बाढ़ के पूर्वानुमान में सुधार से भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लाखों की बच सकती है जान: शोध
शुष्क हवाओं की घुसपैठों के बाद शुष्क मौसम नहीं आया, बल्कि बारिश में वृद्धि हुई, औसतन 17 प्रतिशत और कुछ मामलों में, 100 प्रतिशत ...
एक साल में पांचवी बार बाढ़ का सामना कर रहा है बिहार
19 अक्टूबर से उत्तर बिहार में भारी बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं
हिमाचल प्रदेश में विनाश के लिए कितनी जिम्मेवार हैं विकास परियोजनाएं?
विशेषज्ञों ने कहा कि जिन इलाकों में विकास अधिक हुआ है, उन ही इलाकों में नुकसान ज्यादा हुआ है
1985 से 2020 के बीच भारत में 70 प्रतिशत बाढ़ के लिए वायुमंडलीय जलवाष्प जिम्मेवार, जानें कैसे?
भारत में 1951 से 2020 तक 596 प्रमुख वायुमंडलीय नदियों से संबंधित घटनाएं हुई, इनमें से 95 प्रतिशत से अधिक वायुमंडलीय नदियों के कारण ...
हिमालयी राज्यों में कब लगेंगे डॉप्लर रेडार?
बादल फटने जैसी अतिवृष्टि की घटनाओं से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हिमाचल-उत्तराखंड में तीन-तीन और जम्मू कश्मीर में दो डॉप्लर रेडार ...
बिहार में बाढ़ के लिए कितना जिम्मेदार फरक्का?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी पर बने फरक्का बैराज को हटाने की मांग की है। आखिर उथली होती गंगा और बिहार ...
मानव के सर्वशक्तिमान होने का भ्रम तोड़ रही हैं प्राकृतिक आपदाएं: अमिताभ घोष
बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक अमिताव घोष से विशेष बातचीत
भारत में मिट्टी के 68.4 फीसदी कटाव के लिए जिम्मेवार है बारिश, लैटकन्स्यू और चेरापूंजी में है सबसे ज्यादा खतरा
आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने एक नया मानचित्र तैयार किया है जिसकी मदद से देश में बारिश के कारण होने वाले कटाव संभावित क्षेत्रों ...
आपदाओं का वर्ष रहा 2021, निशाना बने हर रोज औसतन 2.8 लाख लोग
2021 में दुनिया में 435 विनाशकारी प्राकृतिक आपदाएं आई, जबकि पिछले 20 वर्षों में इनका औसत 357 घटनाएं प्रतिवर्ष था। अकेले भारत में 38 ...
पिछले 28 वर्षों में कटाव का सामना कर रहा है भारतीय तटरेखा का एक तिहाई हिस्सा
वहीं दूसरी ओर 1990 से 2018 के बीच करीब 27 फीसदी तटरेखा में विस्तार देखने को मिला है, जबकि 41 फीसदी तटरेखा पर कोई ...
48 साल बाद पर्यावरण और अपना अस्तित्व बचाने के लिए रैणी गांव ने फिर कसी कमर
हाई कोर्ट में याचिका रद्द होने के बाद रैणी गांव के लोग अब सीमित संसाधनों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा ग्लेशियल झीलों के टूटने का खतरा, बढ़ सकती हैं सिक्किम जैसी आपदाएं
डाउन टू अर्थ ने सिक्किम में आई बाढ़ के कारणों को समझने के लिए देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ कलाचंद ...
बाढ़ क्षेत्रों में बढ़ रही इंसानी बसावट, 30 वर्षों में 122 फीसदी बढ़ी बस्तियां
पिछले 30 वर्षों में ऐसे क्षेत्रों में इंसानी बसावट 122 फीसदी बढ़ी है, जहां बाढ़ का जोखिम बेहद ज्यादा है
हरियाणा: बाढ़ व सूखा देख बीमा कंपनियों ने बीमा से किया इंकार, सरकार पर उठे सवाल
बीमा कंपनियों का चयन मई तक होना चाहिए, अगस्त तक कंपनियों को समझ आ गया था कि इस बार उन्हें ज्यादा भुगतान करना होगा
पंजाब-हरियाणा बाढ़: जब सरकार हो गई फेल, किसानों ने मिल कर बांधे टूटे हुए बांध
घग्घर नदी के किनारे टूटने से पंजाब-हरियाणा के दर्जनों गांव में भारी तबाही मची, लेकिन प्रशासन कोई बचाव नहीं कर पाया
आपदा में अवसर: कोसी के बाढ़ग्रस्त इलाकों में ऐसे बढ़ रही है आमदनी
साल भर बाढ़ का पानी खेतों में खड़ा रहता है, इसलिए लोगों ने गेहूं-धान की खेती छोड़ कर मखाने की खेती शुरू कर दी ...
गहराते जा रहे जलवायु परिवर्तन के निशान: 2021 में बाढ़ की 50 से ज्यादा गंभीर घटनाएं की गई दर्ज
बाढ़ की इन घटनाओं से दुनिया भर में 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था
मार्च में बिजली गिरने से देश के 12 राज्यों में गई 60 की जान, भारी बारिश से हुई छह लोगों की मौत
12 राज्यों में वज्रपात की इन घटनाओं में करीब 60 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जो मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा थी। जहां छह ...
भारत में बाढ़, तूफान के चलते 2021 में 49 लाख से ज्यादा लोग हुए बेघर
2008 से 2021 के बीच देश में प्राकृतिक आपदाओं के चलते 5.34 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। इनमें से 74 फीसदी यानी ...
बाढ़ से खतरे में आने वाली आबादी में हुई एक चौथाई वृद्धि: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में 8.6 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रहते है जहां बाढ़ आने की सबसे अधिक आशंका है
चार धाम मार्ग परियोजना: पर्यावरणीय विभीषिका के पीछे बुनियादी चूक और वैज्ञानिक मूक
आजकल बरसात शुरू होते ही तमाम वो समस्याएं भूस्खलन और गलत रूप से निस्तारित मलबे के कारण मुखर होने लगी हैं
भारतीय नदी घाटियों में तेज वर्षा के पैटर्न में वृद्धि से शहरों में बढ़ेगा बाढ़ का सिलसिला: अध्ययन
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महामना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज की रिसर्च रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं
दरकते पहाड़ों से मध्य हिमालय को सबसे ज्यादा खतरा, उत्तराखंड, लद्दाख और हिमाचल भी जद में
हिमालय में लाखों लोग ऐसे क्षेत्रों में रह रहे हैं जो भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी आपदाओं के प्रति बेहद संवेदनशील हैं
मसूरी में भूस्खलन और अस्थिर ढलानों से प्रभावित क्षेत्रों पर दिया जा रहा है ध्यान: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि मसूरी में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की गई है
क्या जलवायु में आते बदलावों का आईना है पाकिस्तान में आई बाढ़?
अनुमान है कि 2090 तक पाकिस्तान के तापमान में 4.9 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होने की आशंका है जोकि वैश्विक औसत से कहीं ...