्मियों के 60 फीसदी पद खाली
पिछले साल चमकी बुखार से 180 से अधिक बच्चों की मौत के बावजूद इस साल भी अब तक निबटने की बिहार सरकार की तैयारी ...
क्या बिहार में किसानों को धान से करनी होगी तौबा? बारिश का बदलता पैटर्न इसी ओर कर रहा इशारा
बिहार कृषि विभाग ने भी किसानों को मक्का जैसी फसलों को अपनाने की सलाह दी है, जिनके लिए सिंचाई की कम जरूरत होती है